उत्तर प्रदेश सरकार ने उर्वरक वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने साफ किया कि किसानों को अब उर्वरक सिर्फ निर्धारित खुदरा मूल्य पर ही और पीओएस मशीन के माध्यम से रसीद के साथ बेचा जाएगा. किसी भी विक्रेता ने उपभोक्ता पर जबरन अन्य उत्पाद बेचने या अधिक कीमत वसूलने की कोशिश तो एफआईआर दर्ज की जाएगी.
कृषि मंत्री ने मंगलवार को राजधानी के लोक भवन में पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि उर्वरकों की उपलब्धता प्रदेश में संतोषजनक है. खरीफ सीजन 2025 के लिए अब तक 39.58 लाख मीट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध कराए गए, जिनमें से 25.62 लाख मीट्रिक टन की बिक्री हो चुकी है. शेष 9.91 लाख मीट्रिक टन स्टॉक के रूप में मौजूद है.
शाही ने बताया कि हाल ही में लखनऊ और सीतापुर में उर्वरक प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण किया गया जिसमें अनियमितताएं सामने आईं. सीतापुर के जैन इंटरप्राइजेज, बालाजी ट्रेडर्स, और न्यू अय्यूब खाद भंडार सहित कई प्रतिष्ठानों को सील कर दिया गया और कुछ के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए. लखनऊ में कुर्सी रोड स्थित किसान खाद भंडार पर किसानों से अधिक कीमत वसूलने की पुष्टि हुई. थोक विक्रेता ओमप्रकाश और जयप्रकाश द्वारा फुटकर विक्रेताओं को 300 रुपये प्रति बैग की दर से यूरिया बेचा जा रहा था जबकि तय रेट 266.50 रुपये प्रति बैग है. दोनों पर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
शाही ने कहा कि किसानों को प्रत्येक बिक्री पर रसीद उपलब्ध कराई जायेगी और अगर कोई थोक या फुटकर विक्रेता नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 एवं उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय एवं अंतरराज्यीय सीमाओं से सटे जनपदों में उर्वरकों की आपूर्ति एवं बिक्री पर विशेष सतर्कता बरती जायेगी. सीतापुर और लखनऊ में उर्वरक प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण किया गया, जिसमें कई अनियमितताएं पाई गईं.
सीतापुर जनपद में जैन इंटरप्राइजेज, सीतापुररू स्टॉक में गड़बड़ी, गलत रजिस्टरिंग, रिटेलर्स को कम मात्रा में यूरिया उपलब्ध कराना एवं टैगिंग पाई गई. प्रतिष्ठान को तत्काल सील कर विधिक कार्रवाई प्रारम्भ कर दी गई है. श्रीबालाजी एग्रो ट्रेडर्स, जेल रोड, सीतापुररू स्टॉक का मिलान सही नहीं पाया गया, जिसकी वजह से प्रतिष्ठान सील किया गया. आगे की जांच उपजिलाधिकारी की उपस्थिति में की जाएगी. बालाजी ट्रेडर्स, सिधौलीः स्टॉक व बिक्री रजिस्टर प्रस्तुत नहीं किए गए, रेट बोर्ड भी नहीं लगा था.
अन्य प्रतिष्ठानों-ए.एन.वी. एग्रो एण्ड कैमिकल्स, न्यू अय्यूब खाद भण्डार, न्यू अंसारी खाद भण्डार एवं तराई बीज भण्डार के प्रतिष्ठानों को प्रतिनिधि के मौके से भागने और अभिलेख प्रस्तुत न करने के कारण सील कर दिया गया.
कृषि मंत्री ने बताया कि लखनऊ में अनियमितताओं पर सीधी कार्रवाई की गई है. किसान खाद भण्डार, बेहटा, कुर्सी रोड कृषकों को निर्धारित दर 266.50 रु. प्रति बैग से अधिक दर पर यूरिया बेचा गया.
थोक विक्रेता ओम प्रकाश एवं जय प्रकाश द्वारा फुटकर विक्रेताओं को 300 रु. प्रति बैग की दर से यूरिया बेचने की पुष्टि हुई. दोनों के लाइसेंस निलंबित कर कार्रवाई की गई. पाल खाद भण्डार, कल्याणपुर बिक्री रजिस्टर में कृषकों के विवरण अधूरे मिले. कई कृषकों से संपर्क किया गया, जिनमें कई मोबाइल नंबर गलत या बंद पाए गए. प्रतिष्ठान को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
• POS मशीन से ही बिक्री होगी
• बिना रसीद बिक्री पर रोक
• फसल व जोत के अनुसार ही खाद की बिक्री
• सब्सिडी वाले नीम कोटेड यूरिया का औद्योगिक उपयोग सख्ती से प्रतिबंधित
• प्रत्येक जिले में निगरानी और समीक्षा अनिवार्य
कृषि मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर कोई विक्रेता किसानों को मुख्य उर्वरक के साथ अन्य उत्पाद खरीदने के लिए बाध्य करता है तो इसे गंभीर अपराध माना जाएगा और FIR दर्जकर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
यूरिया : 15,71,000 मीट्रिक टन
डीएपी : 2,98,000 मीट्रिक टन
एनपीके : 3,02,000 मीट्रिक टन
पोटाश : 81,000 मीट्रिक टन
एसएसपी : 3,22,000 मीट्रिक टन.
किसानों से मोबाइल पर मिल रही शिकायतों पर एक्शन
कुशीनगर के खड्डा और बलरामपुर के डेरा बाजार के किसानों ने मोबाइल पर शिकायत की कि उन्हें यूरिया, सल्फर और जिंक अधिक दाम पर दी गई. इन मामलों में एफआईआर दर्ज कर, विक्रेताओं के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं.
कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य में अब तक 1,07,000 रिटेलर लाइसेंस जारी हुए थे, जिनमें से 23,000 से अधिक नॉन-फंक्शनल लाइसेंस पोर्टल से हटा दिए गए हैं। अब सिर्फ सक्रिय रिटेलर ही खाद का व्यवसाय कर सकेंगे।
कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि किसानों को उर्वरक का संतुलित उपयोग सिखाया जाए. अत्यधिक रासायनिक खादों से भूमि की उर्वरता पर असर पड़ता है, इसलिए आने वाले समय में इसके प्रयोग को नियंत्रित और वैज्ञानिक पद्धति से किया जाएगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को समय पर उचित मूल्य पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है. किसी भी तरह की गड़बड़ी, कालाबाजारी या ओवररेटिंग बर्दाश्त नहीं की जाएगी. खाद की सुलभता, गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सरकार निरंतर सतर्कता और सख्त कार्रवाई के माध्यम से व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर रही है.
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