उत्तर प्रदेश में खरीफ की फसलों की बुवाई के साथ-साथ अब तेजी से यूरिया सहित डीएपी की मांग बढ़ गई है. बाराबंकी जिले के गोदाम में 97433 मीट्रिक टन यूरिया की उपलब्धता बताई गई है लेकिन यहां किसानों को प्रदेश कोऑपरेटिव फेडरेशन की सहकारी समितियों खाद (Fertilizer crisis) नहीं मिल पा रही है. यहां तक कि समितियों पर लटके ताले को देखकर किसान भी परेशान है. समितियों पर खाद की उपलब्धता ना होने के चलते निजी खाद विक्रेता किसानों से मनमाने दाम की वसूली कर रहे हैं. बाजार में किसानों को मजबूर होकर 40 से ₹50 अतिरिक्त देकर खाद की खरीद करनी पड़ रही है.
बाराबंकी में कुल 124 साधन सहकारी समितियां है जिनमें से 115 सक्रिय हैं. इसके अलावा भी जिले में उपभोक्ता भंडार, पीसीडीएफ, साधन सहकारी संघ, पीसीएफ और इफको केंद्र का भी संचालन हो रहा है. इन सभी समितियों पर खाद की उपलब्धता के बारे में जानकारी देने से अधिकारी भी बच रहे हैं. वही किसान पिछले 1 सप्ताह से समितियों के चक्कर लगा रहे हैं. बाराबंकी के दरियाबाद किसान समृद्धि केंद्र पर 3 दिनों से यूरिया नहीं है. इसके अलावा रामनगर में डीएपी तो है लेकिन यूरिया कई दिनों से नहीं है. किसान दुर्गेश ने बताया की खाद की कमी के चलते समस्या का सामना करना पड़ रहा है पिछले 3 दिनों से खाद के लिए हुए समितियों का चक्कर लगा रहे हैं. बाराबंकी के जिला कृषि अधिकारी रजीत राम ने बताया कि जिले में पर्याप्त मात्रा में यूरिया ,डीएपी, एनपीके की उपलब्धता है. समितियों पर खाद क्यों नहीं पहुंच पा रही है इसकी जानकारी मांगी गई है. वही जो दुकानदार ओवर रेटिंग करके किसानों को खाद बेच रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
ये भी पढ़ें :किसानों का पांच रुपये का आलू खुले बाज़ार में 25 रुपये कैसे हो गया, 5 पॉइंट्स में समझिए
बाराबंकी के किसानों को भले ही इन दिनों यूरिया की कमी का सामना करना पड़ रहा है लेकिन वही जिले के कृषि अधिकारियों तक किसानों की समस्याएं नहीं पहुंची है. यहां तक अधिकारी भी जिले में खाद की कोई कमी नहीं मानते हैं. बाराबंकी जिले के पीसीएफ प्रबंधक पंकज रावत ने बताया कि 28 जुलाई को ही दो रैक यूरिया के जनपद में आई है. उनके गोदाम में 97433 मीट्रिक टन यूरिया की उपलब्धता है. ऐसा ही बयान जिला कृषि अधिकारी का भी है. जबकि एआर कॉपरेटिव लोकेश त्रिपाठी ने बताया इस समितियों पर खाद की उपलब्धता के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है.