उत्तर प्रदेश में लखनऊ, कानपुर, बलिया, बाराबंकी, फिरोजाबाद समेत तमाम जिलों में किसानों के सामने खाद का संकट खड़ा हो गया है. किसान सुबह-सुबह सहकारी समितियों के केंद्र पर खाद पाने के लिए लाइन में खड़े हो रहे हैं. इस बीच राज्य के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही सोमवार को दिल्ली पहुंचकर उर्वरक एवं रसायन मंत्रालय में उर्वरक सचिव रजत कुमार मिश्रा से मुलाकात की. कृषि मंत्री ने भारत सरकार द्वारा उर्वरक की आपूर्ति एवं उपलब्धता तथा रैक के मूवमेन्ट के बारे में जानकारी हासिल की.
मुलाकात के दौरान शाही ने बताया कि रबी फसलों की बुवाई के दृष्टिगत वर्तमान में किसानों के बीच फास्फेटिक उर्वरकों की मांग में एका-एक वृद्धि हुई है. प्रदेश के पश्चिमी जनपदों में गेहूं की बुवाई भी तेजी से रही है साथ ही कृषकों के द्वारा दलहनी एवं तिलहनी फसलों की बुवाई भी लगभग पूरी कर ली गई है. आलू एवं गन्ना फसलों की बुवाई का कार्य भी शीघ्र ही पूरी होने वाली है. रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं की बुवाई भी पूरे प्रदेश में एक साथ प्रारंभ हो गई है, वर्तमान में लगभग 16000 मेट्रिक टन डीएपी एवं 11000 मेट्रिक टन एनपीके का क्रय किसानों द्वारा किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में एक साथ गेहूं की बुवाई को देखते हुए कम से कम 12 रैक फास्फेटिक उर्वरकों की प्रतिदिन आपूर्ति माह नवंबर, 2024 के बाकी दिनों में करने को कहा गया. इसके साथ ही प्रदेश के पश्चिमी जनपदों में यथा बुंदेलखंड के जनपदों में जहां पर अगेती बुवाई का कार्य चल रहा है, उन जनपदों को प्राथमिकता पर रैक को भेजा जाए.
बैठक के दौरान गत वर्ष माह अक्टूबर एवं नवंबर में खपत को दृष्टिगत रखते हुए इस वर्ष भी उतनी मात्रा में डीएपी की उपलब्धता सुनिश्चित करने की बात पर चर्चा हुई, किसानों को उनकी जरूरत के अनुसार डीएपी उर्वरक की आपूर्ति सुनिश्चित कराये जाने के सम्बन्ध में बातचीत हुई. सचिव, उर्वरक, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा कृषि मंत्री जी को आश्वासन दिया गया कि प्रदेश को फास्फेटिक उर्वरक की आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाएगी तथा प्रदेश हेतु डिस्पैच की जाने वाली फास्फेटिक उर्वरक रैक भी पश्चिमी पोर्ट से अधिक से अधिक प्रदेश को भेजा जाएगा.
इस अवसर पर कृषकों की उर्वरक क्रय करने दृष्टिगत सहकारिता क्षेत्र को प्राथमिकता दी जाती है, परन्तु कृषकों के द्वारा प्राथमिकता के आधार पर एक साथ सहकारिता क्षेत्र से उर्वरक क्रय करने हेतु पहुंचने से उर्वरकों की कमी होने के बारे में भी जानकारी दी गई तथा सहकारिता का एलोकेशन बढ़ाने तथा पूर्वी पोर्ट से उर्वरक आपूर्ति में पूर्वांचल के प्रयागराज एवं अयोध्या मंडल के जनपदों को भी सम्मिलित करने के बारे में कहा गया. बैठक के दौरान अनीता मैश्राम, अपर सचिव उर्वरक, सचिव कृषि, उत्तर प्रदेश अनुराग यादव एवं निदेशक परिसंचलन हरविंदर सिंह मौजूद रहे.
इससे पहले कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा है कि राज्य में 3.72 लाख टन से अधिक डीएपी और एनपीके उर्वरक की उपलब्धता है. उन्होंने कहा कि किसानों के लिए खाद की कमी नहीं होने दी जाएगी. केंद्र की ओर से 42 रैक उर्वरक अगले 3 दिनों के भीतर राज्य को और मिल जाएगी.
बता दें कि खाद संकट से परेशान होकर किसान जगह-जगह धरना-प्रदर्शन भी कर रहे हैं. खाद से जुड़ी समस्याओं के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे आकर मोर्चा संभाला है. उन्होंने प्रदेश में खाद की उपलब्धता को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की. मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि राज्य में किसानों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएं.
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