गर्मियों का मौसम आते ही बाजारों में ठंडी तासीर वाली सब्जियों का डिमांड बढ़ जाता है. ऐसे में उपज शुरू होने के बाद किसानों की हर दिन कमाई कराने वाली एक ऐसी ही सब्जी है तोरई है, जिसे नकदी फसल भी कहा जाता है. देश के कई हिस्सों में किसान तोरई की खूब बुवाई करते हैं. तोरई ऐसी फसल है, जिसकी बुवाई बीज और पौधों दोनों तरह से की जा सकती है. 50-60 दिनों में तोरई फल देना शुरू कर देती है. लेकिन, सबसे जरूरी है तोरई का अच्छी क्वालिटी का बीज मिलना. ऐसे में अलग आप भी मार्च-अप्रैल महीने में ताजा तोरई की उपज लेना चाहते हैं तो यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह से घर बैठे ऑनलाइन तरीके से आप तोरई के बीज मंगा सकते हैं.
यहां से खरीदें तोरई के बीज
- अभी के समय में किसान पारंपरिक फसलों को छोड़कर नकदी फसलों कर रहे हैं.
- कमाई के लिहाज से भी किसान बड़े स्तर पर इसकी खेती करते हैं.
- ऐसे में राष्ट्रीय बीज निगम ऑनलाइन तोरई की काशी ज्योति किस्म के बीज बेच रहा है.
- इस बीज को आप एनएससी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद कर सकते हैं.
- साथ ही इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर भी मंगवा सकते हैं.
'काशी ज्योति' की खासियत
- 'काशी ज्योति' तोरई की एक लोकप्रिय और अधिक उपज देने वाली किस्म है,
- इसे भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (ICAR-IIVR), वाराणसी द्वारा विकसित किया गया है.
- इस किस्म के फल आकर्षक, हल्के हरे रंग के और बेलनाकार होते हैं.
- यह अच्छी उपज क्षमता वाली किस्म है, जिसका औसत उत्पादन 15-19 टन प्रति हेक्टेयर तक हो सकता है.
- ये बुवाई के लगभग 60-75 दिनों के बाद तैयार हो जाती है.
- यह किस्म कुछ रोगों के प्रति सहनशील होती है, जिससे किसानों को कम लागत में अच्छा मुनाफा मिल सकता है.
काशी ज्योति की कीमत
- अगर आप भी तोरई की खेती करना चाहते हैं तो इसके बीज उपलब्ध हैं.
- आपको इसके 5 ग्राम के बीज का पैकेट फिलहाल 30 फीसदी की छूट के साथ मिल जाएगा.
- ये बीज आपको मात्र 30 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगा.
- इसे खरीद कर आप आसानी से सूरजमुखी की खेती कर सकते हैं.
बंपर उपज के लिए ये हैं टिप्स
- तोरई की खेती साल में तीन बार (गर्मी, खरीफ, रबी) की जा सकती है,
- इसके लिए अच्छी जल निकासी वाली उपजाऊ दोमट मिट्टी, पर्याप्त धूप और मचान विधि जरूरी है,
- जिससे बेलों को सहारा मिले, कीटों से बचाव हो और पैदावार बढ़े.
- जून-जुलाई और दिसंबर-जनवरी में बुवाई से अच्छा मुनाफा मिलता है.
- वहीं, खेती के लिए 3-4 बार गहरी जुताई करें, आखिरी जुताई के साथ 10 टन गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट मिलाएं.
- फिर बेड बनाकर बुवाई करें, बेड से बेड की दूरी 5-7 फीट और ऊंचाई 1-1.5 फीट रखें, ताकि पानी न रुके.