केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार, 17 अगस्त 2025 को रायसेन ज़िले के छीरखेड़ा गांव में सोयाबीन की फसल वाले खेतों का औचक निरीक्षण किया. उन्हें किसानों से शिकायत मिली थी कि खरपतवारनाशक दवा डालने के बाद उनकी फसलें पूरी तरह जल गई हैं. खेतों में पहुँचकर उन्होंने खुद स्थिति का जायजा लिया और किसानों से बातचीत की.
निरीक्षण के दौरान मंत्री ने देखा कि खेतों में सोयाबीन की फसल नष्ट हो चुकी है और वहां सिर्फ खरपतवार खड़े हैं. किसानों ने बताया कि यह नुकसान HPM कंपनी की दवा डालने से हुआ है. मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह एक-दो किसानों की नहीं, बल्कि कई किसानों की समस्या है, जिसे सरकार गंभीरता से ले रही है.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए उच्चस्तरीय वैज्ञानिकों की टीम गठित की गई है, जो खेतों का दौरा कर विस्तृत रिपोर्ट देगी. उन्होंने भरोसा दिलाया कि दोषी कंपनी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और किसानों को न्याय जरूर मिलेगा.
कृषि मंत्री के निर्देश पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने तुरंत एक जांच समिति बनाई है. इस समिति में खरपतवार अनुसंधान निदेशालय (DWR), जबलपुर के निदेशक डॉ. जे.एस. मिश्रा को चेयरमैन बनाया गया है. साथ ही ATARI जोन 9 और स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारी भी इसमें शामिल हैं. यह टीम 18 अगस्त को मौके पर पहुंचकर जांच करेगी.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नकली कीटनाशक और खाद-बीज बेचने वाली कंपनियों के खिलाफ देशभर में सख्त अभियान चलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि ये कंपनियाँ किसानों के साथ धोखा कर रही हैं और उनकी मेहनत को बर्बाद कर रही हैं. सरकार अब ऐसे मामलों में कोई ढील नहीं देगी.
मंत्री ने यह भी कहा कि KVK रायसेन के वैज्ञानिक की पुरानी रिपोर्ट सही नहीं है, इसलिए इस बार नई टीम जांच करेगी और सच्चाई सामने लाई जाएगी.
शिवराज सिंह चौहान ने भावुक होते हुए कहा, "अगर किसान की फसल चली गई, तो समझो उसकी जिंदगी ही चली गई." उन्होंने किसानों को भरोसा दिलाया कि सरकार हर पीड़ित किसान के साथ खड़ी है और उन्हें पूरा न्याय मिलेगा.
इस औचक निरीक्षण और सख्त फैसलों से यह साफ हो गया है कि सरकार किसानों की समस्याओं को लेकर गंभीर है. नकली दवाओं और खाद-बीज से बर्बाद हुई फसलों का जिम्मेदार अब बच नहीं पाएगा. किसानों को राहत और न्याय दिलाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है.