बायो फर्टिलाइजर को बढ़ावा दे रहा पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, किसानों को सस्ते में मिल रही ये काम की चीज

बायो फर्टिलाइजर को बढ़ावा दे रहा पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, किसानों को सस्ते में मिल रही ये काम की चीज

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय बायो फर्टिलाइजर के उपयोग से टिकाऊ कृषि को बढ़ावा दे रही है. पीएयू के कुलपति सतबीर सिंह गोसल ने कहा कि आधुनिक कृषि को उत्पादकता बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण की दोहरी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में बायो फर्टिलाइजर एक लाभकारी समाधान है.

बायो फर्टिलाइजरबायो फर्टिलाइजर
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Dec 28, 2025,
  • Updated Dec 28, 2025, 3:36 PM IST

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) बायो फर्टिलाइजर के उपयोग से टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. जैव उर्वरक यानी बायो फर्टिलाइजर रासायनिक खादों का एक पर्यावरण के अनुकूल विकल्प है, जो फसल की पैदावार बढ़ाता है. मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार करता हैा और पर्यावरण प्रदूषण को कम करता है. दरअसल, पीएयू के कुलपति सतबीर सिंह गोसल ने कहा कि आधुनिक कृषि को उत्पादकता बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण की दोहरी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में बायो फर्टिलाइजर एक लाभकारी समाधान है.

मिट्टी के स्वास्थ्य में को सुधारता है बायो फर्टिलाइजर

सतबीर सिंह गोसल ने कहा कि बायो फर्टिलाइजर सूक्ष्मजीवों से युक्त ऐसे पदार्थ होते हैं जिनमें बैक्टीरिया, कवक और शैवाल के जीवित उपभेद होते हैं. जब इन्हें बीजों, पौधों या मिट्टी में डाला जाता है, तो ये पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ाते हैं, वृद्धि को प्रोत्साहित करते हैं और मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार करते हैं. ये वायुमंडलीय नाइट्रोजन को स्थिर करने, फास्फोरस को घुलनशील बनाने में सक्षम हैं. ये पर्यावरण के अनुकूल पदार्थ फसल की पैदावार बढ़ाते हैं और किफायती होने के साथ-साथ प्रदूषण रहित भी हैं, जो इन्हें सतत कृषि के लिए आदर्श बनाते हैं.

विशेषज्ञों ने बताया कि वृद्धि को बढ़ावा देने वाले राइजो बैक्टीरिया फाइटो हार्मोन उत्पादन, सिदेरोफोर रिलीज और एंजाइम गतिविधि के माध्यम से पौधों को पोषक तत्वों के लिए सहायता करता है. गोसल ने आगे बताया कि पीएयू ने कई लाभकारी सूक्ष्मजीवों को मिलाकर बनाए गए बायो फर्टिलाइजर  भी विकसित किए हैं, जो पौधों की वृद्धि को बढ़ाते हैं और एकल-प्रजाति उत्पादों से बेहतर प्रदर्शन करते हैं.

पीएयू ने 22 फसलों के लिए तैयार किया ये खाद

पीएयू 22 फसलों के लिए बायो फर्टिलाइजर की सिफारिश करता है, जिनमें अनाज, गेहूं, चावल, मक्का, दाल जैसे चना, मसूर, ग्रीष्म मूंग, उड़द, सोयाबीन, अरहर, मूंग और मटर. वहीं, नकदी फसलें जैसे गन्ना, सब्जियां/मसाले जैसे प्याज, आलू, मेंथा और हल्दी. साथ ही तिलहन जैसे रेपसीड, सरसों, गोभी सरसों और सूरजमुखी और चारा जैसे बरसीम और ल्यूसर्न शामिल हैं.

किसान इन चीजों में कर सकते हैं बायो फर्टिलाइजर

पीएयू के एक विशेषज्ञ ने बताया कि किसान बीज उपचार, पौध उपचार या मिट्टी में जैविक उर्वरक डालकर उनका उपयोग कर सकते हैं. पीएयू प्रत्येक फसल के लिए अनुशंसित जैविक उर्वरक का उपयोग करने, समाप्ति तिथियों की जांच करने, पैकेटों को धूप से दूर रखने और रासायनिक कीटनाशकों के साथ मिलाने से बचने जैसी सावधानियों पर जोर देता है.

किसानों को कम पैसे में बेचा जा रहा बायो फर्टिलाइजर

ये बायो फर्टिलाइजर पीएयू के सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग के गेट 1 स्थित बीज की दुकान पर, पंजाब भर के कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) में और पीएयू द्वारा आयोजित प्रत्येक किसान मेले में मामूली कीमतों पर बिक्री के लिए उपलब्ध हैं. इन जैविक उर्वरकों के उचित उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए, इनकी बिक्री के साथ-साथ किसानों को इनके प्रयोग के तरीकों के बारे में मार्गदर्शन देने के लिए व्याख्यान और जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जाता है.

MORE NEWS

Read more!