देश में पिछले कुछ सालों से फूलों की खेती किसानों के बीच काफी तेजी से लोकप्रिय हुई है. उसमें गेंदा के फूल की मांग काफी अधिक रही है. गेंदा भारतीय फूलों में अत्यंत लोकप्रिय है. इसे पूरे वर्ष उगाया जाता है. गेंदा की खेती पूरे साल बहुत ही आसानी से की जाती है और मंडियों में पूरे वर्ष इसकी मांग बनी रहती है. इससे किसान बहुत ही कम समय में गेंदा की खेती से अच्छा पैसा कमा सकते हैं. यह बहुत महत्तवपूर्ण फूल है क्योंकि यह व्यापक रूप से धार्मिक और सामाजिक कार्यों में प्रयोग किया जाता है. वहीं कीटों को पकड़ने के लिए भी इस फसल का प्रयोग किया जाता है. कम समय के साथ कम लागत की फसल होने के कारण यह भारत की लोकप्रिय फसल बन गई है.
गेंदे के फूल का आकार और रंग काफी आकर्षक होता है, लेकिन बहुत से नए किसानों की यह समस्या होती है कि गेंदा के फूल का बीज कहां मिलता है. साथ ही अच्छे किस्मों के गेंदा के बीज उत्पादन के लिए किस तरह के गेंदा के फूल का बीज का उपयोग करें.
गेदें की एक काफी अच्छी किस्म है. मैरीगोल्ड एनएससी येलो आईयूएस 1000. इस किस्म की बीज अब किसानों को आसानी से मिल जाएगी. यह बीज आपको राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation) के वेबसाइट पर आसानी से मिल जाएगी. किसान इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं. ऑनलाइन आवेदन करने के लिए किसान इस लिंक पर ऑर्डर कर सकते हैं.
गेदें के फूल के इस किस्म की बहुत सारी खासियतें हैं. मैरीगोल्ड एनएससी येलो आईयूएस 1000 का बीज एक जंगली बीज होता है. वहीं इसके पौधे की ऊंचाई 50 से 55 सेमी होता है. इस किस्म से उगाए गए फूल का रंग पीला होता है. वहीं इसकी पहली फसल मात्र 40 दिनों में आने लगती है. इसके अलावा इस फूल का वजन 15 से 16 ग्राम का होता है. इसकी गुणवत्ता काफी अच्छी होती है.
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गेंदा मुख्य रूप से ठंडी जलवायु वाली फसल है. ठंड के मौसम में गेंदे की वृद्धि और फूलों की गुणवत्ता अच्छी होती है. जलवायु परिस्थितियों के आधार पर गेंदे की खेती मॉनसून, सर्दी और गर्मी तीनों मौसमों में की जाती है. फरवरी के पहले सप्ताह के बाद और जुलाई के पहले सप्ताह से पहले गेंदा लगाने से उपज और फूलों की गुणवत्ता पर अच्छा प्रभाव पड़ता है. इसलिए जुलाई के पहले सप्ताह से 15 दिनों के अंतराल पर बुवाई करने पर अक्टूबर से अप्रैल तक अच्छी उपज प्राप्त होती है. लेकिन सबसे ज्यादा पैदावार सितंबर में लगाए गए गेंदे से होती है.