प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बागवानी से जुड़े किसानों को राज्य सरकार के उद्यान विभाग की ओर से वितरित किया गया गोभी का बीज खराब निकल गया. इस वजह से किसानों की फसल खराब हो गई, जिसकी शिकायत किसानों ने प्रशासन से की है.शिकायत मिलने पर तत्काल मामले की जांच शुरु करने के आदेश दे दिये गये हैं. वाराणसी के जिला सूचना कार्यालय ने उद्यान अधिकारी के हवाले से बताया कि विभाग ने इस मामले काे गंभीरता से लेकर इसकी जांच शुरु करा दी है. किसानों को वितरित किये गये बीज से गोभी की फसल नष्ट होने की जानकारी उद्यान विभाग को मिली थी. इस पर कार्रवाई करते हुए किसानों को बांटे गये बीज का प्रयोगशाला में परीक्षण कराया जा रहा है.
वाराणसी के जिला उद्यान अधिकारी सुभाष कुमार ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा किसानों को फल एवं सब्जी उत्पादन के लिये प्रोत्साहित करने के लिये राज्यव्यापी स्तर पर ‘एकीकृत बागवानी विकास मिशन’ चलाया जा रहा है. इसके अंतर्गत किसानों को फल एवं सब्जियों के उन्नत बीज मुहैया कराये जाते हैं. इस क्रम में वाराणसी जिले के किसानों को संकर फूलगोभी की प्रजाति ‘हाईब्रिड हिम’ के बीज वितरित किये गये थे. कुमार ने बताया कि बीज की आपूर्ति हेतु राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड, लखनऊ (एनएससी) के क्षेत्रीय प्रबन्धक को आदेश दिये गये थे. एनएससी की ओर से बीज प्राप्त होते ही बागवानी मिशन में पंजीकृत किसानों को निःशुल्क बीज उपलब्ध कराये गये थे.
एनएससी ने बताया कि बीज के सम्बन्ध में किसानों की ओर से हाल ही में खराब बीज वितरित किये जाने की शिकायतें मिली. इस पर विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एनएससी के क्षेत्रीय प्रबन्धक को खराब बीज आपूर्ति किये जाने की सूचना दे दी है. कुमार ने बताया कि इस बीच एनएससी के अधिकारियों की टीम ने भी इस मामले में स्थलीय निरीक्षण कर लिया है.
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एनएससी के अधिकारियों ने विभाग को सूचित किया है कि किसानों को वितरित किए गए बीज की लैब टेस्टिंग करायी जा रही है. कुमार ने कहा कि लैब टैस्टिंग रिपोर्ट मिलने के बाद इस मामले में माकूल कार्रवाई की जायेगी.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक वाराणसी के पुआरीकला गांव के कुछ किसानों ने उद्यान विभाग को खराब बीज मिलने की शिकायत की थी. इस गांव के किसान राजेन्द्र कुमार सहित अन्य किसानों ने अपनी शिकायत में बताया कि जून और जुलाई में बोये जाने वाले गोभी के बीज का वितरण किसानों को अक्टूबर में किया गया.
किसानों का कहना है कि 90 से 110 दिन में तैयार होने वाली गोभी की फसल का बीज जून जुलाई में मिलना चाहिये था, लेकिन देर से बीज मिलने के कारण गोभी की बुआई के 10 दिन बाद ही फूल आने लगे। नतीजतन फसल अपरिपक्व अवस्था में ही पकने के कारण बेकार हो गयी. किसानों ने इसके लिये विभाग से मुआवजा देने की भी मांग की है.
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