अगर आम की खेती करने वाले किसान आम का बेहतर उत्पादन चाहते हैं तो वे अभी से ही आम की फसल की देखभाल कर बेहतर उत्पादन का लाभ उठा सकते हैं. बेहतर उत्पादन के लिए आम के पेड़ के पास मौजूद खरपतवारों को उगने से पहले ही दवा का छिड़काव कर साफ कर लें. आम की अच्छी पैदावार के लिए कृषि विशेषज्ञ से सलाह लेकर छिड़काव किया जा सकता है. अगर किसी पेड़ को नुकसान होने वाला है तो सबसे पहले पेड़ के तने के आसपास की घास-फूस को साफ कर लें. इसके बाद फफूंदनाशक सल्फेक्स और कीटनाशक एनीडाक्लोरपिड को मिलाकर पेड़ पर छिड़काव करें.
इसके छिड़काव से आम की फसल की बेहतर देखभाल होगी. यदि पेड़ सड़ गया है तो किसानों को भूलकर भी जहरीले रसायन का छिड़काव नहीं करना चाहिए. यदि आवश्यक हो तो नीम के तेल का छिड़काव करें. आपको बता दें नीम तेल का छिड़काव कर किसान आसानी से आम की पैदावार बढ़ा सकते हैं. वो कैसे आइए जानते हैं.
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कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि आम का पेड़ बौना हो जाए और उसमें बीज निकलने लगे तभी नीम के तेल का छिड़काव करना चाहिए ताकि उसमें नमी बनी रहे और उसकी देखभाल की जा सके. कटाई के बाद जहरीले रसायनों का प्रयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए. ये रसायन फलों को जहरीला बना सकते हैं, जिससे कई बीमारियां हो सकती हैं. इस कारण किसानों को आम के पेड़ों की खेती बहुत सावधानी से करनी चाहिए. किसानों को आम के पेड़ों में भरपूर मात्रा में पानी देने कि सलाह दी जाती है.
कभी-कभी आम के पेड़ में मकड़ी के जाले भी लग जाते हैं. इन जालों को बांस की सहायता से साफ करें. हर 15 दिन पर नीम के तेल का छिड़काव करते रहें. आम के पेड़ पर फूल आने के बाद रासायनिक कीटनाशकों के स्थान पर नीम के तेल का प्रयोग करें. आम के बगीचे में 15 दिन के अंतराल पर खाद और पानी देना भी जरूरी है.