Fertilizer Price Rise: एक तो बारिश कम और खाद भी हो सकती है महंगी, रबी सीजन में बढ़ी किसानों की टेंशन

Fertilizer Price Rise: एक तो बारिश कम और खाद भी हो सकती है महंगी, रबी सीजन में बढ़ी किसानों की टेंशन

खाद का दाम बढ़ने की आशंका इसलिए प्रबल है क्योंकि जिन समुद्री रूट से इसका व्यापार होता है, उन रूट पर अभी भारी हलचल चल रही है. दूसरी ओर पनामा नहर वैकल्पिक रूट के रूप में काम कर रहा है, लेकिन उसमें पानी का स्तर कम है. ऐसा सूखे की वजह से हो रहा है. इन कारणों से खाद की सप्लाई प्रभावित हुई है.

खादों के दाम में बढ़ोतरी देखी जा सकती है (सांकेतिक तस्वीर)
क‍िसान तक
  • New Delhi,
  • Jan 23, 2024,
  • Updated Jan 23, 2024, 2:02 PM IST

देश में खादों के दाम में वृद्धि देखी जा सकती है. अगर ऐसा होता है तो रबी सीजन में किसानों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ जाएगा. ऐसा इसलिए होगा क्योंकि दिसंबर में बारिश नहीं हुई है जिससे सिंचाई का खर्च बढ़ा है. इसके बाद खाद के भी दाम बढ़े तो किसान परेशान हो जाएंगे. खादों के दाम बढ़ने की आशंका इसलिए जताई गई है क्योंकि भारत में जिन समुद्री रास्तों से खाद का आयात होता है, उन रूट्स पर अभी भारी व्यवधान चल रहा है. इन रूट्स में लाल सागर और स्वेज नहर शामिल हैं. इन दोनों समुद्री मार्ग से खादों का सबसे अधिक व्यापार होता है. भारत में भी इसी मार्ग से खाद आयात होता है.

लाल सागर और स्वेज नहर का रूट डिस्टर्ब होने से दूसरे रूट से खादों की सप्लाई की जा रही है. इससे ढुलाई का खर्च बढ़ा है जिसे खादें भी महंगी हुई हैं. कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में सप्लाई की कमी हो सकती है जिससे दाम में उछाल मुमकिन है. एक तरफ लाल सागर और स्वेज नहर डिस्टर्ब चल रहे हैं जबकि दूसरी ओर वैकल्पिक रूट पर कई तरह के प्रतिबंध और निगरानी हैं जिससे माल पहुंचने में देरी और ढुलाई खर्च बढ़ता जा रहा है.

इसलिए बढ़ सकते हैं दाम

पनामा नहर वैकल्पिक रूट के तौर पर काम कर रहा है. लेकिन इस रूट पर भी एक बड़ी परेशानी है. इस रूट के पानी का स्तर कम चल रहा है. इस पूरे इलाके पर सूखे का असर है जिससे पनामा नहर का पानी पहले से कम हो गया है. इसलिए जहाजों की आवाजाही पर आंशिक प्रतिबंध है. यानी गिनेचुने जहाज ही इधर से पास किए जा रहे हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, सूखे से पहले इस नहर से हर दिन 38 जहाज पास होते थे, लेकिन अभी 24 जहाज ही जा रहे हैं. 

ये भी पढ़ें: तरबूज का साइज बढ़ाने के लिए सबसे जरूरी है यह काम, खाद से क्या फायदा होगा, ये भी जान लें

खाद के दाम बढ़ने की एक और वजह हो सकती है. सरकार ने कॉम्पलेक्स खाद के सब्सिडी रेट को पहले से 40 परसेंट तक कम कर दिया है. इससे खाद बनाने वाली कंपनियों के लाभ मार्जिन में कमी आ सकती है. इस कमी को पाटने के लिए खाद कंपनियां अपने माल का रेट बढ़ा सकती हैं. कुछ कंपनियों ने खाद के दाम बढ़ा दिए हैं और डीलरों को दिए जाने वाले डिस्काउंट को कम कर दिया है.  

मॉनसूनी बारिश का असर

इससे थोड़ा हटकर एक बड़ी खबर महाराष्ट्र और कर्नाटक से सामने आ रही है. इन दोनों राज्यों के बाजार में खाद की मांग तेजी से गिरी है क्योंकि इस बार मॉनसूनी बारिश कम हुई है. लिहाजा खाद की मांग घट गई है. बारिश अच्छी होने से खेती बढ़ती है और उसी के हिसाब से खाद की मांग भी बढ़ती है. इस बार ऐसा नहीं हुआ. महाराष्ट्र में इस बार प्याज की खेती भी कम हुई जिससे खाद के साथ फंगीसाइड की मांग भी गिरी है.

ये भी पढ़ें: पान के लिए बेहद खतरनाक है बीघा रोग, कुछ ही दिनों में सड़ा देता है पत्ता, ऐसे करें उपचार

 

MORE NEWS

Read more!