Fertilisers crisis: खाद संकट पर अब मानवाधिकार आयोग भी हुआ एक्टिव, किसानों पर लाठीचार्ज को लेकर सभी राज्यों को भेजा नोटिस

Fertilisers crisis: खाद संकट पर अब मानवाधिकार आयोग भी हुआ एक्टिव, किसानों पर लाठीचार्ज को लेकर सभी राज्यों को भेजा नोटिस

Fertilisers crisis: खाद के लिए लाइनों में लगे किसानों पर लाठीचार्ज का मुद्दा अब सुगलता जा रहा है. इसको लेकर अब मानवाधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया है. एनएचआरसी ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी किया है और उनके पुलिस प्रमुखों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि किसानों के खिलाफ अधिकारियों द्वारा "कोई कठोर कार्रवाई या बल या लाठीचार्ज" का प्रयोग न किया जाए.

क‍िसान तक
  • नोएडा,
  • Sep 13, 2025,
  • Updated Sep 13, 2025, 1:18 PM IST

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी करके सभी पुलिस प्रमुखों को निर्देश दिए हैं कि जो किसान लंबी कतारों में खड़े हैं या उर्वरक वितरण का इंतजार कर रहे हैं, उनके खिलाफ "कोई कठोर कार्रवाई या बल या लाठीचार्ज" का प्रयोग न किया जाए. यह नोटिस उस शिकायत के जवाब में जारी किए गए हैं जिसमें आरोप लगाया गया है कि देश भर के कई राज्यों में खाद की "गंभीर कमी" है, जिससे किसान, विशेष रूप से महत्वपूर्ण खरीफ सीजन के दौरान, जब फसलें उग रही होती हैं, बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. 

लाइन में लगे किसानों पर किया गया लाठीचार्ज

12 सितंबर की कार्यवाही में आगे आरोप लगाया गया है कि समय पर आपूर्ति न होने के कारण "किसान आंदोलित हैं". शिकायतकर्ता ने आयोग से हस्तक्षेप की मांग की है और यूरिया तथा डीएपी (डायमोनियम फॉस्फेट) जैसे उर्वरकों का उचित और समय पर वितरण सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों से "तत्काल कार्रवाई" करने का अनुरोध किया है. साथ ही यह भी कहा है कि यह जांच की जाए कि ये कमी क्यों हो रही है.

इस कार्यवाही में कहा गया है कि शिकायतकर्ता ने "वीडियो/लिंक" उपलब्ध कराए हैं, जिनमें उल्लेख किया गया है कि पुलिस और अधिकारियों द्वारा किसानों के खिलाफ कथित तौर पर लाठीचार्ज और बल का प्रयोग किया गया है, जो उर्वरकों की कमी के कारण कतारों में खड़े हैं या इंतजार कर रहे हैं.

सभी राज्य मुख्य सचिवों को नोटिस जारी करने का निर्देश

पैनल ने कहा कि शिकायत में लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया पीड़ितों के "मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन" प्रतीत होते हैं. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की एक पीठ, जिसकी अध्यक्षता इसके सदस्य प्रियांक कानूनगो कर रहे हैं, ने "मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 12 के तहत संज्ञान लिया है." रजिस्ट्री को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया जाता है, जिसमें उन्हें सभी जिलाधिकारियों या संबंधित अधिकारियों को शिकायत में लगाए गए आरोपों की जांच कराने और अपने-अपने राज्यों में किसानों को यूरिया और डीएपी जैसे उर्वरकों का उचित और समय पर वितरण सुनिश्चित करने के निर्देश देने का निर्देश दिया जाता है.

बल प्रयोग के खिलाफ पुलिस महानिदेशकों को निर्देश

साथ ही, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि "यूरिया/डीएपी उर्वरकों आदि के वितरण के लिए लंबी कतारों में खड़े/इंतज़ार कर रहे किसानों के विरुद्ध पुलिस अधिकारियों/प्रशासन द्वारा कोई कठोर कार्रवाई/बल/लाठीचार्ज/अपमानजनक व्यवहार न किया जाए और यदि कोई घटना घटित हुई हो, तो उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करें."

कार्यवाही में कहा गया है कि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव और रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के सचिव को किसानों के लिए उर्वरकों का उचित प्रबंधन और वितरण सुनिश्चित करने, और किसानों को आवश्यक उर्वरक बिना किसी परेशानी के प्राप्त करने में सुविधा प्रदान करने और इस संबंध में दो सप्ताह के भीतर आयोग के अवलोकनार्थ एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है.

दो सप्ताह के भीतर पेश करें रिपोर्ट

शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि पहले से ही सीमित संसाधनों से जूझ रहे गरीब किसान अब चिंतित और निराश हैं क्योंकि उन्हें अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त उर्वरक नहीं मिल पा रहा है. इसमें आगे कहा गया है कि सभी अधिकारियों को आयोग के अवलोकन के लिए दो सप्ताह के भीतर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाता है.

(सोर्स- PTI)

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