खेतों में लगे खरीफ फसल धान की हार्वेस्टिंग हो रही है और किसान रबी फसल की बुवाई की तैयारी में जुटे हुए हैं. इस बीच यूपी सरकार ने किसानों को बढ़ी राहत दी है. राज्य के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि चालू रबी सीजन में अब प्रदेश में गेहूं की बुवाई जोर पकड़ रही है, इसके लिए किसानो द्वारा गेहूं बीज क्रय किया जा रहा है. कृषि विभाग द्वारा इस वर्ष अनुदान पर गेहूं के 5 लाख कुंटल बीज की व्यवस्था की गई है, जिसके सापेक्ष अब तक 75 प्रतिशत से अधिक बीज का वितरण किया जा चुका है.
गौरतलब है कि सरकार द्वारा वर्तमान में पीओएस के माध्यम से किसानों को बीज का वितरण किया जा रहा है और अनुमन्य अनुदान काट कर आधे मूल्य पर ही बीज उपलब्ध हो रहा है. सरकार द्वारा यह सुविधा दिए जाने के फलस्वरूप किसानों में गेहूं बीज की मांग बढ़ गई है. शाही ने बताया कि किसानों की मांग के अनुसार विभिन्न जनपदों में गेहूं बीज की उपलब्धता के लिए निरंतर जनपदीय अधिकारियों, बीज आपूर्तिकर्ता संस्थाओं एवं मुख्यालय स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए समुचित बीज व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है.
उन्होंने बताया कि कृषि विभाग द्वारा 1.08 लाख अतिरिक्त गेहूं बीज की व्यवस्था कर प्रदेश में जनपदों की मांग के अनुसार आवंटन कर दिया गया है. जो कृषकों को अनुदान काट कर आधे मूल्य पर राजकीय कृषि बीज भण्डारों से वितरित किया जाएगा.
कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि गेहूं की समय से बुवाई लिए उन्नत प्रजाति HD-2967, DBW-187, DBW-222, HD-3086, HD- 3226, DBW-252 है. वहीं समय से से बुवाई के लिए सबौर समृद्धि, HI 1563 तथा देर से बुआई के लिए सबौर श्रेष्ठ एवं असिंचित अवस्था के लिए सबौर निर्जल की बुवाई कर सकते हैं. गेहूं में खरपतवार नियंत्रण के लिए बुवाई के 30 दिन बाद सल्फोसल्फ्यूरॉन और मेटसल्फ्यूरॉन (टोटल) 16 ग्राम प्रति एकड़ की दर से 120 से 150 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव कर सकते हैं.
चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार में मकोए या भांग की अधिकता हो तब क्लोडिनाफाप (160 ग्राम प्रति एकड़ और कार्पेन्ट्रोजोन (20 ग्राम/एकड़) की दर से 120 से 150 लीटर पानी में घोल बनाकर बुआई के 30 दिन बाद छिड़काव करें. गेहूं की फसल में बुवाई के समय 50 किग्रा. डीएपी एवं पहली सिंचाई के बाद प्रति एकड़ 56 किग्रा. यूरिया का प्रयोग करें. गेहूं की अधिक पैदावार के लिए दूसरी सिंचाई के बाद 56 किग्रा. प्रति एकड़ यूरिया का प्रयोग करें.
गेहूं की अधिक पैदावार व बेहतर आकार के स्वस्थ दानों के लिए दाना भरते समय सिंचाई जरूर करें. गेहूं में सही तरह से खरपतवार नियंत्रण के खरपतवारनाशी छिड़काव के लिए फ्लैटफैन नाजिल व बूम नाजिल का प्रयोग करें. जिंक की कमी के लक्षण दिखाई पड़ने पर चीलेटेड ज़िंक 12% EDTA का 200 ग्राम प्रति एकड़ की दर से 150-200 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें.