Urea crisis: खाद की किल्लत से किसान परेशान, 10 दिन चक्कर काटने पर मिलती है एक बोरी

Urea crisis: खाद की किल्लत से किसान परेशान, 10 दिन चक्कर काटने पर मिलती है एक बोरी

अमेठी में खाद की किल्लत से किसान परेशान, आठ दिन से चक्कर काटने के बाद चार बोरी की जगह मिल रही एक बोरी, खाद की देरी से फसलों का भी हो रहा नुकसान, सहायक आयुक्त का दावा- हम लोग निर्धारित सीमा से अधिक 125 प्रतिशत खाद बांट चुके हैं.

इटावा में किसान खाद न मिलने से परेशानइटावा में किसान खाद न मिलने से परेशान
अमित तिवारी
  • इटावा,
  • Aug 28, 2025,
  • Updated Aug 28, 2025, 1:24 PM IST

    जनपद इटावा में किसानों की चिंता दिनों-दिन बढ़ती जा रही है. खेतों में खड़ी फसलों को समय पर खाद न मिलने से नुकसान झेल रहे किसान अब समितियों के चक्कर काटते-काटते थक चुके हैं. कई दिनों की मशक्कत के बाद जब कहीं खाद मिल भी रही है तो जरूरत के मुताबिक नहीं, बल्कि सिर्फ एक या दो बोरी देकर किसानों को लौटा दिया जा रहा है.

    चार बोरी चाहिए थी, दो ही मिली
    इटावा की नई मंडी समिति पर पहुंचे किसान रमेश चंद्र पिछले 8 दिनों से लगातार लाइन में लग रहे थे. आज जाकर उन्हें खाद मिली, वो भी सिर्फ दो बोरी. उनका कहना है, “फसल के हिसाब से चार बोरी की आवश्यकता थी. सुबह से लाइन में खड़े थे, अब जाकर थोड़ा मिला है, लेकिन देरी से मिलने की वजह से फसल को भारी नुकसान हो चुका है.”

    फसल खराब हो रही
    ग्राम नगला हेलू से पहुंचे किसान गुड्डू का कहना है की 8-10 दिन से परेशान होने के बाद भी खाद की आपूर्ति नहीं हो पा रही है, लगातार खाली हाथ लौटते रहे हैं, फसल खराब हो रही है. अब अगर यह एक या दो बोरी मिल भी जाएगी तो इससे कोई फायदा नहीं है.

    हर दिन लाइन, हर दिन मायूसी
    ग्राम संतोषपुर ईट गांव से पहुंचे अरविंद सिंह ने कहा कि कई दिनों से लाइन में लगकर वापस चले जाते थे लेकिन खाद नहीं मिल रही थी, आज फिर सुबह से ही लाइन में लगे रहे, उम्मीद है कि शायद अब खाद मिल सकती है. पहले खाद डाल चुके हैं तो अब जरूरत केवल एक बोरी की है.

    सहकारिता विभाग का दावा: खाद की कोई कमी नहीं
    सहकारिता विभाग के सहायक आयुक्त कमलेश नारायण वर्मा ने बताया कि खाद की कोई कमी नहीं है, 50 समितियां पर खाद वितरण किया जा रहा है. पिछले साल से 125% से ज्यादा वितरण हो चुका है. 6 हजार 71 मीट्रिक टन अभी तक वितरण कर चुके हैं, जबकि पिछले साल 4 हजार मीट्रिक टन वितरण हुआ था, कोई समस्या नहीं है. 1900 मिट्रिक टन की रैक आई है, उसका भी समीतियों पर वितरण हो चुका है. किसान हमारी समितियों पर निर्भर हैं, इसलिए किसानों की समितियों पर भीड़ है. सभी किसानों को जल्दी होती है. इसलिए तहसीलदार, एसडीएम खाद वितरण में लगे हुए हैं. खाद की किल्लत की समस्या यह भी हो सकती है कि किसान अगली फसल के लिए भी स्टॉक करना शुरू कर दिया है जबकि सामान्य तौर पर आवश्यकता की आपूर्ति के लायक खाद तो दी जा चुकी है.

    MORE NEWS

    Read more!