भारत एक कृषि प्रधान देश है, और खेती को सफल बनाने के लिए मिट्टी की उर्वरता और पौधों की सही वृद्धि बेहद जरूरी है. इसके लिए खाद का सही चुनाव बहुत मायने रखता है. अगर किसान फसल की जरूरत और मिट्टी की जांच के अनुसार खाद डालें, तो उत्पादन में 15–20% तक की बढ़ोतरी हो सकती है. आज के समय में DAP, TSP, SSP और NPK जैसी खादें सबसे ज्यादा उपयोग की जाती हैं. आइए जानें, इन खादों में क्या अंतर है और कौन-सी खाद किस फसल के लिए सबसे असरदार है.
DAP, TSP, SSP और NPK क्या हैं?
ये चारों रासायनिक खाद पौधों को नाइट्रोजन (N), फास्फोरस (P) और पोटेशियम (K) जैसे मुख्य पोषक तत्व प्रदान करती हैं.
- DAP (Diammonium Phosphate): इसमें नाइट्रोजन और फास्फोरस दोनों होते हैं, जो पौधों की शुरुआती वृद्धि के लिए जरूरी हैं.
- TSP (Triple Super Phosphate): इसमें केवल फास्फोरस होता है, जो जड़ों की मजबूती बढ़ाता है.
- SSP (Single Super Phosphate): इसमें फास्फोरस के साथ गंधक (Sulphur) और कैल्शियम होते हैं, जो मिट्टी की गुणवत्ता सुधारते हैं.
- NPK खाद: यह तीनों तत्वों (N, P, K) का संतुलित मिश्रण है, जो पौधों को सम्पूर्ण पोषण देता है.
DAP खाद के फायदे और उपयोग
DAP सबसे लोकप्रिय खाद है क्योंकि यह फसल को शुरुआती विकास के समय दो जरूरी पोषक तत्व देती है.
फायदे:
- इसमें मौजूद उच्च फास्फोरस फसल की बढ़त को तेज करता है.
- यह पानी में आसानी से घुल जाती है, जिससे पौधे इसे जल्दी अवशोषित करते हैं.
- गेहूं, धान, दालों और तिलहन फसलों के लिए सबसे उपयुक्त है.
खाद देने की मात्रा
- धान और मक्का के लिए लगभग 80–100 किलो प्रति एकड़.
- कपास या गन्ने के लिए 120–150 किलो प्रति एकड़.
TSP खाद की विशेषताएं
- TSP में करीब 46% फास्फोरस होता है, लेकिन इसमें नाइट्रोजन नहीं होता.
- फायदे:
- यह उन मिट्टियों के लिए उपयोगी है, जिनमें फास्फोरस की कमी हो.
- पौधों की जड़ों के विकास में मदद करता है.
- दालों और मूंगफली जैसी फसलों के लिए फायदेमंद है.
SSP खाद का महत्व
SSP सबसे पुरानी और सस्ती खादों में से एक है, जिसे ग्रामीण क्षेत्रों में किसान काफी पसंद करते हैं.
फायदे:
- इसमें मौजूद गंधक (Sulphur) तिलहन और दलहन फसलों के लिए बहुत जरूरी है.
- कैल्शियम मिट्टी की संरचना को मजबूत बनाता है.
- यह आसानी से उपलब्ध और किफायती है, इसलिए किसानों के बीच लोकप्रिय है.
NPK खाद- सम्पूर्ण पोषण का स्रोत
NPK एक मिश्रित खाद है जिसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम तीनों का संतुलित अनुपात होता है (जैसे 10:26:26 या 14:35:14).
फायदे:
- सभी प्रकार की फसलों के लिए उपयुक्त है.
- फूल और फल बनने की प्रक्रिया को बढ़ाती है.
- पोषक तत्वों की कमी वाली मिट्टी में भी असरदार रहती है.
कौन-सी खाद है सबसे असरदार?
- अगर मिट्टी में फास्फोरस की कमी है, तो TSP या SSP सबसे अच्छा विकल्प है.
- अगर पौधों की बढ़त धीमी है और नाइट्रोजन व फास्फोरस दोनों की जरूरत है, तो DAP सबसे उपयुक्त है.
- अगर फसल को संतुलित पोषण चाहिए, तो NPK मिश्रित खाद का प्रयोग करना चाहिए.
कृषि वैज्ञानिकों की सलाह
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर किसान soil health card के अनुसार खादों का चयन करें, तो फसल की उत्पादकता 15% तक बढ़ाई जा सकती है. इसलिए, खाद डालने से पहले मिट्टी की जांच करवाना और फसल की जरूरत के अनुसार उर्वरक का चयन करना खेती को और अधिक लाभदायक बना सकता है.
भारत में खेती को सफल बनाने के लिए सही खाद का चुनाव सबसे जरूरी कदम है. चाहे DAP हो, TSP, SSP या NPK – हर खाद की अपनी खासियत है. अगर किसान समझदारी से सही समय पर और सही मात्रा में खाद का उपयोग करें, तो मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी, फसल बेहतर होगी और खेती अधिक लाभदायक बनेगी.
ये भी पढ़ें:
Animal Care: दस्तक देने लगा ठंड का मौसम, गाय-भैंस, भेड़-बकरी को बचाना है तो ऐसे करें तैयारी
Pulses Import: पहली छमाही में दालों का आयात आधा हुआ, जानिए क्यों बड़ी गिरावट