चीन ने पिछले दिनों कुछ ऐसा किया है जिसका भारत पर गहरा असर पड़ सकता है. चीन ने एक बड़ा फैसला लेते हुए भारत से आयात होने वाले साइपरमेथ्रिन पर एंटी-डंपिंग उपाय लागू कर दिए हैं जो कि फिलहाल प्रभावी हैं. आपको बता दें कि साइपरमेथ्रिन का प्रयोग मुख्य तौर पर कृषि क्षेत्र में कपास, फलों के पेड़ों, सब्जियों जैसी फसलों में कीटों के लिए कीटनाशकों का उत्पादन करने के लिए किया जाता है.
चीन के वाणिज्य मंत्रालय (MOFCOM) की तरफ से कहा गया है कि भारत से आयातित साइपरमेथ्रिन पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाई जाएगी. मंत्रालय ने कहा है कि एंटी-डंपिंग ड्यूटी का फैसला तब किया गया जब जांच अधिकारियों ने पाया कि भारत से साइपरमेथ्रिन के आयात में डंपिंग की गई है. उनका मानना है कि इससे घरेलू उद्योग को नुकसान पहुंचा है. चीन के वाणिज्य मंत्रालय की मानें तो भारत से आयात होने वाले पर 7 मई से पांच सालों के लिए एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाई गई है.
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार घरेलू उद्योग की तरफ से कुछ आवेदन वाणिज्य मंत्रालय को भेजे गए थे. इसके बाद भारत से आयातित साइपरमेथ्रिन के खिलाफ एंटी-डंपिंग जांच शुरू की गई. अखबार का दावा है कि जांच के दौरान, मंत्रालय ने चीनी कानूनों और WTO नियमों का सख्ती से पालन किया गया. जांच में साबित हुआ कि भारत से साइपरमेथ्रिन के आयात में महत्वपूर्ण डंपिंग शामिल है. प्रवक्ता ने कहा कि एंटी-डंपिंग शुल्क की दरें 48.4 प्रतिशत से 166.2 प्रतिशत तक होंगी.
साइपरमेथ्रिन (Cypermethrin) एक कृत्रिम कीटनाशक है और यह पाइरेथ्रॉइड ग्रुप का हिस्सा है. इसका उपयोग कीटों को मारने और नियंत्रित करने के लिए किया जाता है. इसका प्रयोग खेती, घरेलू, पशुपालन और औद्योगिक क्षेत्रों में किया जाता है. कृषि में यह फसल को कीटों जैसे फल छेदक, तना छेदक, थ्रिप्स, चेपा, फली छेदक आदि से बचाने के लिए प्रयोग होता है. वहीं गोदाम में भी इसका प्रयोग होता है और वहां यह अनाज को कीटों से बचाने के लिए प्रयोग किया जाता है.
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