उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ कि राजभवन में प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी में जहां 500 से ज्यादा तरह के रंग बिरंगे फूलों की किस्म का प्रदर्शन किया गया. तो वही सब्जियों की उन्नत किस्मों का भी प्रदर्शन हुआ. हालांकि 200 से ज्यादा तरह की सब्जियों को यहां प्रदर्शित किया गया है. लेकिन, इनमें सबसे ज्यादा चर्चा 6 फीट की लौकी की है. इस प्रदर्शनी में सबकी नजरें इस लौकी को ही ढूंढ रही थी. यह लौकी बाराबंकी के किसान के द्वारा उगाई गई है. राजभवन में प्रदर्शित की गई इस लौकी ने अपनी लंबाई के चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी पहले इस लौकी की लंबाई को नापने लगे और फिर हाथों में भी उठा कर देखा. वही प्रदर्शनी में आने वाले बच्चे और बड़े भी इस लौकी से अपनी लंबाई नापते हुए दिखाई दिए.
आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शिवपूजन सिंह ने लौकी की कुल 9 किस्मों को विकसित किया, जिनमें से नरेंद्र शिवानी का नाम भी शामिल है. इस लौकी की लंबाई 4 फिट से लेकर 7 फिट तक होती है. शिवपूजन सिंह ने ऑक्सीटॉसिन इंजेक्शन से होने वाली लौकी के फलों में एकाएक वृद्धि और उत्पादन में बढ़ोतरी के दुष्प्रभाव को देखते हुए इस खास किस्म को विकसित किया. इस लौकी को उगाने वाले किसान काफी ज्यादा उत्साहित रहते हैं क्योंकि इसकी लंबाई के चलते इससे किसानों की आय में भी इजाफा हो रहा है.
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बाराबंकी में नरेंद्र शिवानी किस्म की लौकी को उगाने वाले किसान रमाकांत बताते हैं कि उनके लिए यह किस्म काफी ज्यादा फायदेमंद साबित हुई है. जाड़े में नरेंद्र शिवानी प्रजाति को बोया जाता है. वहीं मचान विधि से खेती करने पर 700 से 1000 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है. यह सामान्य लौकी से महंगे दामों में बिकती है. नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय के द्वारा नरेंद्र शिवानी किस्म के बीज को बेचा जाता है, जबकि बाजार में भी अब यह किस्म उपलब्ध है.
लौकी सब्जी सेहत के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है. इसका सेवन करने से पेट में भारीपन नहीं रहता है और शरीर में ताजगी बनी रहती है. वही वजन घटाने के लिए लौकी का जूस काफी ज्यादा उपयोग किया जाता है. इसके सेवन से पाचन संबंधी समस्याओं के उपचार में मदद मिलती है.