ब‍िहार सरकार जैविक कृष‍ि उत्पादों की ब्रांडिंग पर देगी व‍िशेष ध्यान, प्लान तैयार

ब‍िहार सरकार जैविक कृष‍ि उत्पादों की ब्रांडिंग पर देगी व‍िशेष ध्यान, प्लान तैयार

बिहार सरकार चौथे कृषि रोड मैप में जैविक उत्पादों और मोटे अनाजों की ब्रांडिंग पर ज्यादा जोर देने की योजना बना रही है. इसके तहत जलवायु अनुकूल खेती और जैविक खेती को भी बढ़ावा द‍िया जाएगा . इसी के साथ कृषि विभाग गुणवत्ता के जांच को लेकर कई स्तर पर काम शुरू करने की तैयारी में हैं

कृषि विभाग का चौथे कृषि रोड मैप में जैविक उत्पादों की ब्रांडिंग पर रहेगा सर्वाधिक जोर, फोटो साभार: photo (google)कृषि विभाग का चौथे कृषि रोड मैप में जैविक उत्पादों की ब्रांडिंग पर रहेगा सर्वाधिक जोर, फोटो साभार: photo (google)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Dec 28, 2022,
  • Updated Dec 28, 2022, 6:41 PM IST

बिहार सरकार वर्ष 2023 से 2018 तक चौथा कृषि रोड मैप लागू करने जा रही है. ज‍िसके तहत ब‍िहार सरकार राज्य के जैविक उत्पादों और मोटे अनाजों की ब्रांडिंग पर व‍िशेष ध्यान देगी. इसको लेकर प्लान तैयार कर ल‍िया गया है. इसके तहत जलवायु के अनुकूल खेती और जैविक खेती को भी बढ़ावा द‍िया जाएगा. इसी के साथ कृषि विभाग गुणवत्ता के जांच को लेकर कई स्तर पर काम शुरू करने की तैयारी में हैं. कृषि विभाग जैविक उत्पादों को प्रमाणित होने के लिए दो लैब खोलने और साथ ही सब्जियों की खेती के लिए किसानों को जागरूक करने की भी योजना तैयार की  जा रही है.
 

बीज उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य

इस रोड मैप के तहत प्रदेश में अधिक से अधिक बीज उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को जागरूक करने की तैयारी चल रही है. सरकार की ओर से 2023-24 नए वित्तीय वर्ष के बजट में चौथे कृषि रोड मैप को लेकर विशेष तैयारी शुरू की गई है. इसके तहत राज्य में सभी तरह की फसलों के बीज उत्पादन को भी बढ़ाने की जिम्मेदारी बसोका ( बिहार स्टेट सीड एंड ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन एजेंसी) को सौंपी गई है. वर्तमान में बिहार के किसान दूसरे राज्यों से आने वाले 60 प्रतिशत बीज का उपयोग करते हैं.

ये भी पढ़ें:- बिहार में किसानों को नहीं काटने होंगे दफ्तरों के चक्कर, हाईटेक होंगे खेती के कई काम

ऐसे में सरकार की कोशिश है कि गुणवत्तापूर्ण बीज की तैयारी स्थानीय स्तर पर की जाए. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कृषि विभाग की जमीन का इस्तेमाल किया जाएगा. बसोका ( बिहार स्टेट सीड एंड ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन एजेंसी)  द्वारा राज्य के अंदर जैविक प्रमाणन लगभग 17 हजार एकड़ में किया गया है. 
 

बीज उत्पादन में हो रही वृद्धि

कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत बताते हैं कि राज्य में बीजों के प्रतिस्थापन की दर करीब एक तिहाई होनी चाहिए. वर्तमान में जहां धान और गेहूं के बीजों की प्रति स्थापन दर करीब 50 फीसदी है वहीं मक्का की 90 प्रतिशत के ऊपर है. उन्होंने बताया कि वर्ष दर वर्ष बीज बीज उत्पादन में बढ़ोतरी हो रही है. अब कृषि विभाग ने राजकीय बीज गुणन और बिहार राज्य बीज निगम को शुद्धिकरण करते हुए जरूरत के अनुसार बीज का उत्पादन करने का निर्णय लिया है. खासकर दलहनी और तिलहनी फसलों के बीजों का उत्पादन बिहार में काफी कम है.
 

किसानों को दिया जाए अच्छे गुणवत्ता का बीज

बसोका ( बिहार स्टेट सीड एंड ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन एजेंसी)  के निदेशक सुनील कुमार पंकज का कहना है की अगर अच्छी गुणवत्ता की बीज किसानों को दी जाए तो फसल उत्पादन के साथ-साथ किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी और उत्पादों की ब्रांडिंग में मदद मिलने की संभावना है.
 
ये भी पढ़ें:- दूध के दाम बढ़ाने की मदर डेयरी ने बताई यह वजह 

MORE NEWS

Read more!