कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले उर्वरक और कीटनाशक उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. हाल ही में जारी अधिसूचना के अनुसार अब राज्य के विभिन्न प्रखंडों में प्रखंड कृषि पदाधिकारी (बीएओ) और सहायक पौधा संरक्षण पदाधिकारी (एपीपीओ) को उर्वरक और कीटनाशकों की निगरानी के लिए निरीक्षक का अधिकार दिया गया है.
अब से, बीएओ कीटनाशक और उर्वरक दोनों के निरीक्षक के रूप में कार्य करेंगे, जबकि एपीपीओ उर्वरकों की विशेष निगरानी करेंगे. यह कदम कृषि विभाग की ओर से उर्वरकों और कीटनाशकों की गुणवत्ता की निगरानी को और भी सख्त करने का प्रयास है. कृषि और किसान कल्याण निदेशक और बागवानी महानिदेशक को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि इन अधिकारियों को उचित प्रशिक्षण दिया जाए और उन्हें विशिष्ट प्रदर्शन लक्ष्य दिए जाएं जिनकी समय-समय पर समीक्षा की जाएगी.
कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सैंपलिंग का काम मुख्य रूप से कृषि उपनिदेशक (डीडीए), गुणवत्ता नियंत्रण निरीक्षक (क्यूसीआई), उपमंडल अधिकारी (एसडीओ) और विषय वस्तु विशेषज्ञ (एसएमएस) द्वारा किया जाता है, लेकिन सीमित जनशक्ति के कारण समय पर सैंपलिंग करना एक चुनौती बन गया है. इसके अलावा, सप्लाई चेन की निगरानी, कालाबाजारी को रोकना और गुणवत्ता मानकों को बनाए रखना विशेष रूप से पीक सीजन के दौरान एक बड़ी चिंता का विषय रहा है.
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इस कदम के महत्व को बताते हुए कुरुक्षेत्र के कृषि उपनिदेशक (डीडीए) डॉ. करम चंद ने कहा, "उर्वरक और कीटनाशक कृषि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. बीएओ और एपीपीओ को यह अधिकार देने से इनपुट आपूर्ति की बेहतर निगरानी होगी और उत्पाद की गुणवत्ता बनी रहेगी. अब समय पर नमूने लिए जाएंगे और पीक सीजन के दौरान आपूर्ति वितरण पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी." उन्होंने यह भी बताया कि अक्सर किसानों से कृषि इनपुट की गुणवत्ता और प्रभावशीलता के बारे में शिकायतें मिलती हैं. जब ऐसी शिकायतें मिलती हैं, तो संबंधित बैच के नमूने जांच के लिए भेजे जाते हैं और परिणामों के आधार पर उचित कार्रवाई की जाती है. इससे यह सुनिश्चित होगा कि किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले उर्वरक और कीटनाशक मिलें और कालाबाजारी जैसी समस्याओं पर भी रोक लगेगी.
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इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से लागू करने के लिए राज्य स्तरीय प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएंगे. इन सत्रों में अधिकारियों को नमूना संग्रह प्रक्रियाओं और संबंधित कानूनी प्रावधानों के बारे में शिक्षित किया जाएगा, ताकि वे इस कार्य को सही ढंग से कर सकें. कृषि विभाग के इस कदम से उर्वरकों और कीटनाशकों की गुणवत्ता में सुधार होगा और किसानों को बेहतर उत्पाद मिलेंगे.
किसानों की शिकायतों को दूर करने और बाजार में गुणवत्ता नियंत्रित आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में यह कदम महत्वपूर्ण है. अब किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले कृषि इनपुट मिलेंगे और समय पर उर्वरकों और कीटनाशकों की आपूर्ति की निगरानी भी की जा सकेगी.