देशभर में अब तक किसान अबतक खरीफ सीजन के लिए खाद की लंबी कतारों में दिख रहे थे. लेकिन, अब रबी सीजन नजदीक आते ही किसानों में खाद जुटाने के लिए हलचल तेज हो गई है. इसकी एक बानगी हरियाणा के सिरसा जिले में भी देखने को मिल रही है. दरअसल, सिरसा में रबी सीजन की तैयारियों के बीच किसानों की डीएपी खाद को लेकर बढ़ी मांग अब प्रशासन के लिए चुनौती बन गई है. मंगलवार को 1,350 मीट्रिक टन खाद आने के बाद सरकारी और प्राइवेट वितरण केंद्रों पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी. हालात ऐसे बने कि किसानों को सुबह से लेकर दोपहर तक खाद के लिए भटकना पड़ा. वहीं, कृषि विभाग के मुताबिक, आज से जिले के 37 केंद्रों पर खाद का वितरण फिर से शुरू हो रहा है.
दि ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, अनाज मंडी केंद्र पर सुबह सात बजे से ही किसान कतारों में लग गए थे. कर्मचारियों ने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर चढ़कर टोकन बांटे, लेकिन करीब 150 किसानों को टोकन देने के बाद प्रक्रिया रोक दी गई. इससे नाराज किसान मौके पर विरोध जताने लगे. दोपहर करीब 2 बजे कुछ और टोकन जारी किए गए और दूसरे केंद्रों पर वितरण शुरू हुआ, लेकिन तब तक कई किसान पूरे दिन लाइन में खड़े होकर परेशान हो चुके थे.
कई किसानों ने शिकायत की कि वे इस सीजन में कई बार लाइन में लग चुके हैं, लेकिन खाली हाथ लौटना पड़ा. कनवारपुरा के सुशील कुमार और फूलकां गांव के वीरेंद्र कुमार ने बताया कि इस बार छह घंटे लाइन में खड़े रहने के बाद टोकन मिला. किसानों का कहना है कि हर बार बुवाई के सीजन में यही समस्या सामने आती है.
वहीं, कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे खाद के लिए घबराएं नहीं. कृषि उप निदेशक डॉ. सुखदेव कंबोज ने कहा कि गेहूं की बुवाई में अभी दो महीने का समय है. खाद को लंबे समय तक स्टोर करना उसकी क्वालिटी पर असर डाल सकता है. राज्य में डीएपी और यूरिया की कोई कमी नहीं है.
उन्होंने बताया कि रबी सीजन के लिए 45,000 एमटी डीएपी और 1.25 लाख एमटी यूरिया की मांग पहले ही भेजी जा चुकी है और आपूर्ति जारी है. किसानों को उनकी जरूरत के अनुसार खाद मिलेगी.