हरियाणा में किसान की आत्महत्या का मामला विधानसभा में गूंजा, विपक्ष ने डीएपी संकट को बताई वजह

हरियाणा में किसान की आत्महत्या का मामला विधानसभा में गूंजा, विपक्ष ने डीएपी संकट को बताई वजह

CM सैनी ने कहा कि राजस्व रिकार्ड के अनुसार मृतक रामभगत के नाम कोई जमीन गांव भीखेवाला में नहीं है. उनके  पिता किदार सिंह के नाम गांव भीखेवला में 3 कनाल कृषि योग्य भूमि है और 125 गज गैर मुमकिन जमीन है. रामभगत ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर भी रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया था.

हरियाणा में किसान की आत्महत्याहरियाणा में किसान की आत्महत्या
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Nov 15, 2024,
  • Updated Nov 15, 2024, 10:42 AM IST

अभी हाल ही में हरियाणा के जींद जिले में एक किसान ने आत्महत्या कर ली. आत्महत्या की वजह DAP खाद की संकट बताई गई, जिसको लेकर विपक्ष ने सरकार पर हमला किया. वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जींद में किसान की मृत्यु के मामले पर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि बड़े दुख की बात है कि रामभगत ने बीते  6 नवंबर को कीटनाशक दवाई पीकर आत्महत्या कर ली. लेकिन, यह और भी दुख की बात है कि कुछ लोग इस घटना को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं. बता दें कि मुख्यमंत्री 14 नंवबर को हरियाणा विधानसभा सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के बाद अपना जवाब दे रहे थे.

आत्महत्या पर CM सैनी की सफाई 

CM सैनी ने कहा कि राजस्व रिकार्ड के अनुसार मृतक रामभगत के नाम कोई जमीन गांव भीखेवाला में नहीं है. उनके पिता किदार सिंह के नाम गांव भीखेवला में 3 कनाल कृषि योग्य भूमि है और 125 गज गैर मुमकिन जमीन है. रामभगत ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर भी रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया था. जहां तक DAP की उपलब्धता की बात है भीखेवाला गांव दनौदा पैक्स के अंतर्गत आता है और दनौदा पैक्स में बीते 1 से 6 नवंबर तक प्रतिदिन कम से कम 1200 बैग DAP के उपलब्ध थे.

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"DAP नहीं है आत्महत्या की वजह"

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस दिन रामभगत ने आत्महत्या की उस दिन भी दनौदा पैक्स में 1224 बैग DAP उपलब्ध थी. साथ ही उस दिन वहां 600 से ज्यादा बैग DAP की बिक्री भी हुई है.  इस मामले में 7 नवंबर को पुलिस स्टेशन, उकलाना में दर्ज एफआईआर में उसके मृतक के मामा सतबीर सिंह जो हिसार जिला के कापड़ो गावं के रहने वाले हैं उन्होंने स्पष्ट कहा है कि रामभगत कई दिनों से मानसिक रुप से परेशान थे, इसलिए यह मामला DAP खाद से जुड़ा नहीं है. वहीं, दुख की बात ये है कि कुछ लोग किसान की मृत्यु पर दुखी न होकर उसका राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं.

विपक्ष ने डीएपी संकट को बताई वजह

बता दें कि बीते दिनों अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा की सांसद कुमारी शैलजा ने इस आत्महत्या पर कहा था कि यह प्रदेश का दुर्भाग्य है कि उकलाना में एक किसान ने खाद न मिलने के कारण आत्महत्या कर ली. सांसद कुमारी शैलजा ने कहा कि अगर कोई किसान खाद, बीज, कीटनाशक के लिए आत्महत्या करता है तो सरकार के लिए इससे बड़ी कोई शर्म की बात नहीं हो सकती, किसान खाद के लिए चीख रहा है और शासन प्रशासन एक ही बात कहता है कि खाद की कोई कमी नहीं है अगर कमी नहीं है तो किसान को खाद मिल क्यों नहीं रही है, क्यों परेशान होकर किसान आत्महत्या कर रहा है?

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