किसी भी किसान की फसल कैसी होगी ये इस बात पर निर्भर होता है कि बीज कितना उमदा है. खेतों में ये बीज कितने अच्छे से अंकुरित होगा ये इस बात पर निर्भर होता है कि बीच उपचार कितना अच्छे से किया गया है. यही वजह है कि बुवाई से पहले बीज उपचार एक आवश्यक कृषि प्रक्रिया है. बीज उपचार में बुआई से पहले बीजों को रसायनों, जैविक एजेंटों और दूसरी चीजों से उपचारित किया जाता है. ऐसा करने से किसान बीजों को मिट्टी से होने वाले रोगों, कीटों, फफूंद और कई तरह के संक्रमणों से बचा सकते हैं.
बुवाई से पहले बीज उपचार इसलिए करना चाहिए क्योंकि इससे प्राकृतिक रूप से रोग और कीट नियंत्रण किया जा सकता है. इससे बीज जनित रोग और कीटों को पनपने से पहले रोका जा सकता है. ऐसे में बीज उपचार करने से किसान की फसल तो बेहतर होती ही है, साथ ही रोग नियंत्रण करने में लागत भी बहुत हद तक घट जाती है. सबसे अच्छी बात ये है कि रसायन कम इस्तेमाल होने से बीज होता है और इससे पैदावार भी अधिक होती है.
इसका दूसरा फायदा बीज के अंकुरण में मिलता है. जब खेत में उपचारित किए हुए बीज डाले जाते हैं तो बीज बेहतर तरीके से अंकुरित होते हैं, जिससे फसल मजबूत और एकसमान विकसित होती है. इसके साथ ही खेती में रसायनों की भी बचत होती है. फसल पर रसायन स्प्रे करने की जगह बीज को उपचार करना ज्यादा लागत-प्रभावी और प्राकृतिक तरीका और पर्यावरण अनुकूल है.
बुआई से ठीक पहले किसान जरूरी जैविक तत्वों से बीज उपचार करते हैं. एक बार बीज उपचारित हो जाए तो इसे तुरंत बोना चाहिए. अगर उपचारित बीज रखे छोड़ दिए तो इसकी प्रभावशीलता कम हो सकती है. अब बीज उपचार भी 2 तरह से किया जाता है-
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