अदरक की बर्फी और बांस का मुरब्बा चखेंगे टूरिस्ट, दुधवा टाइगर रिजर्व में हुआ खास इंतजाम 

अदरक की बर्फी और बांस का मुरब्बा चखेंगे टूरिस्ट, दुधवा टाइगर रिजर्व में हुआ खास इंतजाम 

अदरक की बर्फी और बांस का मुरब्‍बा, सुनने में आपको थोड़ा अजीब लगेगा लेकिन यह सच है. यह सबकुछ मिलेगा दुधवा टाइगर रिजर्व में. जी हां, एक रिपोर्ट पर अगर यकीन करें तो यहां पर आने वाले पर्यटकों को टाइगर देखने के साथ-साथ सुनने में अजीब इन चीजों को स्‍वाद भी चखने को मिलेगा. इस टाइगर रिजर्व में न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के हर कोने से पर्यटक आते हैं.

 प्रधानमंत्री वन धन योजना के तहत उत्तर प्रदेश वन निगम का बड़ा कदम प्रधानमंत्री वन धन योजना के तहत उत्तर प्रदेश वन निगम का बड़ा कदम
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  • New Delhi ,
  • Jul 30, 2024,
  • Updated Jul 30, 2024, 7:36 PM IST

अदरक की बर्फी और बांस का मुरब्‍बा, सुनने में आपको थोड़ा अजीब लगेगा लेकिन यह सच है. यह सबकुछ मिलेगा दुधवा टाइगर रिजर्व में. जी हां, एक रिपोर्ट पर अगर यकीन करें तो यहां पर आने वाले पर्यटकों को टाइगर देखने के साथ-साथ सुनने में अजीब इन चीजों को स्‍वाद भी चखने को मिलेगा. इस टाइगर रिजर्व में न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के हर कोने से पर्यटक आते हैं. पर्यटकों को  फूड प्रोसेसिंग के तौर पर इन नए उत्‍पादों के स्‍वाद से रूबरू करवाने की तैयारी है. 

खास योजना के तहत मिल रही ट्रेनिंग 

पर्यटक अदरक से बनी बर्फी, अचार, बांस से बने मुरब्बे के अलावा  ऑर्गेनिक हल्दी जैसे कई खास उत्‍पादों का आनंद उठा पाएंगे. दुधवा आकर यहां पर बसे टाइगर और बाकी जंगली जानवरों को देखकर लौटने वाले पर्यटक इन प्रॉडक्‍ट्स को जल्द ही अपने साथ लेकर भी जा सकेंगे. दरअसल प्रधानमंत्री वन धन योजना के तहत उत्तर प्रदेश वन निगम की तरफ से यहां के लोगों की आजीविका और उनके जीवन स्‍तर को सुधारने के प्रयास किए जा रहे हैं.  इसके लिए निगम की तरफ से यहां के जंगलों के आसपास रहने वाली जनजाति और वनवासियों जिनमें मुख्‍य तौर पर महिलाएं हैं, उन्‍हें योजना के जरिये से प्रोसेसिंग बेस्‍ड ट्रेनिंग भी मुहैया कराई जा रही है. 

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खोले गए हैं कुछ ट्रेनिंग सेंटर्स 

ट्रेनिंग के लिए वन निगम की तरफ से दुधवा के चंदन चैकी, बेलपरसुआ, चीरियपुरवा के इलाकों में सेंटर खोले गए हैं.  इसमें जनजाति महिलाओं को अचार, मुरब्बा, अदरक की बर्फी जैसे फूड आइटम्‍स को बनाने की विधि और फिर इन्‍हें इन्हें बाजार में बेचने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है.  इसके साथ ही साथ ऑर्गेनिक हल्दी उत्पादन टेक्निक के बारे में भी इस योजना के तहत बताया जा रहा है. फूड आइटम्‍स के साथ-साथ बांस से बनने वाले मोबाइल कवर, स्टैंड,टोकरी और रोजमर्रा के जीवन में प्रयोग में आने वाली बाकी चीजों के बारे में भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अभी तक इस योजना के तहत तीन गांवा के  900 लोगों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है. हर सेंटर पर एक साथ 300 महिलाओं को इन प्रॉडक्‍ट्स को बनाने का तरीका बताया जा रहा है.  

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150 रुपये का स्‍टाइपेंड भी 

सेंटर पर प्रतिभागियों को ट्रेनिंग के समय रोजाना 150 रुपये का स्‍टाइपेंड में भी दिया जा रहा है. यह ट्रेनिंग चार दिनों की है और इसके बाद वन निगम महिलाओं को प्रॉडक्‍ट्स बनाने के लिए सामान और मशीन भी मुहैया करवाता है. वन निगम के मैनेजर बताते हैं कि इन महिलाओं के बनाए उत्पादों को निगम की तरफ से बाजार में प्रचार और बेचने के लिए भेजने की व्यवस्था की जाएगी.  टाइगर रिजर्व दुधवा में आने वाले टूरिस्‍ट्स के लिए इन प्रॉडक्‍ट्स की प्रदर्शनी और  बिक्री की जाएगी. इससे टूरिस्‍ट्स ये उत्पाद देश-विदेश में आसानी से लेकर जा सकेंगे और इनका लुत्‍फ उठा सकेंगे. 

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