
खेती-किसानी मेहनत का काम है. किसानों को जी जान लगाना पड़ता है तब कहीं जाकर उन्हें मुनाफा होता है. सूखा, कीट और रोग के अलावा किसानों की सबसे बड़ी दुश्मन नीलगाय और आवारा जानवर होते हैं. ये जानवर फसलों को खा जाते हैं और कुचलकर बर्बाद कर देते हैं. इस समस्या से निपटने के लिए किसानों को अक्सर रात-दिन खेतों की रखवाली करनी पड़ती है. हालांकि, कुछ ऐसे प्रभावी उपाय हैं जिनकी मदद से नीलगाय और जंगली जानवरों को खेतों से दूर रखा जा सकता है. आइए जानते हैं ऐसे में ही पांच उपाय जिससे खेतों से दूर रहेंगे नीलगाय.
1. नीम की खली: नीम की खली से किसान फसलों को बचा सकते हैं. इसके लिए तीन किलो नीम की खली और तीन किलो ईंट भट्टे की राख का पाउडर बनाकर प्रति बीघा के हिसाब से खेतों में छिड़काव करें. इससे फसल को भी फायदा होता है, नीम की खली से कीट और रोगों की लगने की समस्या भी कम हो जाती है और नीलगाय खेत के आसपास भी नहीं आते हैं. नीम की गंध से जानवर फसलों से दूर रहते हैं.
2. मुर्गी का अंडा: फसल को बचाने क़े लिए मुर्गी के 10-12 अंडों और 50 ग्राम वाशिंग पाउडर को 25 लीटर पानी में मिलाकर घोल बनाएं और खड़ी फसल के मेड़ों पर छिड़काव कर दीजिए. इसकी गंध से छुट्टा जानवर और नीलगाय खेत में नहीं आते. यानी इस उपाय को अपनाने से किसान अपनी फसलों को बचा सकते हैं.
3. राख का करें इस्तेमाल: जंगली जानवर और नीलगाय से फसल को बचाने के लिए राख का इस्तेमाल कर सकते हैं. इस समय किसान ठंड से बचने के लिए अपने घर में आग जलाते हैं और कुछ लोगों के घर में तो खाना भी चूल्हे पर पकता है. जहां से लकड़ी जलने के बाद राख मिल जाएगी. उस राख को अच्छे से ठंडा करके गेहूं, चना, मटर, मक्का और सब्जियों की फसल में छिड़क दें. नीलगाय और जंगली जानवर इसे एक बार तो खाएंगे, लेकिन दोबारा खेत में नहीं घुसेंगे.
4. मट्ठा और लहसुन का घोल: नीलगाय को खेतों की ओर आने से रोकने के लिए 4 लीटर मट्ठे में आधा किलो छिला हुआ लहसुन पीसकर मिला लें. इसमें 500 ग्राम बालू डालें. इस घोल को पांच दिन बाद छिड़काव करें. इसकी गंध से करीब 20 दिन तक नीलगाय खेतों में नहीं आएगी. इसे 15 लीटर पानी के साथ भी प्रयोग किया जा सकता है.
5. मेंड़ पर लगाएं पौधे: लहसुन के गंध से भी नीलगाय खेतों में नहीं आती है. साथ ही आप अपने खेतों के मेंड़ पर करौंदा, तुलसी, मेथा या फिर लेमन ग्रास का पौधा लगा सकते हैं. इन पौधों के सुगंध से नीलगाय आपके खेतों में नहीं घुसेगी. इन सभी उपायों से आप अपनी फसलों को नीलगाय के आतंक से बचा सकते हैं.