Parsley Cultivation: किसानों की आमदनी बढ़ा रही पार्सले की खेती, कम समय में हो रहा कई गुना ज्यादा मुनाफा, यहां जानें सभी डिटेल्स

Parsley Cultivation: किसानों की आमदनी बढ़ा रही पार्सले की खेती, कम समय में हो रहा कई गुना ज्यादा मुनाफा, यहां जानें सभी डिटेल्स

पार्सले ऐसी ही एक सब्जी है जो काफी हद तक धनिया जैसी दिखती है. इसका इस्तेमाल सलाद, सब्जी, करी और सूप बनाने में किया जाता है. बाजार में इसकी अच्छी मांग है. इसके कई औषधीय फायदे भी हैं. पार्सले में एंटीऑक्सीडेंट, खनिज, विटामिन ,कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस और आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है.

धर्मेंद्र सिंह
  • Lucknow ,
  • Mar 10, 2024,
  • Updated Mar 10, 2024, 12:01 PM IST

औषधीय खेती के माध्यम से आज उत्तर प्रदेश में युवा कई लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं. खेती में अब एग्जॉटिक फार्मिंग का चलन तेजी से बढ़ रहा है. इस फार्मिंग में ऐसी सब्जियों का उत्पादन होता है जो औषधीय फायदों के साथ-साथ इनका उपयोग महंगे होटल में होता है. पार्सले ऐसी ही एक सब्जी है जो काफी हद तक धनिया जैसी दिखती है. इसका इस्तेमाल सलाद, सब्जी, करी और सूप बनाने में किया जाता है. बाजार में इसकी अच्छी मांग है. इसके कई औषधीय फायदे भी हैं. पार्सले में एंटीऑक्सीडेंट, खनिज, विटामिन ,कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस और आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है. वहीं, बाजार में इसकी अच्छी कीमत भी मिलती है.

भारतीय धनिया का विकल्प है पार्सले

 धनिया का उपयोग सलाद रूप और सब्जी का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है. पार्सले का भी उपयोग दूसरे देशों में होता है. पार्सले 12 महीना तक बिकता है. इसे धनिया का विकल्प माना गया है. हालांकि इसकी तासीर और गुण धनिया से अलग है. नॉनवेज भी नया स्वाद भरने के लिए भी इस मसाले के रूप में उपयोग किया जाता है. इसको सुखाकर भी मसाले के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.

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किसान कब करें बुवाई

पार्सले की खेती करने के लिए बुवाई सही तरीके से करना जरूरी होता है. पार्सले के बीजों को अक्टूबर महीने में खेत की अच्छी तरीके से जुताई करके छिड़काव विधि से बुवाई करनी चाहिए. प्रति एकड़ 4 किलो बीज की जरूरत होती है. वही पार्सले की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है. बुआई से पहले बीजों को 24 घंटे पानी में भिगोना चाहिए जिसकी वजह से 4 से 6 सप्ताह में यह बीज अंकुरित होते हैं.

सूप-सलाद में खूब उपयोग

पार्सले का इस्तेमाल गांव में नहीं होता है बल्कि शहरों में इसकी डिमांड अच्छी है. पार्सले को लोग सूप, सलाद और सब्जियों की महक पढ़ने के साथ-साथ साजो में सजावट के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है. यूपी के नोएडा ,गाजियाबाद के साथ-साथ हरियाणा और राजस्थान के किसान भी इसकी खेती करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.

गुणों से भरपूर है पार्सले

पार्सले अपनी खुशबू और विशेष बात के चलते ही नहीं बल्कि अपने गुणों के लिए भी जाना जाता है. पार्सले के उपयोग से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. वहीं इसके पत्तों में आयरन, कैल्शियम, कैरोटीन के साथ-साथ विटामिन सी पाया जाता है जो शरीर के लिए काफी लाभकारी है. इसके उपयोग से हड्डियों की मजबूती बढ़ती है. वही  शोध में इसके एंटीबैक्टीरियल और एंटी फंगल गुड के भी होने की पुष्टि हुई है. इसे यूरिन संबंधी रोग में भी लाभकारी माना गया है.

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