कपास में फूल कम लग रहे या फूल झड़ने की समस्या हो तो तुरंत करें ये उपाय, पढ़ें एक्सपर्ट टिप्स

कपास में फूल कम लग रहे या फूल झड़ने की समस्या हो तो तुरंत करें ये उपाय, पढ़ें एक्सपर्ट टिप्स

कृष‍ि वैज्ञान‍िकों के अनुसार कपास के फूलों के गिरने के कई कारण हो सकते हैं. जिनमें जल जमाव, पोषक तत्वों की कमी और कीटों का प्रकोप शामिल है. कपास एक खरीफ सीजन की फसल है. अगस्त के महीने के दौरान कपास में कम फूल लगना और लगे फूलों का झड़ना विशेष रूप से दिखता है. 

कपास की खेतीकपास की खेती
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jan 25, 2024,
  • Updated Jan 25, 2024, 6:26 PM IST

कपास, दुनिया भर में एक महत्वपूर्ण नकदी फसल है, जिसका उपयोग कपड़ा उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर किया जाता है. कपास की फसल में कई तरह की समस्याएं आती हैं. ज‍िनमें एक है गुलाबी सुंडी. इसके अलावा कपास की फसल से फूल गिरने को रोकना भी किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती है. क्योंकि इसका सीधा असर उपज पर पड़ता है. उपज कम होती है तो क‍िसानों की आय पर असर पड़ता है. ऐसे में किसानों को कपास की फसल में फूल लगते समय ध्यान देने की जरूरत है. ध्यान नहीं देंगे तो नुकसान होगा. अगर समय रहते इस समस्या का प्रबंधन हो जाएगा तो नुकसान कम होगा. 

कृष‍ि वैज्ञान‍िकों के अनुसार कपास के फूलों के गिरने के कई कारण हो सकते हैं. जिनमें जल जमाव, पोषक तत्वों की कमी और कीटों का प्रकोप शामिल है. कपास एक खरीफ सीजन की फसल है. अगस्त के महीने के दौरान कपास में कम फूल लगना और लगे फूलों का झड़ना विशेष रूप से दिखता है. अगस्त के महीने में, बादल छाए रहने और बारिश के समय, कपास पूरी तरह खिलने की अवस्था में होते हैं.

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क्यों ग‍िरते हैं फूल 

वैज्ञान‍िकों का कहना है क‍ि ऐसे समय धूप और सूरज की किरणों की तीव्रता बहुत कम होती है. ऐसी परिस्थितियों में पौधे ऑक्सिन का उत्पादन नहीं कर पाते हैं, जो मुख्य रूप से पौधों में हार्मोन उत्पन्न करने के लिए जिम्मेदार होते हैं. इस समय बारिश होने से जल भराव की भी स्थिति हो जाती है और इसके कारण मिट्टी से फसल को पोषक तत्व भी नहीं मिल पाते हैं. ऐसे कृषि एक्सपर्ट किसानों को सलाह देते हैं वो पौधों तक पोषक तत्वों को पहुंचाने के ल‍िए कुछ एडवाइजरी का पालन करें. 

किसान ऐसे करें छिड़काव 

इस समस्या से बचने के लिए किसान 15 लीटर पानी में 15 ग्राम न्यूट्रीवन डॉट-बोरान 20% मिलाकर छिड़काव करें. 15 लीटर पानी में 4.5 मिलीलीटर प्लानोफिक्स बायर-अल्फा नेफथिल एसिटिक एसिड 4.5% SL मिला कर छिड़काव करने से भी इस समस्या पर नियंत्रण किया जा सकता है. रस चूसक कीटों पर नियंत्रण के लिए प्रति लीटर पानी में 8 ग्राम थायामिथोक्साम 25% WG (देहात एसीयर) या एन्टोकिल का प्रयोग कर सकते हैं.

किसान ये उपाय कर सकते हैं

1. खेत से पानी निकासी की उचित व्यवस्था करें. 
2. अधिक मात्रा में यूरिया देने से बचें.
3. यूरिया की जगह अमोनियम सल्फेट का प्रयोग करें. यह मिट्टी से नमी को अवशोषित करने में मदद करेगा, और मिट्टी से अधिक पोषक तत्वों को लेने में मदद करेगा.
4. अल्फा नेफथिल एसिटिक एसिड 4.5% SL @ 4.5 मिली / 15 लीटर पानी का छिड़काव करें.
5. बोरान 20% @ 15 ग्राम/15 लीटर पानी का छिड़काव करें. 
6. मैग्नीशियम सल्फेट कम से कम 15 किलो/ एकड़ म्यूरेट ऑफ पोटाश @ 25 किलो/एकड़ के साथ अमोनियम सल्फेट @25 किलो/ एकड़ मिट्टी में छिड़काव करें. (आवश्यकता के अनुसार इसे बढ़ाया जा सकता है). 
7. सबसे खराब स्थिति में, किसान 00-52-34 @75 ग्राम/15 लीटर पंप या 13-40-13 @75 ग्राम/पंप या 13-00-45 @75 ग्राम/पंप छिड़काव कर सकते हैं.

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