बाजरा की अच्छी उपज के लिए निराई का समय अहम, बिना पैसा खर्च किए कीटों-रोगों से बचाव का एक्सपर्ट ने बताया तरीका 

बाजरा की अच्छी उपज के लिए निराई का समय अहम, बिना पैसा खर्च किए कीटों-रोगों से बचाव का एक्सपर्ट ने बताया तरीका 

खरीफ सीजन में बाजरा की बंपर बुवाई करने वाले किसानों के लिए कीट और खरपतवार मुसीबत बन गई है. यूपी सरकार के कृषि एक्सपर्ट ने किसानों को कुछ उपाय बताए हैं, जिससे वह बंपर उपज हासिल कर सकते हैं.

यूपी समेत कई राज्यों के किसान इन दिनों तना छेदक कीट का सामना कर रहे हैं. यूपी समेत कई राज्यों के किसान इन दिनों तना छेदक कीट का सामना कर रहे हैं.
रिजवान नूर खान
  • New Delhi,
  • Aug 27, 2024,
  • Updated Aug 27, 2024, 4:47 PM IST

खरीफ सीजन में किसानों ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश समेत कुछ राज्यों में बाजरा की बंपर बुवाई की है और उपज ज्यादा होने की संभावना भी जताई गई है. लेकिन, अगर किसानों ने बाजरा की निराई गुड़ाई में सही अंतराल का पालन नहीं किया तो कई तरह रोग और कीटों का खतरा बड़ सकता है. यूपी समेत कई राज्यों के किसान इन दिनों तना छेदक यानी स्टेमबोरर कीट के प्रकोप का सामना कर रहे हैं. ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि विभाग ने किसानों को घने पौधों की छंटाई करने के साथ ही निराई-गुड़ाई के बीच सही अंतराल समेत फसल की देखरेख को लेकर एडवाइजरी जारी की है. 

67 लाख हेक्टेयर में बाजरा की बुवाई 

मिलेट्स यानी श्रीअन्न फसलों की खेती के लिए केंद्र सरकार ने किसानों को प्रेरित किया है. जिसके चलते खरीफ सीजन में बड़े पैमाने पर मिलेट्स फसलों की बुवाई की गई है. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 20 अगस्त तक देशभर में 66.91 लाख हेक्टेयर में बाजरा की बुवाई की गई है, जो पिछले सीजन में 69.70 लाख हेक्टेयर से कम है. क्योंकि, इस बार किसान मक्का, ज्वार और रागी की ओर शिफ्ट हो गए हैं. 

खरपतवार और कीटों के हमलों ने परेशानी बढ़ाई 

उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में बडे़ पैमाने पर बाजरा की खेती की गई है. लेकिन, किसान इन दिनों फसल में स्टेम बोरर, शूट फ्लाई, ईयरवर्म जैसे कीटों के हमलों से परेशान हैं. जबकि, अत्यधिक बारिश के चलते कई दिनों तक खेत में पानी रहने से खरपतवार की समस्या ने भी जोर पकड़ लिया है. फसल को इन समस्याओं से बचाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि विभाग के प्रसार शिक्षा और प्रशिक्षण ब्यूरो ने किसानों को सलाह जारी की है. 

पौधे की सही दूरी के लिए छंटाई जरूरी 

कृषि वैज्ञानिकों ने बाजरा किसानों से कहा है कि कीटों और खरपतवार की समस्या से छुटकारा पाने के लिए फसल में छटनी और निराई गुड़ाई का सही अंतराल बहुत जरूरी है. कहा गया कि कीटों की वजह से होने वाले रोगों से बचने के लिए किसान बाजरा के घने पौधों को निकालकर पंक्ति से पंक्ति की दूरी 45 से 50 सेंटी मीटर और पौधे से पौधे की दूरी 10 से 15 सेंटी मीटर रखें. इसके अतिरिक्त सभी पौधों की छंटाई कर दें. 

सही अंतराल पर निराई से खरपतवार और कीटों से छुटकारा 

कहा गया कि किसान बाजरा की पहली निराई बुवाई करने के 15 दिन बाद जरूर करें, ताकि पौधे के अंकुरण के साथ पनपे खरपतवार को नष्ट किया जा सके. इसके बाद दूसरी निराई 35 से 40 दिन के अंतराल पर करना जरूरी. इससे पहली निराई के बाद उपजे खरपतवार और कीटों की वजह से संक्रमित पौधों को हटाने में मदद मिलेगी. यह प्रक्रिया बाजरा के पौधे के विकास को बढ़ा देगी, जिससे तना मजबूत होगा और बाजरा का उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी. किसान इन उपायों के जरिए बिना पैसे खर्च किए रोग और कीट का प्रबंधन आसानी से कर सकते हैं.  

ये भी पढ़ें - 

MORE NEWS

Read more!