कीट नियंत्रण के लिए किफायती और पर्यावरण के अनुकूल उपाय खोजने में कई जैविक विकल्प बहुत महत्वपूर्ण हो सकते हैं, खासतौर पर तब जब रासायनिक उर्वरकों को लेकर जागरूकता बढ़ाई जा रही हो. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपके खाने की थाली का रंग और स्वाद बढ़ाने वाली मिर्च भी खेतों में कीट प्रबंधन के लिए कारगर हो सकती है. मिर्च में ऐसा ही एक समाधान होता है. मिर्च के तीखेपन की वजह होता है ऑर्गेनिक कैप्साइसिन और यही कई फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों के खिलाफ एक प्रभावी विकल्प साबित हो सकता है.
कैप्साइसिन मिर्च में एक एक्टिव फैक्टर है और यह कैप्सिकम जीनस के पौधों से मिलता है. यूं तो मिर्च आमतौर पर खाना पकाने में इस्तेमाल होती है लेकिन इसके कृषि संबंधी उपयोग भी बेहद अनमोल हैं. कैप्साइसिन, स्तनधारी जीवों जैसे हाथी के लिए एक तरह के रेपेलेंट के तौर पर काम करता है. इसमें कई कीटनाशक गुण भी पाए जाते हैं. यही कारण है कि यह घर में तैयार किए गए स्प्रे या रजिस्टर्ड बिजनेस प्रॉडक्ट्स के जरिये कुछ कीट संक्रमण को नियंत्रित करने में प्रभावी है.
कैप्साइसिन मधुमक्खियों के लिए जहरीला है और इसके प्रयोग में सावधानी बरतने की जरूरत है. इसे 'खतरनाक' लेबल किया गया है क्योंकि इसके स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं. अगर गलती से इसे निगल लिया जाए तो यह हानिकारक या जहरीला हो सकता है. यह त्वचा में जलन और आंखों को गंभीर तौर पर नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए कैप्साइसिन बेस्ड प्रॉडक्ट्स का प्रयोग करते समय लंबी आस्तीन, लंबे पैंट, दस्ताने, मोजे, जूते और चश्मा जरूर पहनना चाहिए.
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