यूपी सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ जरूरतमंद किसानों को मिल सके, इसके लिए सरकार ने ई-पड़ताल की कवायद को आगे बढ़ाया है.इसमें मोबाइल एप 'एग्री स्टैक' के माध्यम से हर खेत में लगी फसल का सर्वे किया जाता है. यह प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है और इसमें हर खेत की फसलों का विवरण दर्ज किया जाता है, इसलिए इसके माध्यम से दर्ज आंकड़े सटीक होते हैं. इसकी मदद से सरकार न केवल उत्पादन का सटीक आकलन कर पाती है बल्कि आपदा आदि में फसल की क्षति होने पर किसानों को क्षतिपूर्ति भी समय से दी जा सकती है. राज्य के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने सरकारी योजनाओं की समीक्षा बैठक में कहा कि रबी सीजन में ई खसरा पड़ताल का काम आगामी 01 जनवरी से शुरू किया जाना है. उन्होंने इसके लिए जरूरी तैयारी पूरी करने के निर्देश दिए.
ई खसरा पड़ताल के काम को पूरा करने के लिए लेखपाल को गांव- गांव जाकर हर खेत में लगी फसल का ब्योरा एप के माध्यम से बबबबबबबबब में दर्ज करना होता है. इसके लिए सभी लेखपालों को पहले ही लागिन एवं पासवर्ड दिए जाते हैं. समीक्षा बैठक में मिश्रा ने कहा कि किसानों के लिए बेहद लाभप्रद मानी गई ई- पड़ताल की पहल को समय से पूरा करने के लिए सभी जरूरी तैयारी कर ली जाएं.
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किसानों को खेती से जुड़ी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए किसानों और उनकी खेती से जुड़े सभी प्रकार के आंकड़ों को ऑनलाइन किया जा रहा है. इस विवरण को Digital Format में दर्ज करने के लिए एक ऐप बनाया गया है. इसे Digital Public Infrastructure For Agriculture यानी एग्री स्टैक नाम दिया गया है. इस ऐप के माध्यम से यह ब्योरा दर्ज किया जाता है कि किसी खेत में क्या फसल बोई गई है, या खेत बिना फसल बोए खाली पड़ा रह गया है.
इसमें अक्षांश और देशांतर के आधार पर खेत की भौगोलिक स्थिति को दर्ज करना पड़ता है.इसलिए लेखपाल को हर गांव में हर खेत पर जाकर फसल की ई पड़ताल करनी होती है.
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यूपी सरकार ने तीनों फसली सीजन के लिए साल में तीन बार ई पड़ताल कराने की तारीखें पहले से तय कर दी हैं. इसके तहत खरीफ सीजन की फसलों का ई पड़ताल सर्वे 10 अगस्त से 25 सितंबर के बीच किया जाने लगा है.इसके बाद रबी सीजन की फसलों के लिए 01 जनवरी से 15 फरवरी तक और जायद सीजन की फसलों के लिए 01 मई से 31 मई तक ई पड़ताल की जाती है.
यूपी में इसके तहत सभी 75 जिलों की 350 तहसीलों में 31002 अकाउंटेंट तैनात किए गए हैं. ये लेखपाल के साथ 35983 ई पड़ताल क्लस्टर का डेटा दर्ज करते हैं. इसमें खेत में लगी फसल की हालत, तस्वीर और अन्य जानकारियां दर्ज की जाती हैं.