बेहतर पैदावार के लिए मल्चिंग शीट की कितनी रखें चौड़ाई और मोटाई? इस्तेमाल में इन बातों का रखें ध्यान

बेहतर पैदावार के लिए मल्चिंग शीट की कितनी रखें चौड़ाई और मोटाई? इस्तेमाल में इन बातों का रखें ध्यान

मल्चिंग शीट का आज खेती में काफी प्रयोग हो रहा है. यह दरअसल मौसम के प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए प्रयोग में आता है. इसे आप एक किसी फसल या पौधों का सिक्‍योरिटी कवर भी कह सकते हैं. माल्चिंग शीट फलों की खेती और बागवानी के लिए सबसे फायदेमंद तकनीकों में से एक है. माल्चिंग शीट नमी की मात्रा को नियंत्रित करता है.

माल्चिंग शीट के प्रयोग से कई तरह के फायदे देखे गए हैं
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Mar 27, 2024,
  • Updated Mar 27, 2024, 5:46 PM IST

मल्चिंग शीट का आज खेती में काफी प्रयोग हो रहा है. यह दरअसल मौसम के प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए प्रयोग में आता है. इसे आप एक किसी फसल या पौधों का सिक्‍योरिटी कवर भी कह सकते हैं. माल्चिंग शीट फलों की खेती और बागवानी के लिए सबसे फायदेमंद तकनीकों में से एक है. माल्चिंग शीट न सिर्फ नमी की मात्रा को नियंत्रित करता है बल्कि आर्द्रता, कार्बन डाइऑक्साइड को भी कंट्रोल करती है और फसलों के लिए उचित तापमान और उनके लिए माइक्रो क्‍लाइमेट का निर्माण करता है. 

क्‍या होती है माल्चिंग शीट 

माल्चिंग शीट दरअसल प्‍लास्टिक की एक फिल्‍म होती है जो पौधों के चारों तरफ की जमीन को ढकने के लिए काम में आती है. आजकल बाजार में यह कई रंगों और मोटाई में मौजूद है जिसे किसान अपनी जरूरतों के हिसाब से खरीद सकते हैं. बाजार में आमतौर पर काली, नीली, पारदर्शी, पीली, लाल और भूरे रंग की माल्चिंग शीट मिलती हैं. मल्चिंग शीट मिट्टी की नमी के स्तर को संतुलित रखने, जड़ स्तर पर तापमान को बनाए रखने, माइक्रोबियल गतिविधि में सुधार करने और कुछ और कामों के लिए प्रयोग में आती है. 

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यह मिट्टी के कटाव की संभावना को भी कम करती है और जरूरी पोषक तत्व भी प्रदान करती है. इसके अलावा यह खरपतवार को भी नियंत्रित करती है. फसल में पानी का कम प्रयोग होता है और इसलिए पैदावार भी में भी इजाफा होता है. इस शीट की वजह से मिट्टी की ऊपरी परत कठोर नहीं हो पाती है और इस वजह से फसल स्‍वस्‍थ रहती है. 

माल्चिंग शीट के प्रयोग से सब्जियां उगाने पर फसल में 35 से 60 फीसदी तक की वृद्धि देखी गई है. इस शीट के प्रयोग के बाद पपीते की फसल में 60 से 65 फीसदी और बाकी फसलों में 25 से 50 फीसदी तक का इजाफा देखा गया है. 

कितनी चौड़ाई और मोटाई 

खेती के लिए आपको 90 सेमी से 180 सेमी तक की चौड़ाई वाली माल्चिंग शीट चुननी चाहिए. वहीं इसकी मोटाई फसल पर निर्भर करती है. फलों की खेती के लिए करीब 20 से 40 माइक्रॉन की प्‍लास्टिक माल्चिंग शीट सही रहती है. आप इन्‍हें पौधें के तने के आसपास लगा सकते हैं.  प्लास्टिक मल्चिंग शीट व्यावसायिक रूप से लोकप्रिय हैं और कई किसान इसका प्रयोग भी करते हैं. प्लास्टिक माल्चिंग शीट भी तीन तरह की होती है. 

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काली माल्चिंग शीट 
काली शीट जमीन के तापमान को नियंत्रित करती है. यह फसल को खरपतवार से बचाती है और मिट्टी में नमी को बरकरार रखती है. बागवानी के लिए काली शीट बेहतर रहती है. 

सिल्‍वर माल्चिंग शीट 
सिल्‍वर या दूधिया रंग की माल्चिंग शीट भी काली शीट की तरह तापमान को नियंत्रित करती है और खरपतवार को रोकती है.  

पारदर्शी माल्चिंग शीट 
इस शीट का प्रयोग ज्‍यादातर ठंड के मौसम और सौर ऊर्जा के लिए किया जाता है. ठंड के समय में लगाई जाने वाली फसल के लिए यह बेहतर रहती है. 

 

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