बीते कुछ सालों से हम सब ने बहुत सारे परिवर्तन देखे हैं. हर क्षेत्र में मैन पावर कम हुई है और मशीनों का काम बढ़ा है. खेती-बाड़ी में भी मशीनों का उपयोग बढ़ गया है. आज खेतों की जुताई से लेकर फसलों की कटाई और कटाई के बाद फसलों का भंडारण तक हर काम मशीनों से होने लगा है. किसानों की सबसे बड़ी समस्या ही यही थी कि खेती का काम बड़ी मेहनत का है और इसमें समय भी बहुत लगता है लेकिन ये बीते जमाने की बात हो गई है. मशीनों के इस दौर में धान रोपने की भी मशीन खूब डिमांड में है जिसका नाम पैडी ट्रांसप्लांटर (Paddy Transplanter) है इसे राइस ट्रांसप्लांटर भी कहते हैं. इस खबर में आपको पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन से जुड़ी तमाम बातें बताने जा रहे हैं.
पैडी ट्रांसप्लांटर धान रोपने वाली मशीन है. मशीनों का जिक्र हो तो हर कोई समझ लेता है कि इससे समय और मेहनत की बचत होती है. इस मशीन के साथ भी यही है कि इससे धान रोपने का काम तेजी से होता है. जहां एक किसान को दिनभर का समय लगता है वहीं इस मशीन से ये काम आधे घंटे में पूरा हो जाता है. इसके अलावा पैडी ट्रांसप्लांटर से रोपे गए पौधे कतारबद्ध होते हैं साथ अधिक स्वस्थ होते हैं. जिससे खाद-पानी देने में आसानी होती है और इनकी ग्रोथ भी एक समान और तेजी से होती है. समान दूरी पर पौधे होने के चलते खरपतवारों की साफ-सफाई भी आसान हो जाती है. इसके अलावा इस मशीन में एक बार में 4-8 कतारों में एक साथ पौधे लगाए जा सकते हैं.
पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन के फायदे जानने के बाद ये जानना भी जरूरी है कि इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है. आपको बता दें कि धान रोपने की ये मशीन राइडिंग टाइप और वॉक बिहाइंड दो तरह की होती है. राइडिंग टाइप मशीन को चलाना आसान होता है क्योंकि ये छोटे ट्रैक्टर की तरह होती है जिस पर बैठकर चलाया जा सकता है.
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वहीं वॉक बिहाइंड मशीन छोटे आकार की होती है इस मशीन को पैदल चलते हुए ऑपरेट करना होता है. जैसे हाथ ठेला चलाया जाता है ठीक उसी तरह से वॉक बिहाइंड मशीन भी चलाई जाती है. दोनों ही मशीनों में धान के पौध रखने की जगह होती है.
पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन से पौधा रोप रहे हैं तो कम पानी में भी काम हो जाएगा. पारंपरिक तरीके से धान की रोपाई करने वाले जानते हैं कि धान रोपने के लिए घंटों घुटने तक पानी में झुककर पौध रोपना होता है लेकिन इस मशीन का उपयोग करने पर झुक कर काम करने की कोई जरूरत नहीं है. एक अन्य बात जो अक्सर नजरअंदाज की जाती है वो ये कि रोपाई के समय घंटों तक पानी में रहना पड़ता है जिससे पैरों में कीचड़ की वजह से कई बीमारियां और संक्रमण का खतरा रहता है, इस मशीन के बाद उस समस्या से भी कुछ हद तक छुटकारा मिल सकता है.