केला, मूंगफली और राजमा के साथ करें अनानास की खेती, एक साथ मिलेगी कई गुना कमाई

केला, मूंगफली और राजमा के साथ करें अनानास की खेती, एक साथ मिलेगी कई गुना कमाई

गर्मियों में अनानास की मांग बेहद बढ़ जाती है. इसलिए कि इसका ताजा रस गर्मी के प्रकोप को दूर करता है. साथ ही इसके कई औषधीय गुण इंसानी शरीर को रोगमुक्त और सेहतमंद रखते हैं. अनानास एक सिंचित फसल है जिसकी खेती उन इलाकों में होती है जहां बहुत अधिक बारिश होती है. जिस इलाके में 100-150 एमएम तक बारिश होती है, वहां अनानास को आसानी से उगाया जा सकता है.

अनानास की खेतीअनानास की खेती
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jan 23, 2025,
  • Updated Jan 23, 2025, 1:49 PM IST

सहफसली यानी इंटरक्रॉपिंग तकनीक का जमाना है. एक साथ कई फसलों की खेती करके किसान कई गुना तक कमाई कर सकते हैं. इसी में एक फल है अनानास. अनानास की खेती किसानों को कई गुना तक कमाई दे सकती है. मेघालय में अभी अनानास फेस्टिवल भी चल रहा है जिसमें किसान बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं. उत्तर पूर्व के राज्यों में अनानास किसानों की कमाई का बड़ा जरिया है. लेकिन बाकी प्रदेशों में भी इस फल की खेती कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. यह मुनाफा कई गुना तक बढ़ सकता है अगर किसान अनानास के साथ सहफसली खेती करें. आइए इसी के बारे में आज जानते हैं.

अनानास की खेती में सावधानी

गर्मियों में अनानास की मांग बेहद बढ़ जाती है. इसलिए कि इसका ताजा रस गर्मी के प्रकोप को दूर करता है. साथ ही इसके कई औषधीय गुण इंसानी शरीर को रोगमुक्त और सेहतमंद रखते हैं. अनानास एक सिंचित फसल है जिसकी खेती उन इलाकों में होती है जहां बहुत अधिक बारिश होती है. जिस इलाके में 100-150 एमएम तक बारिश होती है, वहां अनानास को आसानी से उगाया जा सकता है. अगर आपके इलाके में इतनी प्रचुर बारिश नहीं होती है तो 20-25 दिन के अंतराल पर सिंचाई कर इसकी खेती कर सकते हैं.

गर्मी के महीनों में इसकी खेती होती है. अगर बारिश नहीं हो और सूखे दिन चल रहे हों तो हर 20-25 दिन पर पांच या छह सिंचाई की जरूरत होती है. हालांकि उत्तर-पूर्व में किसी किसान को सिंचाई की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि वहां पर्याप्त बारिश होती है. सामान्य तौर पर मॉनसून के दौरान इसकी खेती होती है. लेकिन मॉनसून चरम पर हो तो इसकी बुवाई न करें क्योंकि उससे फसल में बीमारी लगने का खतरा होता है. किसानों को सलाह दी जाती है कि वे मॉनसून की शुरुआत या अंत में इसकी बुवाई करें.

कैसे करें सहफसली खेती

अनानास की सहफसली खेती अन्य फलों के साथ की जाती है. पूर्वोत्तर के पहाड़ी इलाकों में अनानास की खेती केले के साथ की जाती है और इसमें अच्छा मुनाफा मिलता है. कसावा और याम की खेती भी इसी के साथ की जाती है. किसान कसावा की एक कतार, अनानास की हर चार कतार के बाद लगाते हैं. कुछ किसान दलहन फसलों के साथ भी अनानास की खेती करते हैं. इसमें राजमा की खेती के अलावा मूंगफली के साथ अनानास लगाकर अच्छी कमाई कर सकते हैं. दलहन फसलों की सहफसली खेती इसलिए करते हैं ताकि मिट्टी में उर्वरता बनी रहे और उससे अनानास को फायदा हो.

इस विधि से किसान एक साथ कई फसलों को उगा सकते हैं. किसान अगर केले के साथ अनानास उगाते हैं तो उन्हें इसके लिए अतिरिक्त मेहनत करने की जरूरत नहीं होगी. मूंगफली और राजमा के साथ खेती करने पर अनानास के साथ ही उन्हें कई फसलें एक साथ मिलेंगी. इससे किसान की कई गुना कमाई बढ़ जाएगी. 

अनानास को 15-10 महीने पकने में लगते हैं जिसके बाद कटाई की जाती है. इस बीच में अन्य फसलों की कटाई की जा सकती है. यानी जब तक अनानास तैयार होगा तब तक कई सहफसली उपज मिल जाएगी. सामान्य तौर पर अनानास में फरवरी से अप्रैल के बीच फूल खिलते हैं और फल जुलाई से सितंबर तक तैयार होते हैं. कई बार ऑफ सीजन में फूल आ जाते हैं और इससे ठंड के दिनों में फल तैयार हो जाता है. अगर ऐसा होता है तो फल घटिया क्वालिटी का होगा जिसका दाम अच्छा नहीं मिलेगा.

 

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