खेती में नई तकनीक के इस्तेमाल से उत्पादन और क्वालिटी में काफी बेहतरी देखने को मिल रही है. अब बिना मिट्टी के भी खेती संभव है और पानी या हवा के माध्यम से ही सब्जियों-फलों आदि की खेती की जा सकती है. ऐसा ही कुछ किया है, मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के रहने वाले तीन दोस्तों ने. मंदसौर के बोलिया नगर इलाके में रहने वाले दीपक पाटीदार, मोहम्मद आदिल अफगानी और मोहित पाटीदार हाइड्रोपोनिक तकनीक के माध्यम से यानी बिना मिट्टी के चाइनीज खीरे की खेती कर रहे हैं. खेती की नई तकनीक का सहारा लेने से तीनों के दिन बदल गए है, क्योंकि इससे आय में बढ़ोतरी हुई है.
वे अभी 2 बीघा में खेती कर रहे हैं और 4 महीने में 11 लाख रुपये कमाने का दावा कर रहे हैं. तीनों दोस्तों को उम्मीद है कि एक साल में वे करीब 40 लाख रुपये से ज्यादा आमदनी हासिल करेंगे. अब वे चाइनीज खीरा के अलावा शिमला मिर्च को भी हाइड्रोपोनिक तकनीक से उगाने के लिए काम कर रहे हैं. ‘दैनिक भास्कर’ की रिपोर्ट के मुताबिक, किसान दीपक पाटीदार ने कहा कि पहले वे गेहूं समेत अन्य फसलों की खेती करते थे, लेकिन अच्छा मुनाफा नहीं मिलता था. कई बार लागत निकालना भी मुश्किल हो जाता था.
एक साल पहले उन्होंने यूट्यूब पर हाइड्रोपोनिक तकनीक से जुड़ा वीडियो देखा और तीनों दोस्तों ने इस तकनीक से खेती में बारे में सोचा और तीनों ने कृषि विभाग के अफसरों से मुलाकात कर इसकी जानकारी ली और योजनाओं के बारे में भी जाना. तीनों दोस्त इस तकनीक को जानने-समझने के लिए गुजरात की राजधानी गांधीनगर गए और जाना कि इस तकनीक से साल में तीन बार फसल ली जा सकती है, जबकि मिट्टी वाली खेती में दो बार ही फसल होती है. साथ ही बिना मिट्टी के उत्पादन में इजाफा और फफूंद जनित समेत अन्य रोगों का खतरा भी बहुत कम हो जाता है.
दीपक ने आगे बताया कि तीनों दोस्तों ने हाइड्रोपॉनिक तकनीक से खेती के लिए पाॅली हाउस बनाने के लिए 42 लाख रुपये का लोन लिया और कुल 55 लाख रुपये खर्च किए. इसमें उन्हें सरकार की तरफ से 25 लाख रुपये की सब्सिडी भी मिली. हाइड्रोपोनिक तकनीक से खीरे की खेती कर वे चार महीने में 11 लाख रुपये की आय हासिल कर चुके हैं. एक साल में तीन बार खीरे की उपज होने और स्थिति ऐसे ही अनुकूल रहने से साल में 30-40 लाख रुपये से ज्यादा की आय हो सकती है.
किसान मोहित पाटीदार ने कहा कि जब उन्हाेंने पहली बार इस तकनीक से खीरा उगाने की कोशिश की तो वे पानी की पीएच वैल्यू मेंटेन नहीं कर पाए और उत्पादन घट गया. पहली फसल में करीब 40 टन उत्पादन हासिल हुआ, अब दूसरी फसल से करीब 50 से 60 टन पैदावार की उम्मीद है. अगर बाजार में 25 रुपये प्रति किलो का भाव भी मिलता है तो 15 लाख रुपये आमदनी होगी. मोहित ने कहा अब वे तीनों मिलकर 4 एकड़ जमीन पर दो ग्रीन हाउस लगाने की प्लानिंग कर रहे हैं, जिसमें वे लाल और पीली शिमला मिर्च की खेती करेंगे.