कपास उत्पादन बढ़ाने के लिए HDPS तकनीक से बुवाई करने के लिए किसानों को 2 सीजन से प्रेरित किया जा रहा है. इस तकनीक की मदद से कपास पैदावार में बढ़त दर्ज की गई है. केंद्र सरकार कपास किसानों की पैदावार बढ़ाने और लागत घटाने के लिए उच्च घनत्व वाली रोपाई (high density planting system (HDPS) विधि से खेती के लिए यह खास प्रोजेक्ट चला रही है. अध्ययन में खुलासा हुआ है कि इस प्रोजेक्ट की वजह से कपास के उत्पादन में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. यह प्रोजेक्ट कम उपजाऊ मिट्टी वाले इलाकों में लागू किया गया है.
बीते कुछ वर्षों से कीटों के प्रकोप और बेमौसम बारिश की वजह से किसानों को कपास की खेती में भारी नुकसान उठाना पड़ा है. इसके चलते कपास बुवाई में किसानों की दिलचस्पी भी घटती देखी गई है. इस बार खरीफ सीजन में कपास की खेती 10 फीसदी कम क्षेत्रफल में की गई है. ऐसे में सरकार ने कपास उत्पादन बढ़ाने के इरादे से कम उपजाऊ और उथली मिट्टी वाले इलाकों में उच्च घनत्व वाली रोपाई (high density planting system (HDPS) प्रोजेक्ट लागू किया है और इसके जरिए किसानों की मदद की जा रही है.
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी राज्यसभा में लिखित उत्तर में कहा कि जिन क्षेत्रों में उच्च घनत्व वाली रोपाई प्रणाली (एचडीपीएस) को उथली मिट्टी में अपनाया गया, वहां कपास की उपज में औसतन 30.4 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई और मध्यम मिट्टी में कम अंतराल वाली रोपाई (सीएस) में औसतन 39.15 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है. भारत में कपास की अनुमानित उत्पादकता 443 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है. यह चीन, ब्राजील और अमेरिका जैसे प्रमुख उत्पादक देशों की तुलना में कम है. इन देशों ने एचडीपीएस को अपनाया है.
मंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि कम उत्पादकता वाले क्षेत्रों मेंकपास की पैदावार को बढ़ाने के लिए एचडीपीएस को बढ़ावा दिया जा रहा है और पिछले 3 वर्षों के दौरान 4 कॉम्पैक्ट बीटी कपास किस्मों और एचडीपीएस के अनुकूल 19 बीटी कपास हाइब्रिड किस्मों को बुवाई के लिए किसानों को दिया गया है. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) के तहत 8 राज्यों के 61 जिलों में एचडीपीएस लागू की गई थी.
उन्होंने कहा कि उथली मिट्टी में एचडीपीएस और मध्यम मिट्टी में सीएस को बढ़ाने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी मोड में 2023-24 खरीफ सीजन के दौरान 10,418 किसानों को शामिल करते हुए 9,064 हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की बुवाई की गई थी. उन्होंने बताया कि एचडीपीएस अपनाए गए खेतों में औसत उपज बढ़त 30.4 फीसदी थी और सीएस अपनाए गए खेतों में औसत उपज बढ़त 39.15 फीसदी थी.
राज्य कृषि मंत्री ने कहा कि इस विशेष प्रोजेक्ट को दूसरे वर्ष 2024-25 तक आठ राज्यों में 14,478 हेक्टेयर क्षेत्र में खेती के टारगेट के साथ बढ़ाया गया है. इसके अलावा कपास की बीमारियों में से एक कपास लीफ कर्ल वायरस के लिए अत्यधिक प्रतिरोधी 11 बीटी कपास हाइब्रिड भी जारी की गई है. ताकि उत्तरी क्षेत्र में किसानों के नुकसान को कम किया जा सके.