स्ट्रॉ बेलर मशीन की खरीद पर पाएं 660000 रुपये सब्सिडी, इस वेबसाइट पर तुरंत ऑनलाइन आवेदन करें किसान

स्ट्रॉ बेलर मशीन की खरीद पर पाएं 660000 रुपये सब्सिडी, इस वेबसाइट पर तुरंत ऑनलाइन आवेदन करें किसान

बिहार में जिन मशीनों पर सब्सिडी दी जा रही है, उनमें स्ट्रॉ रीपर, स्ट्रॉ बेलर, स्ट्रॉ बेलर रैक सहित मशीन और स्क्वायर बेलर या रेक्टेंगुलर बेलर शामिल हैं. किसान इन मशीनों को सब्सिडी पर कैसे खरीद सकते हैं, आइए डिटेल्स में जान लेते हैं.

स्ट्रॉ बेलर मशीनस्ट्रॉ बेलर मशीन
क‍िसान तक
  • Noida,
  • May 02, 2025,
  • Updated May 02, 2025, 8:19 PM IST

बिहार में फसलों की खूंटी यानी पराली जलाने से रोकने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. बिहार सरकार इसके लिए किसानों को सब्सिडी देकर पराली प्रबंधन मशीनों को खरीदने के लिए बढ़ावा दे रही है. इसमें कई तरह की मशीनें किसान सस्ते में खरीद कर अपनी खेती को बढ़ा सकते हैं. साथ ही पराली को जलने से भी रोक सकते हैं. इसका मकसद है बिहार को वायु प्रदूषण से बचाना और किसानों को खेती के उपकरण इस्तेमाल करने के लिए बढ़ावा देना.

जिन मशीनों पर सब्सिडी दी जा रही है, उनमें स्ट्रॉ रीपर, स्ट्रॉ बेलर, स्ट्रॉ बेलर रैक सहित मशीन और स्क्वायर बेलर या रेक्टेंगुलर बेलर शामिल हैं. किसान इन मशीनों को सब्सिडी पर कैसे खरीद सकते हैं, आइए डिटेल्स में जान लेते हैं.

स्ट्रॉ रीपर

इस मशीन का उपयोग कंबाईन हार्वेस्टर से फसल कटाई के बाद खेत में बचे खड़े फसल अवशेष (स्ट्रॉ) को काटकर भूसा बनाने में किया जाता है. यह मशीन के पीछे चल रहे ट्रॉली में भूसा को जमा करता है. फसल अवशेष के साथ छूटे हुए बाली से अन्न को निकालकर अलग जमा भी करता है जिससे किसानों को अतिरिक्त लाभ होता है. इस मशीन के उपयोग से फसल अवशेष प्रबंधन का काम बहुत सही ढंग से किया जाता है.

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इस मशीन पर मिलने वाली सब्सिडी की बात करें तो सामान्य श्रेणी के किसानों को दाम का 40 परसेंट अधिकतम या 120000 रुपये और अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के किसानों को 50 परसेंट अधिकतम या 150000 रुपये दिए जा रहे हैं.

स्ट्रॉ बेलर

इस मशीन का उपयोग कंबाईन हार्वेस्टर से फसल कटाई के बाद खेत में बचे फसल अवशेष (सॉट्रा) को जमा करके कम्पैक्ट बेल (गट्ठर) बनाने में किया जाता है, जिससे किसान कम जगह में ही बेल (गट्ठर) को स्टोर कर सकते हैं. इसका उपयोग मवेशियों के चारा और औद्योगिक इकाई में किया जा सकता है. इस मशीन के उपयोग से फसल अवशेष प्रबंधन का काम बहुत आसानी से किया जाता है.

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सब्सिडी की जहां तक बात है तो स्ट्रॉ बेलर-रैक सहित मशीन के लिए सामान्य श्रेणी के किसानों को दाम का 75 परसेंट अधिकतम यानी 225000 और अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के किसानों को मशीन के दाम का 80 परसेंट अधिकतम यानी 250000 रुपये दिए जा रहे हैं. स्क्वायर बेलर या रेक्टेंगुलर बेलर मशीन खरीदने के लिए सामान्य श्रेणी के किसानों को 40 परसेंट अधिकतम यानी 528000 रुपये और अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के किसानों को मशीन के दाम का 50 परसेंट अधिकतम या 660000 रुपये सब्सिडी दी जा रही है.

सब्सडी पर कैसे खरीदें मशीन

इस मशीन को किसान ऑनलाईन आवेदन कर सब्सिडी दर पर खरीद सकते हैं. साथ ही स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर अंतर्गत क्रय किए जाने वाले फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्रों की सूची में भी यह यंत्र सम्मिलित है. ऑनलाईन आवेदन कृषि विभाग की वेबसाइट   http://farmech.bihar.gov.in पर कर सकते हैं.

 

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