भारत में ड्रोन इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है, लेकिन एक चिंता भी है-आज भी कई ड्रोन विदेशी तकनीक पर निर्भर हैं. इससे डाटा चोरी और साइबर हमलों का खतरा बढ़ जाता है, जो देश की सीमा सुरक्षा और खेती जैसे अहम क्षेत्रों के लिए खतरनाक हो सकता है. अब इस समस्या का हल निकालने के लिए IIT रोपड़ और AVPL इंटरनेशनल ने हाथ मिलाया है. दोनों मिलकर भारत का पहला ऐसा ड्रोन सिस्टम तैयार करेंगे जो पूरी तरह से भारत में बना होगा-यानी सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर और तकनीक-सब कुछ भारतीय होगा. इससे ड्रोन ज्यादा सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनेंगे.
फिलहाल भारत अपने ड्रोन के जरूरी हिस्से जैसे फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम, एआई सॉफ्टवेयर, जीपीएस और कम्युनिकेशन सिस्टम दूसरे देशों से मंगाता है. ड्रोन का कंट्रोलिंग सॉफ्टवेयर भी अक्सर विदेशों में स्टोर रहता है, जिससे साइबर हमले और डाटा चोरी का खतरा बना रहता है. इसका मतलब है कि भारत में बना ड्रोन भी विदेश से कंट्रोल हो सकता है, जो हमारी सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है.
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IIT रोपड़ और AVPL इंटरनेशनल इस खतरे को खत्म करना चाहते हैं. अब वे ऐसे ड्रोन बनाएंगे जो पूरी तरह भारतीय होंगे-हार्डवेयर ही नहीं, सॉफ्टवेयर और बुद्धिमत्ता (इंटेलिजेंस) भी. इसमें अपने खुद के फ्लाइट प्रोग्राम, एआई सिस्टम और सुरक्षित संचार तकनीक (कम्युनिकेशन सिस्टम) तैयार किए जाएंगे, जो किसी भी विदेशी तकनीक पर निर्भर नहीं होंगे. इस परियोजना पर रिसर्च IIT रोपड़ के रक्षा और सुरक्षा अध्ययन केंद्र में होगा, जहां भारतीय वैज्ञानिक और शोधकर्ता नई तकनीकों पर काम करेंगे. ये तकनीकें पेटेंट करवाई जाएंगी ताकि भारत पूरी तरह से आत्मनिर्भर बन सके. यह कदम सरकार के "आत्मनिर्भर भारत" मिशन के अनुरूप है.
इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए AVPL इंटरनेशनल शुरुआत में 5 से 6 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है. आने वाले 3-4 सालों में इस तकनीक को तैयार किया जाएगा. जरूरत पड़ने पर कंपनी और भी ज्यादा निवेश कर सकती है. लक्ष्य है ऐसे ड्रोन सिस्टम बनाना जो सुरक्षित, सस्ते और बड़े पैमाने पर बनाए जा सकें, ताकि भारत लंबे समय तक ड्रोन तकनीक में आत्मनिर्भर रह सके.
AVPL इंटरनेशनल के सीईओ एन.के. महापात्रा ने कहा, "यह केवल ड्रोन बनाने की बात नहीं है, बल्कि भारत के डाटा और सुरक्षा की बात है. आज अगर सॉफ्टवेयर विदेशी है, तो कंट्रोल भी विदेशी है. हम इस कड़ी को तोड़ना चाहते हैं ताकि भारत का भविष्य सुरक्षित रहे और हम अपने आसमान के मालिक बनें."
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IIT रोपड़ के निदेशक प्रो. राजीव अहूजा ने कहा, "भारत को अपनी तकनीक का मालिक बनना जरूरी है. यह साझेदारी हमें ऐसे ड्रोन और सिस्टम बनाने में मदद करेगी जो पूरी तरह से भारतीय होंगे और जिनकी सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता होगी. हम न सिर्फ एयरोस्पेस में नए आयाम जोड़ रहे हैं, बल्कि देश की रक्षा शक्ति भी बढ़ा रहे हैं."
यह साझेदारी ऐसे समय पर हो रही है जब भारत दुनिया के सबसे बड़े ड्रोन बाजारों में से एक बनने की तैयारी कर रहा है. सरकार की कई योजनाएं किसानों और खासकर महिलाओं को ड्रोन इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं. ऐसे में जरूरी है कि भारत खुद के सुरक्षित और मजबूत ड्रोन सिस्टम बनाए, न कि विदेशी तकनीक पर निर्भर रहे. IIT रोपड़ और AVPL इंटरनेशनल मिलकर एक ऐसा भविष्य तैयार कर रहे हैं, जहां भारत के ड्रोन न केवल अत्याधुनिक होंगे, बल्कि पूरी तरह से स्वदेशी भी होंगे. चाहे रक्षा क्षेत्र हो, खेती, डिलीवरी सर्विस या निगरानी-भारत के पास जल्द ही पूरी तरह से घर में बने, सुरक्षित और भरोसेमंद ड्रोन होंगे. यह साझेदारी सिर्फ एक समझौता नहीं है-यह भारत के आकाश में आत्मनिर्भरता की नई उड़ान है.
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