ग्रामीण इलाकों में बिना इंटरनेट के वीडियो देख सकेंगे और लाइव स्ट्रीमिंग भी होगी, डी2एम तकनीक से सेवाएं मिलेंगी

ग्रामीण इलाकों में बिना इंटरनेट के वीडियो देख सकेंगे और लाइव स्ट्रीमिंग भी होगी, डी2एम तकनीक से सेवाएं मिलेंगी

बिना इंटरनेट के वीडियो स्ट्रीमिंग की सुविधा अगले साल से मिलने की संभावना है, क्योंकि सरकार इसको लेकर 19 शहरों में प्रोजेक्ट लॉन्च कर रही है. जबकि, एक निजी कंपनी ने चिप लेकर आई है, जिसकी मदद से बिना इंटरनेट के लाइव स्ट्रीमिंग, टीवी कंटेंट और वीडियो देखा जा सकता है.

ग्रामीण इलाकों में बिना इंटरनेट के देख सकेंगे वीडियो और लाइव स्ट्रीमिंग भी होगीग्रामीण इलाकों में बिना इंटरनेट के देख सकेंगे वीडियो और लाइव स्ट्रीमिंग भी होगी
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jan 17, 2024,
  • Updated Jan 17, 2024, 6:14 PM IST

बिना इंटरनेट के वीडियो स्ट्रीमिंग की सुविधा अगले साल से सच होने जा रही है. दरअसल, सरकार डायरेक्ट टू मोबाइल तकनीक पर काम कर रही है. इस तकनीक के माध्यम से बिना इंटरनेट के मोबाइल पर वीडियो, टीवी सामग्री को देखा जा सकता है. यह तकनीक सिमकार्ड के बिना भी वीडियो कंटेंट देखने की सुविधा देगी. यह तकनीक वर्तमान में आपातकालीन अलर्ट भेजने के लिए इस्तेमाल की जा रही है. जबकि, अमेरिका में वीडियो कंटेंट के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल एक चिप के माध्यम से किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि यह तकनीक ग्रामीण क्षेत्रों में एजूकेशनल कंटेंट उपलब्ध कराने और देश में डिजिटल विभाजन को पाटने में भी उपयोगी साबित होगी. 

सूचना प्रसारण मंत्रालय ला रहा प्रोजेक्ट 

सूचना और प्रसारण मंत्रालय (I&B) डायरेक्ट टू मोबाइल (D2M) प्रसारण के लिए एक पायलट परीक्षण की योजना बना रहा है. डायरेक्ट टू मोबाइल तकनीक के तहत बिना इंटरनेट कनेक्शन के सीधे मोबाइल फोन पर टेलीविजन और वीडियो कंटेंट स्ट्रीम किया जा सकेगा. इसमें लाइव चैनल, गेम, आपातकालीन अलर्ट, सेफ्टी मैसेज, सोशल सर्विसेज भी मिल सकेंगी. यह तकनीक लंबे समय से इंटरनेट के बिना ऑनलाइन सेवाओं की उपलब्धता की मांग को पूरा करेगी. 

आईआईटी कानपुर लाया D2M तकनीक 

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर ने 2022 में डायरेक्ट टू मोबाइल तकनीक को लेकर रिसर्च पेपर जारी कर चुका है. आईआईटी के अनुसार डेटा कनेक्टिविटी पर भरोसा किए बिना मल्टीमीडिया प्रसारण के लिए सिस्टम विकसित किया जा सकता है. सरकारी सूचनाओं के आपातकालीन प्रसारण के लिए सिस्टम पहले से ही उपयोग में है. लेकिन, लेटेस्ट प्रस्ताव टेलीविजन और मल्टीमीडिया सामग्री को सीधे स्मार्टफोन पर प्रसारित करने की सुविधा देने के लिए है. 

19 शहरों में पायलट प्रोजेक्ट 

मिंट की रिपोर्ट के अनुसार सूचना और प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा कि प्रसार भारती के डिजिटल टेरेस्ट्रियल ट्रांसमिशन नेटवर्क का उपयोग करके 19 शहरों में एक पायलट डायरेक्ट टू मोबाइल को लेकर शुरुआत हो रही है. हालांकि, इसे सफल होने के लिए कई चुनौतियां गुजरना होगा. कहा गया है कि बिना इंटरनेट के सेवाएं लेने के लिए स्मार्टफोन में एक चिप की आवश्यकता होगी. हमें यह देखना होगा कि कितने कंटेंट की खपत हो रही है. उन्होंने कहा कि फिलहाल हम किसी भी स्मार्टफोन कंपनी या टेलीकॉम ऑपरेटर को इसके लिए बाध्य नहीं कर रहे हैं, क्योंकि अभी यह केवल पायलट प्रोजेक्ट है. 

निजी कंपनी ने डी2एम तकनीक सपोर्टेड चिप उतारी 

बेंगलुरु बेस्ड कंपनी सांख्य लैब्स ने मंगलवार को ऐसी चिप को लॉन्च किया है जो डायरेक्ट टू मोबाइल वीडियो सेवाएं देने के लिए स्मार्टफोन में लगानी होगी. कंपनी का दावा है कि बड़ी संख्या में स्मार्टफोन ग्राहक चिप के लिए आकर्षित हो रहे हैं. कंपनी ने कहा कि हमारा उद्देश्य तकनीक को वितरित करने के लिए 1 करोड़ यूजर्स तक पहुंचना है. सांख्य लैब्स की ओर से कहा गया है कि एंड्रॉइड स्मार्टफोन में हमारी चिप जोड़ने से प्रति डिवाइस लगभग 200 रुपये की लागत में वृद्धि होगी. अमेरिका में डायरेक्ट टू मोबाइल सेवा के लिए यह चिप मार्केट में है. 

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