योगी सरकार का बड़ा फैसला, किसानों के लिए शुरू होगी एग्रीस्टैक योजना, जानिए इसके फायदे

योगी सरकार का बड़ा फैसला, किसानों के लिए शुरू होगी एग्रीस्टैक योजना, जानिए इसके फायदे

केंद्र सरकार द्वारा यूनिफाइड फार्मर्स पोर्टल की दिशा में कदम बढ़ाते हुए एग्रीस्टैक योजना को लागू करने का निर्णय लिया गया था. इसका मकसद सस्ता ऋण और उच्च गुणवत्ता वाले कृषि इनपुट आद‍ि तक किसानों की पहुंच बनाने के ल‍िए डिजिटल रास्ता उपलब्ध कराना है. 

क‍िसानों के ल‍िए योगी सरकार ने ल‍िया बड़ा फैसला (Photo-Yogi Adityanath facebook).क‍िसानों के ल‍िए योगी सरकार ने ल‍िया बड़ा फैसला (Photo-Yogi Adityanath facebook).
क‍िसान तक
  • Lucknow,
  • Jul 08, 2023,
  • Updated Jul 08, 2023, 7:32 PM IST

देश के फूड बास्केट के तौर पर मशहूर उत्तर प्रदेश में किसानों को केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ पहुंचाने की दिशा में योगी सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. केंद्र द्वारा फसलों के निरीक्षण को लेकर संचालित एग्रीस्टैक योजना को उत्तर प्रदेश में भी लागू क‍िया जाएगा. सीएम योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप 4 स्तरीय कमेटियों का गठन कर दिया गया है. इसमें सबसे मुख्य स्टीयरिंग कमेटी होगी जिसकी अध्यक्षता खुद मुख्य सचिव करेंगे. जबकि इंप्लीमेंटेशन समिति के तौर पर राज्य, जिला और तहसील स्तर की कमेटियों का भी गठन कर दिया गया है. जो विभिन्न स्तरों पर एग्रीस्टैक योजना को लागू करने का कार्य करेंगी. वहीं, स्टीयरिंग कमेटी न केवल इन सभी कमेटियों की कार्यप्रणाली पर नजर रखेगी बल्कि यह सुनिश्चित करेगी कि प्रदेश में एग्रीस्टैक योजना को उचित तरीके से लागू कराए जाने में कोई कसर न रह जाए.

राज्य में पहले से ही ई-पड़ताल सर्वे की तैयारी शुरू हो चुकी है, जिसे एग्रीस्टैक योजना के अंतर्गत ही मूर्त रूप दिया जाना प्रस्तावित है. इसके लिए प्रदेश के 75 जिलों के 350 तहसीलों के अंतर्गत आने वाले 31002 लेखपालों के अधीन क्षेत्र व 35983 ई-पड़ताल क्लस्टर्स के आंकड़ों को समावेशित किया जाएगा. गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा यूनिफाइड फार्मर्स पोर्टल की दिशा में कदम बढ़ाते हुए एग्रीस्टैक योजना को देश में लागू करने का निर्णय लिया गया था. एग्रीस्टैक का लक्ष्य किसानों तक उनकी फसलों की जरूरत के मुताबिक सस्ता ऋण, उच्च गुणवत्ता वाले कृषि इनपुट तक पहुंच, विशिष्ट सलाह समेत बाजारों तक पहुंच को सुनिश्चित करने के लिए आसान डिजिटल रास्ता उपलब्ध कराना है. 

स्टीयरिंग कमेटी लेगी आवश्यक निर्णय

एग्रीस्टैक सरकारों द्वारा किसानों तक योजनाओं के समुचित लाभ को पहुंचाने का कार्य भी करेगा. इसी कड़ी में ई-पड़ताल सर्वे द्वारा तैयार किया गया डाटाबेस अहम भूमिका निभाएगा. उत्तर प्रदेश में एग्रीस्टैक योजना को लागू कराने के लिए राज्य स्तरीय 15 सदस्यीय स्टीयरिंग कमेटी का गठन किया गया है. यह कमेटी निरीक्षण के अतिरिक्त योजना के क्रियान्वयन के लिए समय समय पर जरूरी प्रशासनिक व वित्तीय निर्णय लेने में सक्षम होगी. स्टीयरिंग कमेटी की अध्यक्षता मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा खुद करेंगे.

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कौन-कौन होंगे कमेटी के सदस्य 

इस कमेटी के सदस्यों के तौर पर कृषि उत्पादन आयुक्त, अपर मुख्य सचिव राजस्व विभाग, अपर मुख्य सचिव आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग, अपर मुख्य सचिव नियोजन, अपर मुख्य सचिव उद्यान, अपर मुख्य सचिव चीनी उद्योग व गन्ना विकास विभाग, अपर मुख्य सचिव कृषि विभाग, भारत सरकार द्वारा नामित प्रतिनिधि, कृषि सचिव, आयुक्त व सचिव राजस्व परिषद, गन्ना विकास आयुक्त, उद्यान विभाग के निदेशक, कृषि निदेशक व एनआईसी के एसईओ शाम‍िल होंगे. यह कमेटी विभिन्न विभागों के समन्वय से कन्वर्जेंस व निरीक्षण के अतिरिक्त व्यय के मदों, प्रोत्साहन राशि का निर्धारण समेत विभिन्न वित्तीय व प्रशासनिक नीतिगत निर्णय लेगी. 

इंप्लीमेंटेशन कमेटी का भी गठन  

अपर मुख्य सचिव कृषि और राजस्व विभाग की अध्यक्षता में इंप्लीमेंटेशन कमेटी का गठन किया गया है. जो कि राज्य, जिला और तहसील स्तर की कमेटियों के समायोजन को ध्यान में रखकर कार्य करेगी. राज्य, जिला और तहसील स्तर की कमेटियों को एक साथ मिलाकर इंप्लीमेंटेशन कमेटी का नाम दिया गया है. क्योंकि प्रदेश में एग्रीस्टैक योजना को धरातल पर लागू करने के लिए इन तीनों ही कमेटियों का सुचारू रूप से काम करना जरूरी है. 

ज‍िला और तहसील स्तर की भी होगी कमेटी 

इंप्लीमेंटेशन कमेटी की राज्य स्तरीय क्रियान्वयन समिति में अपर मुख्य सचिव (उद्यान) या उनके द्वारा नामित सदस्य, अपर मुख्य सचिव नियोजन, राजस्व परिषद से अपर आयुक्त, गन्ना विकास विभाग के आयुक्त और उद्यान विभाग के निदेशक शाम‍िल होंगे. इसी तरह कृषि निदेशक, कृषि सांख्यकी व फसल बीमा उत्तर प्रदेश के निदेशक, एनआईसी के एसआईओ, एसएनओ समेत कृषि निदेशक द्वारा नामित दो कृषक भी बतौर सदस्य अपनी भूमिका निभाएंगे. वहीं जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय समितियों का गठन किया गया है. जबक‍ि तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय कमेटी का निर्धारण एग्रीस्टैक योजना को मूर्त रूप देने के लिए किया गया है.  (लखनऊ से नवीन लाल सूरी की रिपोर्ट)

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