
झारखंड की कृषि को और बेहतर करने के लिए और यहां के किसानों को और उन्नत बनाने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इस प्रयास के तहत दूसरे राज्यों की बेहतर तकनीक को अपनाने और किसानों तक पहुंचाने के लिए भी कोशिशें भी की जा रही है. इसी के तहत झारखंड सरकार के कृषि पशुपालन सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख और विभागीय सचिव अबू बकर सिद्दीक समेत अन्य अधिकारी केरला के त्रिसूर गए ,जहां उन्होंने केरला कृषि विश्वविद्यालय का दौरा किया. भ्रमण के दौरान डीन सहित पूरे विश्वविद्यालय के पदाधिकारी मौजूद थे. इस दौरान उन्होंने कृषि के क्षेत्र में हो रही नवीन तकनीक के प्रयोग को देखा.
दौरे के दौरान कृषि मंत्री बादल एग्री बिजनेस सेंटर भी गए, जहां पर केरला एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के द्वारा विभिन्न प्रकार के नवीन तकनीक से भी रूबरू हुए. एग्री बिजनेस सेंटर के प्रभारी ने केंद्र के कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि नई तकनीक के द्वारा केरला में उत्पादित विभिन्न फल और सब्जियों का प्रसंस्करण करते हुए वैल्यू एडिशन के साथ प्रोसेस प्रोडक्ट तैयार करके बाजार में उपलब्ध कराया जा रहा है. इस तरीके से किसानों की आय बढ़ी है.
विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित कृषि शोध संस्थान का भ्रमण किया गया जहां नई तकनीक के साथ किस प्रकार मसाला एवं अन्य कृषि उत्पाद की तैयारी को भी देखा गया ,वहीं वे विश्वविद्यालय के अंतर्गत फार्म मैकेनाइजेशन की भी जानकारी हासिल की. इसके बाद कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में केरला विश्वविद्यालय देश के अग्रणी विश्वविद्यालयों में है. जरूरत पड़ी तो झारखंड सरकार भी यहां के नवीन तकनीक का सहारा लेंगे यही नहीं वहां के किसानों को इसी प्रकार से प्रशिक्षण देने का कार्य किया जाएगा.
इस विद्यालय का गठन 1972 में हुआ है. विश्वविद्यालय 1200 एकड़ भूमि में स्थित है, कृषि महाविद्यालय के अतिरिक्त सात कृषि विज्ञान केंद्र एवं 15 कृषि शोध संस्थान संचालित हो रहे हैं. इस दौरे के दौरान कृषि मंत्री के साथ-साथ कृषि निदेशक चंदन कुमार उपनिदेशक गव्य मनोज तिवारी एवं मत्स्य विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे. इससे पहले कृषि मंत्री ने केरल के मन्नूथी स्थित कॉलेज ऑफ वेटनरी एंड एनिमल साइंस पहुंचे उन्होंने वेटनरी हॉस्पिटल के अंतर्गत पशुओं की चिकित्सा संबंधित ब्लड ट्रांसफ्यूजन, डायलेसिस केंद्र, ऑपरेशन थियेटर, और बायोकेमिकल लेबोरेटरीज, गोट फार्म आदि केंद्रों का भ्रमण किया, साथ ही उनकी कार्यपद्धति के परिचित हुए. महाविद्यालय में संचालित पशु प्रक्षेत्रों के भ्रमण के दौरान वरीय प्रक्षेत्र प्रभारी डॉक्टर बिंदु ने टीम को जानकारी दी कि उनके यहां गायों की फ्रीश्वल, बछौर की नस्ल का संवर्धन के साथ साथ उनसे मॉडर्न तरीकों से दूध निकाला जाता है.