Delhi Haryana Punjab Exit Poll Results 2024: किसान बेल्ट में BJP को कहां फायदा और कहां नुकसान, देखें हर राज्य का एग्जिट पोल

Delhi Haryana Punjab Exit Poll Results 2024: किसान बेल्ट में BJP को कहां फायदा और कहां नुकसान, देखें हर राज्य का एग्जिट पोल

Lok Sabha Election Exit Poll 2024 Result: इस बार चुनाव में किसानों के इलाके पर अधिक फोकस रहा. चुनाव शुरू होने से पहले किसानों ने अपना आंदोलन शुरू किया जो अभी तक जारी है. किसानों के निशाने पर रही मोदी सरकार. किसान फसलों की एमएसपी गारंटी सहित कई मांगों पर अड़े हैं और सरकार से इस पर आश्वासन चाहते हैं. सरकार ने भी कई दौर की बात की लेकिन वह बेनतीजा रही. यहां जानेंगे कि किसानों के इलाके में बीजेपी या गठबंधन का क्या हाल रहा.

क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jun 01, 2024,
  • Updated Jun 01, 2024, 10:35 PM IST

इस बार किसानों के इलाके में वोटिंग दिलचस्प रही. इन इलाकों में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी के क्षेत्र आते हैं. इन इलाकों में किसानों ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ मोर्चा खोले रखा. पंजाब और हरियाणा में किसानों का विरोध अब भी जारी है. पंजाब में किसान बीजेपी उम्मीदवारों का विरोध करते नजर आए. ऐसे में यह देखना दिलचस्प हो गया कि चुनाव के नतीजों पर किसान आंदोलन का कितना असर पड़ता दिख रहा है.

दिल्ली-पंजाब-हरियाणा का हाल

इंडिया टुडे एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक, दिल्ली में बीजेपी को 6-7, कांग्रेस-आप को 0-1 और अन्य के खाते में 0 सीटें जा सकती हैं. वोट शेयर की बात करें तो दिल्ली में एनडीए को 54 परसेंट, इंडिया को 44 तो अन्य को 2 परसेंट वोट मिल सकते हैं. 

हरियाणा में बीजेपी को 6-8, कांग्रेस-आप को 2-4 तो आईएनएलडी, जेजेपी को शून्य सीटें मिलेंगी. वोट शेयर की बात करें तो बीजेपी को 48 तो कांग्रेस को 44 परसेंट वोट मिल सकते हैं. आईएनएलडी को 3 तो जेजेपी को 2 परसेंट वोट मिल सकते हैं. यहां बीजेपी को नुकसान नजर आ रहा है.

पंजाब में बीजेपी को 2-4 तो कांग्रेस 7-9 और आप को 0-2 सीटें मिल सकती हैं. एसएडी को 2-3 सीटें मिलने का अनुमान है. वोट शेयर की बात करें तो बीजेपी को 26 परसेंट तो कांग्रेस को 31 परसेंट वोट मिल सकता है. बीजेपी को यहां 16 परसेंट का फायदा तो कांग्रेस को 9 परसेंट का नुकसान होता दिख रहा है. आप को 18 परसेंट वोट मिल सकता है जो कि 11 फीसद का फायदा है. 

आम चुनाव का सातवां चरण 7 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश में संपन्न हो गया. सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक होने वाले मतदान के तुरंत बाद एग्जिट पोल जारी हो गया. लोकसभा चुनाव के छठे चरण में दिल्ली और हरियाणा में वोटिंग हुई थी. पंजाब में सातवें चरण में मतदान हुआ. छठे चरण में सात राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की 58 सीटों पर मतदान हुआ. दिल्ली और हरियाणा में एक ही चरण में मतदान हुआ. ओडिशा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए गए.

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इस साल नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र में सबसे कम 51.54 परसेंट मतदान हुआ, जबकि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सबसे ज़्यादा 58.30 परसेंट मतदान हुआ. दक्षिणी दिल्ली में 52.83 परसेंट, चांदनी चौक में 53.27 परसेंट, पूर्वी दिल्ली में 54.37 परसेंट, उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में 53.81 परसेंट और पश्चिमी दिल्ली में 54.90 परसेंट मतदान हुआ. पिछले लोकसभा चुनावों में, दिल्ली में 60.6 परसेंट मतदान हुआ था, जबकि 2019 में राष्ट्रीय स्तर पर 67.4 परसेंट मतदान हुआ था. 2014 में, राजधानी में 65.10 परसेंट मतदान हुआ था, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर 66.44 परसेंट मतदान हुआ था.

हरियाणा चुनाव की जहां तक बात है तो हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) अनुराग अग्रवाल ने बताया था कि लोकसभा चुनाव के दौरान हरियाणा में अंतिम औसत मतदान 64.8 प्रतिशत रहा. सीईओ ने बताया था कि सिरसा लोकसभा सीट पर सबसे अधिक 69.77 प्रतिशत मतदान हुआ, जहां 1,351,932 मतदाताओं ने वोट डाला इनमें 7,29,125 पुरुष और 6,22,786 महिलाएं और 21 अन्य श्रेणी के मतदाता शामिल रहे. इस बार सिरसा में रजिस्टर्ड मतदाताओं की कुल संख्या 19,37,689 रही. हरियाणा के लोगों ने सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव के छठे चरण में 25 मई को मतदान किया. राष्ट्रीय राजधानी की सभी सात सीटों और हरियाणा की 10 सीटों पर भी मतदान में गिरावट देखी गई. इन सीटों पर 25 मई को मतदान हुआ था.

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पंजाब में इस बार चुनावी जंग काफी अहम है, जहां आम आदमी पार्टी (AAP) 2022 में राज्य में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई है, जबकि कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल (SAD) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच चुनावी जंग है. फरीदकोट (सरबजीत सिंह खालसा) और खडूर साहिब (अमृतपाल सिंह) जैसे निर्वाचन क्षेत्रों में कट्टरपंथी विचारधारा वाले निर्दलीय उम्मीदवार अपने विरोधियों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं.

किसानों के मुद्दे पर फोकस

पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के चुनाव में किसानों के मुद्दे हावी नजर आए हैं. किसानों का आंदोलन जारी है. किसानों ने खुलकर बीजेपी का विरोध किया. यहां तक कि पंजाब में बीजेपी उम्मीदवारों के घरों को घेरा, उनकी रैलियों में विरोध जताया. पंजाब के चुनाव में किसानों का मुद्दा सबसे प्रमुख रहा. हरियाणा में भी कमोवेश ऐसी ही स्थिति रही. विरोध की आग दिल्ली तक देखी गई. पश्चिमी यूपी के कई इलाके इसकी चपेट में रहे.

 

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