Mirzapur News: खेती-किसानी में अब महिलाएं भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. इस बीच कई सफल महिला किसानों की खबरें भी सामने आती रहती हैं. इसी कड़ी में मिर्जापुर में एक महिला किसान वंदना सिंह ड्रैगन फ्रूट की खेती (Dragon Fruit Farming) कर लाखों रुपये का मुनाफा कमा रही हैं. इंडिया टुडे के डिजिटल प्लेटफॉर्म किसान तक से बातचीत में मिर्जापुर की महिला किसान वंदना सिंह ने बताया कि यूट्यूब और गूगल से वीडियो देखकर ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की थी और आज वो इस खेती से लाखों रुपये का मुनाफा कमा रही हैं. वहीं वंदना सिंह आज अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बन कर उभरी हैं.
मिर्जापुर के चुनार तहसील के रानीपुर गांव की रहने वाली वंदना सिंह बलुहा बजाहुर गांव में ड्रैगन फ्रूट्स की खेती करती हैं. वंदना ने बताया कि उन्हें बचपन से ही बागवानी से बहुत लगाव है. फ्रूट्स से संबंधित पौधों से भी काफी लगाव था. महिला किसान वंदना ने बताया कि एक दिन वो यूट्यूब पर ड्रैगन फ्रूट्स के खेती के बारे में वीडियो देखीं, जिसकी तरफ उनका रुझान बढ़ा. उन्होंने कहा कि इस विदेशी फल के पौधे को वियतनाम से मंगाया. हम लोगों ने मार्च, 2018 में आधे एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरु की थी. उससे समय मुझे 2018 में 90 रुपये प्रति पौधे की कीमत पर मिले थे और मुझे पौधे लाने में लगभग 180,000 रुपये का खर्च आया था.
वंदना ने आगे बताया कि ड्रैगन फ्रूट की खेती में उद्यान विभाग ने काफी मदद की थी. ड्रैगन फ्रूट उगाने के लिए हमें उद्यान विभाग से आर्थिक मदद के तौर पर 30 हजार रुपए का प्रोत्साहन राशि मिला था. हमने 2022 में पहली बार ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की और एक एकड़ जमीन से 4.85 लाख रुपये का मुनाफा हुआ था. इसके लिए हमने खुद ही ड्रैगन फ्रूट की नर्सरी लगाई है, जिसे तैयार होने के बाद पौध को खेत में लगाया.
ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के लिए क्रंकीट पिलर, लोहे की रिंग टायर और गोबर की खाद की जरूरत होती है. पहले और दूसरे साल कम मुनाफा होता है, लेकिन बाद में इस खेती से लाखों रुपये का मुनाफा मिलता है. एक एकड़ में इसकी खेती करने में 4-5 लाख रुपये के बीच लागत आती है, वहीं 7-8 लाख रुपये की बचत हो जाता है. एक साल में 6-7 बार फलों को तोड़ा जाता है. जुलाई से नवंबर तक फल देता है.
महिला किसान ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट का एक पौध 50 रुपये में हम लोग बेचते है. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में वो एक एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती करके सालाना 7-8 लाख रुपये की इनकम हो रही है. वहीं ड्रैगन फ्रूट के पौधे को बेचने से भी काफी अच्छी आय हो जाती है. क्योंकि एक पौधा 50 रुपये में बिकता है.
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मेरे पास आज 10 हजार से अधिक ड्रैगन फ्रूट पौधे मौजूद है. वंदना आगे बताती हैं कि आज हम सीधे ग्राहकों को होम डिलीवरी करती है. जिससे बिचौलियों को जाने वाले कमीशन की बचत हो सके.
उन्होंने बताया कि ड्रैगन फ्रूट सेहत के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है, क्योंकि इसका इस्तेमाल डेंगू के दौरान प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद करता है. इसको कीवी भी कहा जाता है. वंदना ने बताया कि बिहार, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई जिलों से किसान पौधे खरीदने के लिए मेरी नर्सरी में आते हैं. वंदना ने कहा कि महिलाएं अपने खेतों में आसानी से खेती कर सकती हैं क्योंकि ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए ज्यादा मेहनत की जरूरत नहीं होती है जो गेहूं और धान जैसी फसलों के लिए जरूरी है. उन्होंने बताया कि सरसों की खेती भी वो करती है. वहीं शुद्ध तेल की डिमांड भी जिले में बहुत आती है.
कृषक वंदना सिंह ने बताया कि पीएम मोदी का महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की बात से उन्हें काफी प्रेरणा मिली. इस सोच का परिणाम आज दिख रहा है, और देश में तमाम महिलाएं घर से बाहर निकल कर कार्य कर रही हैं.
उन्होंने बताया कि जिन महिलाओं को ड्रैगन फ्रूट्स की खेती किसानी की तरफ रुझान है, उनके लिए ड्रैगन फ्रूट्स की खेती काफी फायदेमंद साबित हो सकती है. हम उन महिलाओं को मदद करने को तैयार है.
महिला किसान के पति अजय सिंह ने बताया कि मिर्जापुर जनपद जो समुद्र तल से लगभग 80 मीटर की दूरी पर है, ड्रैगन फ्रूट के फलने-फूलने के लिए अनुकूलतम स्थिति प्रदान करता है. इस क्षेत्र में गर्म हवाओं के बावजूद, जो पहाड़ियों को गर्म करती हैं और गर्मियों में पारा 46 डिग्री सेल्सियस तक हो जाता है, जिससे ड्रैगन फ्रूट का बढ़िया उत्पादन मिलता है. आज वंदना सिंह महिला सशक्तिकरण की मिशाल पेश कर रही है.