लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने खरीफ फसलों को संभावित खतरों से बचाने के लिए इस मौसम की फसलों का बीमा कराने की अंतिम तिथि तय कर दी है. इसके तहत धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, उड़द, मूंग, अरहर, मूंगफली, सोयाबीन और तिल का बीमा किया जाएगा. साथ ही यूपी सरकार ने ये भी हिदायत दी है कि किसानों को 72 घंटे के भीतर नुकसान की सूचना देनी होगी.
यूपी सरकार ने कहा कि सूखा, बाढ़, तूफान, ओलावृष्टि, कीट प्रकोप, बीमारियों और यहां तक कि खराब बुवाई के कारण होने वाले फसल नुकसान के खिलाफ वित्तीय सुरक्षा दी जाएगी. यह योजना उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में सक्रिय है. इस योजना का उद्देश्य किसानों के लिए आय स्थिरता सुनिश्चित करना, उन्हें फसल उत्पादन से जुड़े जोखिमों से बचाना, कृषि ऋण भुगतान को सुगम बनाना और कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है.
खरीफ फसलों का किसान बैंकों, कॉमन सर्विस सेंटरों या आधिकारिक पोर्टल (www.pmfby.gov.in) के माध्यम से पंजीकरण करा सकते हैं. अगर किसी किसान को पंजीकरण, दावों या दस्तावेज़ीकरण में सहायता चाहिए तो वे फसल बीमा हेल्पलाइन 14447 पर संपर्क कर सकते हैं. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत किसान बीमा प्रीमियम का केवल 2 प्रतिशत भुगतान करते हैं, जबकि केंद्र और राज्य सरकारें बाकी का प्रीमियम वहन करती हैं.
सरकार ने कहा कि न्यूनतम प्रीमियम का भुगतान करके किसानों को व्यापक कवरेज और प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में गारंटीकृत सहायता प्राप्त होती है. फसल नुकसान का समय पर दावा प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए किसानों को 72 घंटे के भीतर निकटतम फसल बीमा केंद्र, कृषि विभाग कार्यालय या हेल्पलाइन (14447) के माध्यम से फसल क्षति की सूचना देनी होगी.
बता दें कि पंजीकरण के लिए जरूरी दस्तावेजों में आधार, खतौनी, बैंक पासबुक और बीमा की जाने वाली फसल का विवरण शामिल है. इसमें कहा गया है कि किसानों को नुकसान के आकलन के दौरान समस्याओं से बचने के लिए पंजीकरण के समय फसलों और भूमि के विवरण की सटीक घोषणा की जाए. किसानों को हेल्पलाइन पर संपर्क करते समय आधार, किसान पहचान पत्र और संबंधित भूमि/फसल के दस्तावेज़ तैयार रखने के भी निर्देश दिए गए हैं. सरकार ने सभी किसानों से 31 जुलाई से पहले अपनी अधिसूचित फसलों का बीमा कराकर इस योजना का पूरा लाभ उठाने का आग्रह किया है.
PTI के इनपुट का साथ.
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