उत्तर प्रदेश के इन 3 किसानों ने गन्ना उत्पादन में तोड़ा रिकॉर्ड, जानें कैसा हासिल किया मुकाम

उत्तर प्रदेश के इन 3 किसानों ने गन्ना उत्पादन में तोड़ा रिकॉर्ड, जानें कैसा हासिल किया मुकाम

Sugarcane Farming: ज्योति प्रकाश सिंह एक किसान परिवार से आते हैं. इस परिवार में गन्ने की खेती में 50 वर्षों का अनुभव है. उन्होंने अपने पिता से पारंपरिक खेती के तरीके सीखे. लेकिन, उन्होंने इसमें विज्ञान और तकनीक का समावेश किया. ज्योति प्रकाश सिंह ने जल्दी ही यह समझ लिया कि खेती को प्रासंगिक और लाभदायक बनाए रखने के लिए इनोवेशन की जरूरत है.

गन्ना किसान (फोटो- सोशल मीडिया)गन्ना किसान (फोटो- सोशल मीडिया)
क‍िसान तक
  • LUCKNOW,
  • Oct 29, 2025,
  • Updated Oct 29, 2025, 9:24 AM IST

योगी सरकार में गन्ना का उत्पादन बढ़कर 30 लाख हेक्टेयर हो गया है. इसके पीछे किसानों की मेहनत रंग लगा रही है. इसी क्रम में लखीमपुर खीरी के किसान ज्योति प्रकाश सिंह 2509 क्विंटल प्रति हेक्टेयर गन्ना का उत्पादन करके यूपी में पहला स्थान हासिल किया है.  जबकि ग्राम ओसरी निवासी संत कुमार वर्मा 2441.50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन कर द्वितीय स्थान प्राप्त किया है. इनके अलावा लोनी मिल क्षेत्र के ग्राम उधरनपुर के अनुराग शुक्ला ने 2011 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज के साथ तृतीय स्थान प्राप्त किया.

लखीमपुर खीरी के प्रगतिशील किसान ज्योति प्रकाश सिंह की सफलता के पीछे एक प्रमुख कारण उनका गन्‍ने की खेती के प्रति वैज्ञानिक नजरिया है. वह बुवाई के समय, बीज की दूरी और मिट्टी के पोषण पर विशेष ध्यान देते हैं. वह सितंबर के अंतिम सप्ताह से अक्टूबर के बीच गन्‍ने की बुवाई करना पसंद करते हैं. वह मानते हैं कि यह बेहतर उपज के लिए सबसे उपयुक्त समय है.ज्योति 0118, 14235 जैसी उन्‍नत किस्मों का इस्‍तेमाल करते हैं. ये रोग प्रतिरोधी और हाई यील्‍ड वाली हैं.

ज्योति प्रकाश सिंह एक किसान परिवार से आते हैं. इस परिवार में गन्ने की खेती में 50 वर्षों का अनुभव है. उन्होंने अपने पिता से पारंपरिक खेती के तरीके सीखे. लेकिन, उन्होंने इसमें विज्ञान और तकनीक का समावेश किया. ज्योति प्रकाश सिंह ने जल्दी ही यह समझ लिया कि खेती को प्रासंगिक और लाभदायक बनाए रखने के लिए इनोवेशन की जरूरत है. इसलिए उन्होंने जैविक और रासायनिक उर्वरकों के संतुलित मिश्रण का इस्‍तेमाल शुरू किया. इसमें गोबर, जैविक खाद, जीवामृत और घन जीवामृत शामिल हैं. यह नजरिया न केवल उनकी मिट्टी को पोषण देता है बल्कि लंबी अवधि में स्थिरता भी सुनिश्चित करता है.

उधर, विजेता किसानों ने अपनी सफलता का श्रेय खेती की वैज्ञानिक विधि और मिल अधिकारियों के मार्गदर्शन को दिया है. उन्होंने कहा कि गन्ना खेती विज्ञान, तकनीक और मौसम के अनुसार योजनाबद्ध कृषि का नतीजा है. प्रदेश के गन्ना आयुक्त प्रमोद कुमार उपाध्याय ने बताया कि गन्ना किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करना सरकार की पहली प्राथमिकता है. इसके लिए मुख्यालय और क्षेत्रीय स्तर पर निरंतर प्रयास किया जा रहा है. गन्ना आयुक्त ने कहा कि सरकार गन्ना किसानों के कल्याण के लिए हर संभव कदम उठा रही है. इन सफल किसानों ने न केवल खुद को बल्कि अन्य किसानों को भी गन्ने की खेती करने के लिए प्रेरित किया है. 

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