केंद्रीय अनाज भंडार को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान सहित प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं खरीद के लिए जल्दी तैयारी करने को कहा है. इसके साथ ही राज्यों से कहा गया है कि वह गेहूं खरीद के लिए किसानों का पंजीकरण शुरू करें और एमएसपी के तहत खरीद के लक्ष्य निर्धारित करें. बता दें कि आधिकारिक खरीद 1 अप्रैल से शुरू होती रही है, लेकिन अब मार्च से ही इसकी शुरुआत होने की संभावना है.
सरकार एफसीआई के पास रखे गेहूं के स्टॉक को बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रही है. ताकि बाजार में कीमतों में बढ़ोतरी को रोका जा सके. संभावना है कि 1 अप्रैल तक गेहूं का बफर स्टॉक 7.4 मिलियन टन के नीचे आ सकता है. ऐसे में रबी मार्केटिंग सीजन 2024-25 के लिए भारतीय खाद्य निगम यानी एफसीआई और राज्य एजेंसियों की ओर से किसानों से गेहूं की खरीद आधिकारिक तौर पर 1 अप्रैल से शुरू हो रही है. राज्यों को तैयारी शुरू करने और अगले महीने एमएसपी ऑपरेशन के तहत खरीद शुरू करने के लिए कहा गया है.
देश में गेहूं के सबसे बड़े उत्पादक उत्तर प्रदेश को 1 मार्च से किसानों से एमएसपी पर गेहूं खरीद शुरू करने का निर्देश केंद्र की ओर से दिया गया है. जबकि, मध्य प्रदेश को 15 मार्च तक एमएसपी पर खरीद अभियान शुरू करने को कहा गया है. पंजाब से खरीद की पहले से तय तारीख से एक सप्ताह पहले खरीद शुरू करने को कहा गया है. हालांकि, पंजाब और हरियाणा में राज्य एजेंसियां 1 अप्रैल से गेहूं के लिए एमएसपी पर खरीद अभियना शुरू करती हैं, 14 अप्रैल को बैसाखी के बाद अनाज खरीद में तेजी आती है. सरकार ने 2024-25 मार्केटिंग सीजन के लिए गेहूं खरीद के तौर-तरीकों पर काम करने के लिए 28 फरवरी को सभी गेहूं उत्पादक राज्यों के खाद्य सचिवों की बैठक बुलाई है.
अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय अनाज भंडार में योगदानकर्ता मध्य प्रदेश के साथ बातचीत चल रही है. मध्य प्रदेश ने गेहूं पर एमएसपी 2,175 रुपये प्रति क्विंटल के साथ ही बोनस देने का वादा किया है.पिछले दो सत्रों में सरकारी एजेंसियों की खरीद में भारी गिरावट के बावजूद मध्य प्रदेश ने रबी मार्केटिंग सीजन 2023-24 अप्रैल-जून में 7 मीट्रिक टन से अधिक गेहूं खरीदा, जो प्रमुख उत्पादकों की 26 मीट्रिक टन की कुल खरीद का 27 फीसदी है.
खाद्य मंत्रालय ने राजस्थान में 2,400 रुपये प्रति क्विंटल पर गेहूं खरीदने की मंजूरी दे दी है. इसमें एमएसपी पर 125 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस भी शामिल है. रिपोर्ट के अनुसार राज्य सरकार एमएसपी भुगतान के मानक के अनुसार खरीद के दो दिनों के भीतर बोनस राशि किसानों को ट्रांसफर करने पर सहमत हो गई है.
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