Wheat Price: महाराष्ट्र में गेहूं के दाम ने बनाया रिकॉर्ड, अधिकांश मंडियों में एमएसपी से अधिक है भाव

Wheat Price: महाराष्ट्र में गेहूं के दाम ने बनाया रिकॉर्ड, अधिकांश मंडियों में एमएसपी से अधिक है भाव

बारामती मंडी में 12 फरवरी को बिना छिलके वाले गेहूं का दाम 3150 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया था. हालांकि पिछले हफ्ते इसी मंडी में गेहूं का दाम 4300 रुपये प्रति क्विंटल की रिकॉर्ड ऊंचाई पर था. दूसरी तरफ लासलगांव विंचुर मंडी में 13 फरवरी को भूसी वाले गेहूं का दाम 2800 रुपये प्रति क्विंटल तक था. कब तक कम हो सकता है गेहूं का रेट. 

जानिए गेहूं का मंडी भाव जानिए गेहूं का मंडी भाव
सर‍िता शर्मा
  • Baramati,
  • Feb 14, 2024,
  • Updated Feb 14, 2024, 9:40 AM IST

 गेहूं की नई फसल आने वाली है इसके बावजूद महाराष्ट्र में इसकी महंगाई आसमान पर पहुंच गई है. ज्यादातर किसान पहले ही गेहूं बेच चुके थे इसलिए अब इस महंगाई का फायदा ट्रेडर उठा रहे हैं. बिना छिलके वाले और भूसी वाले दोनों गेहूं का दाम काफी बढ़ चुका है. बारामती मंडी में 12 फरवरी को बिना छिलके वाले गेहूं का दाम 3150 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया था. हालांकि पिछले हफ्ते इसी मंडी में गेहूं का दाम 4300 रुपये प्रति क्विंटल की रिकॉर्ड ऊंचाई पर था. दूसरी तरफ लासलगांव विंचुर मंडी में 13 फरवरी को भूसी वाले गेहूं का दाम 2800 रुपये प्रति क्विंटल तक था. अगले एक महीने तक गेहूं के दाम में इसी तरह के तेजी बरकरार रहने का अनुमान लगाया, क्योंकि उसके बाद नई उपज आ जाएगी जिसकी वजह से दाम थोड़े कम हो जाएंगे.

जालना जिले में आने वाली मंडी अम्बड में गेहूं का दाम 3200 रुपये प्रति क्विंटल रहा. राज्य की ज्यादातर मंदिरों में गेहूं एमएसपी के ऊपर भाव पर ही बिक रहा है. ज्यादातर में दाम 2500 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा ही चल रहा है. जबकि सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2022-23 सीजन के 2125 रुपये प्रति क्विंटल तय कर रखा है. 

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महाराष्ट्र में बहुत कम होती है गेहूं की खेती

अब सवाल यह है कि आगे गेहूं का दम इतना ज्यादा क्यों है. कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल सभी राज्यों में गेहूं का दाम एमएसपी से ऊपर ही चल रहा है. उत्तर भारत के राज्यों के मुकाबले महाराष्ट्र में गेहूं का दाम आमतौर पर ज्यादा ही रहता है. इसका कारण यह है कि यहां पर गेहूं की खेती कम होती है. देश के कुल गेहूं रकबे में महाराष्ट्र की भागीदारी मात्र 2 प्रत‍िशत ही बताई गई है.  

कब से ज्यादा महंगा हुआ गेहूं

वर्ष 2022 से दुनिया के कई देशों के लोग गेहूं की महंगाई का सामना कर रहे हैं. इसमें भारत भी शामिल है. वर्ष 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद भारत ने कई देशों में गेहूं का रिकॉर्ड एक्सपोर्ट किया. इसी समय यह भी पता चला कि हीटवेव की वजह से भारत में गेहूं की फसल को काफी नुकसान हुआ है और उत्पादन कम हो गया है. बताया जाता है कि इन दोनों कारणों से गेहूं का दाम एक बार जो ऊपर गया वो अभी तक कम नहीं हुआ. सरकार ने 2022 से ही गेहूं की निर्यात बंदी की हुई है, ताकि घरेलू स्तर पर दाम नियंत्रण में रहे. लेकिन महाराष्ट्र जैसे कई राज्यों में गेहूं का भाव आसमान पर पहुंच गया है.

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