
रबी फसलों की बुवाई जोरशोर से जारी है. अब तक लगभग 78 फीसदी एरिया में बुवाई पूरी हो चुकी है. केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने 6 दिसंबर 2024 को जारी एक रिपोर्ट में बताया है कि फसल सीजन 2024-25 के दौरान अब तक 493.62 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई है जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 7.31 लाख हेक्टेयर ज्यादा है. गेहूं और दलहन फसलों की बुवाई पिछले वर्ष के मुकाबले बढ़ गई है लेकिन तिलहन फसलों, खासतौर पर सरसों का एरिया घट गया है. भारत खाद्य तेलों का बड़ा आयातक है, ऐसे में तिलहन फसलों का एरिया घट जाना चिंता की बात है. हालांकि, कृषि मंत्रालय ने कहा है कि रबी फसलों की बुवाई सुचारू रूप से चल रही है. सभी फसलों के लिए अभी भी बुवाई का समय उपलब्ध है. इसलिए, इस साल भी बुवाई सामान्य रहेगी. यानी उसमें कमी नहीं आएगी.
कृषि मंत्रालय के मुताबिक 6 दिसंबर तक 239.49 लाख हेक्टेयर में गेहूं बोया जा चुका है, जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 5.34 लाख हेक्टेयर ज्यादा है. हालांकि, देश में 312 लाख हेक्टेयर से अधिक एरिया में गेहूं बोया जाता है. उम्मीद है कि पछेती किस्मों के गेहूं की बुवाई के साथ इसका सामान्य एरिया कवर हो जाएगा. पिछले कुछ वर्षों से किसानों को गेहूं का दाम उसकी एमएसपी से ज्यादा मिल रहा है, ऐसे में इसकी खेती का रकबा बढ़ने का अनुमान है. उधर, रबी सीजन के धान की बुवाई भी 11.19 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जो पिछले साल से अधिक है.
रबी सीजन की दलहन फसलों का एरिया 120.65 लाख हेक्टेयर हो चुका है, जो पिछले वर्ष यानी फसल सीजन 2023-24 के मुकाबले 4.95 लाख हेक्टेयर ज्यादा है. रबी सीजन में दलहन फसलों का सामान्य एरिया 140.44 लाख हेक्टेयर है. इसका मतलब यह है कि इसकी बुवाई अगले एक सप्ताह में खत्म हो सकती है. चने की बुवाई 86.09 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले 5.74 लाख हेक्टेयर ज्यादा है. मसूर की बुवाई 14.75 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जो पिछले साल के मुकाबले 0.25 लाख हेक्टेयर ज्यादा है.
तिलहन फसलों के रकबे में गिरावट दिखाई दे रही है. कृषि मंत्रालय के अनुसार 6 दिसंबर तक 86.52 लाख हेक्टेयर में तिलहन फसलों की बुवाई हो चुकी है, जो पिछले साल के मुकाबले 3.94 लाख हेक्टेयर कम है. सरसों के एरिया में 3.62 हेक्टेयर की गिरावट दर्ज की गई है और 6 दिसंबर तक इसकी 81.07 लाख हेक्टेयर में ही बुवाई हो सकी है. मूंगफली की बुवाई 2.31 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जो पिछले वर्ष से मामूली कम है.
मोटे अनाजों की बुवाई में मामूली वृद्धि दर्ज की गई है. कृषि मंत्रालय के अनुसार 6 दिसंबर तक 35.77 लाख हेक्टेयर में मोटे अनाजों की बुवाई हुई है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले 0.69 लाख हेक्टेयर ज्यादा है. ज्वार की बुवाई 19.38 लाख हेक्टेयर में हुई है जो पिछले साल के मुकाबले 1.05 लाख हेक्टेयर अधिक है. हालांकि, जौ और बाजरा के रकबे में कमी आ गई है. रबी सीजन के मक्के की बुवाई 10.07 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो पिछले वर्ष से मामूली अधिक है.
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