Wheat varieties : ये हैं गेहूं की 5 बेहतरीन किस्में, खेत की तैयारी, देखभाल और पैदावार जानिए सबकुछ

Wheat varieties : ये हैं गेहूं की 5 बेहतरीन किस्में, खेत की तैयारी, देखभाल और पैदावार जानिए सबकुछ

रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं को माना जाता है. आपको बता दें कि गेहूं कि खेती के लिए खास किस्मों का चयन करें ताकि लागत और मेहनत पूरी तरह से वसूल हो. आपको 5 तरह की खास वैरायटी के नाम और देखभाल का तरीका बताने जा रहे हैं.

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नयन त‍िवारी
  • Noida,
  • Nov 08, 2025,
  • Updated Nov 08, 2025, 7:40 AM IST

देश में रबी सीजन वाली फसलों की बुवाई शुरू होने जा रही है. रबी सीजन की खास फसलों में गेहूं का नाम सबसे पहले आता है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों की प्रमुख फसलों में भी गेहूं का नाम आता है. अगर आप भी गेहूं की बुवाई करने जा रहे हैं तो पांच खास किस्मों के बारे में जान लीजिए साथ ही उनको उगाने के लिए मिट्टी की तैयारी और फसल की देखभाल का तरीका भी बता देते हैं. 

HD 3385

गेहूं के खास किस्मों में HD 3385 का नाम खास है. इसे उगाने के लिए 25 अक्तूबर से 15 दिसंबर तक का समय सही होता है. खेत की गहरी जुताई के बाद मिट्टी को बारीक बनाना है उसके बाद 18 सेमी पंक्ति से पंक्ति की दूरी बनाए रखें. खाद पानी की बात करें तो 100-150 किग्रा नाइट्रोजन, 60-80 किग्रा फॉस्फोरस और 40-60 किग्रा पोटाश दिया जाता है. रोपाई के साथ पहली खाद, 1 महीने के बाद दूसरी खाद और 45-60 दिनों के बाद तीसरी बार खाद दी जाती है. 20-25 दिनों के अंतराल में 5-6 बार की सिंचाई की जाती है. ये फसल करीब 150 दिनों के बाद तैयार होती है, उपज की बात करें तो 75 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के आसपास है. 

HD 3388

ये भी गेहूं की खास किस्मों में शामिल है. जल्दी उगाने के लिए 01 से 15 नवंबर और देर से बुवाई के लिए 15 नवंबर के आधे दिसंबर तक का समय उपयुक्त माना जाता है. उगाने के लिए दो बार हैरो और फिर दो बार टिलर ऑपरेशन के साथ गहरी जुताई करें. यहां भी खाद की मात्रा और समय अन्य किस्मों की तरह ही है. वहीं सिंचाई की बात की जाए तो पहली सिंचाई 20-30 दिनों के बीच करें उसके बाद अगली 5 सिंचाई के लिए 20 दिनों का गैप रखना जरूरी होता है. इसकी उपज दर अन्य किस्मों के मुकाबले थोड़ा कम बताई जाती है,  प्रति हेक्टेयर औसतन 52 क्विंटल और प्रति एकड़ करीब 21 क्विंटल पैदावार होती है. फसल तैयार होने का औसतन समय 140 दिन का होता है.

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HD 3390 

HD 3390 गेहूं की खास किस्मों में शामिल है. इसकी बुवाई करने से पहले खेत की सिंचाई करें फिर दो बार डिस्क हैरो और दो बार टिलर ऑपरेशन के साथ जुताई की जाती है. समय पर बुवाई के लिए 01 नवंबर से 15 नवंबर तक का समय सही रहता है जबकि देरी के लिए 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक बुवाई कर सकते हैं. खाद की बात करें तो 100-150 किग्रा नाइट्रोजन, 60-80 किग्रा फॉस्फोरस और 40-60 किग्रा पोटाश दिया जाता है. पहली खाद बुवाई के समय, दूसरी बार बुवाई के 30 दिन बाद और तीसरी खाद 45-60 दिनों के बीच दी जाती है. सिंचाई की बात करें तो पहली बार रोपाई के 20-25 दिनों के अंतराल में उसके बाद हर 20 दिनों बाद 5-6 बार सींचें. औसतन 140 दिनों में फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है. उपज करीब 62 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है.

HD 3410

ये गेहूं की अगेती किस्मों में खास तौर पर शामिल है. लेकिन इसे भी 15 दिसंबर तक उगाया जा सकता है. बात करें खेत के तैयारी की तो इसके लिए भी मिट्टी को अच्छी तरह भुरभुरी करना होता है और खेत की सफाई करनी होती है. 100-150 किग्रा नाइट्रोजन, 60-80 किग्रा फॉस्फोरस और 40-60 किग्रा पोटाश का छिड़काव किया जाता है जो कि बुवाई के साथ, बुवाई के 30 दिन बाद और फिर 45-60 दिनों के अंतराल में दिया जाता है.  सिंचाई का तरीका भी अन्य किस्मों की तरह है जब आप 25-30 दिनों के अंतराल में 6 बार सींच सकते हैं. वहीं फसल तैयार होने की बात करें तो औसतन 150 दिन का समय लगता है. 

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