
सर्दी आते ही किसान अपने खेत में फसलों की रोपाई करने का काम शुरू कर चुके हैं. वैसे तो ये रबी फसलों का सीजन चल रहा है, लेकिन कई किसान इस सीजन में कई तरह की सब्जियों और फसलों की भी खेती करते हैं, क्योंकि सर्दी के मौसम में कुछ फसलों की खेती अधिक पैदावार देती है. ऐसे में भारत में कई ऐसी फसलें और सब्जियां हैं जिन्हें उपयुक्त कृषि तकनीकों और सिंचाई की उपलब्धता के साथ लगभग पूरे साल उगाया जा सकता है. आइए जानते हैं ऐसी 10 फसलें के बारे में.
1. भिंडी: यह एक लोकप्रिय सब्जी है जिसे लगभग सभी मौसमों में उगाया जा सकता है, खासकर गर्मी और बरसात के महीनों में इसकी पैदावार अच्छी होती है. इसकी खेती के लिए खेत को तैयार करके पौधे को थोड़ी दूरी में लगाएं. वहीं, जिस खेत में भी भिंडी की खेती करें, उसमें ध्यान रखें कि पानी ना रुके. वरना पौधे खराब हो सकते हैं.
2. बैंगन: बैंगन की खेती साल भर की जा सकती है और यह विभिन्न जलवायु परिस्थितियों के प्रति लचीला होता है. बैंगन की खेती के लिए रेतीली दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है और इसमें पैदावार अधिक होती है. साथ ही जल निकासी की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए. वहीं, अधिक पैदावार के लिए बैंगन के बीजों की सही तरीके से बुवाई करनी चाहिए. पौधा या बीज लगाते समय दो पौधों और दो क्यारियों के बीच करीब 60 सेंटीमीटर की दूरी होनी चाहिए.
3. टमाटर: टमाटर लगभग हर मौसम में उगाया जाता है, हालांकि अत्यधिक गर्मी या ठंड इसकी उपज को प्रभावित कर सकती है, लेकिन उचित देखभाल से साल भर उत्पादन संभव है. टमाटर के लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है. वहीं, इसकी खेती से पहले खेत को 4-5 बार जोतना चाहिए और मिट्टी को भुरभुरा बनाना चाहिए. खेत को समतल समतल करने के बाद, गोबर की खाद और कार्बोफ्यूरान या नीम केक डालना चाहिए. इसके बाद बीज की बुवाई करना चाहिए.
4. पत्ता गोभी: यह मुख्य रूप से सर्दियों की फसल है, लेकिन इसकी कुछ किस्में पूरे साल उगाई जा सकती हैं. पत्ता गोभी की खेती करने के लिए सबसे पहले मिट्टी की जांच और विशेषज्ञ से सलाह-मशवरा करना बेहद जरूरी है. इसकी खेती के लिए हल्की दोमट मिट्टी चिकनी मिट्टी सबसे उपयुक्त रहती है. इसके पौधों की रोपाई से पहले खेतों में 3 से 4 गहरी जुताई लगाकर पाटा चलाया जाता है, जिससे मिट्टी भुरभुरा और रोग से मुक्त हो जाए. फिर खेत की तैयारी के बाद खेत में ऊंची क्यारियां या मेड़ बनाएं. फिर लाइनों के बीच 50 सेमी. और पौधे के बीच 30 से 35 की दूरी रखकर रोपाई करें.
5. पालक: पालक एक जल्दी तैयार होने वाली और साल भर उगाई जाने वाली पत्तेदार सब्जी है. पालक की खेती तीनों फसल चक्र यानी रबी, खरीफ और जायद में की जाती है. अच्छी जल निकासी वाली हल्की दोमट मिट्टी में पालक को अच्छी पैदावार मिलती है. पालक की उन्नत किस्मों को उगाने और अच्छी पैदावार को प्राप्त करने के लिए खेत की मिट्टी का भुरभुरा होना आवश्यक होता है. इसके बाद पालक के बीजों की बुवाई करें.
6. धनिया: ताजी पत्तियों के लिए धनिया की खेती भी लगभग पूरे साल की जा सकती है, और यह लगभग 3-4 हफ्तों में तैयार हो जाती है. वहीं, बुवाई से पहले बीजों को हल्का रगड़कर दो हिस्सों में तोड़ लें, ताकि अंकुरण अच्छा हो. बीजों को पंक्तियों में बोना अधिक लाभदायक रहता है. पौधे से पौधे की दूरी 10 सेंटीमीटर और कतार से कतार की दूरी 30 सेंटीमीटर रखनी चाहिए. बीज की गहराई 2-3 सेंटीमीटर होनी चाहिए, ताकि अंकुरण सही तरीके से हो सके.
7. कद्दू: कद्दू की कई किस्में ऐसी हैं जिसकी खेती साल भर उगाई जा सकती हैं, खासकर जायद और खरीफ मौसम में. दरअसल, कद्दू की खेती सभी प्रकार की मिट्टी में आसानी से की जा सकती है. वहीं, अच्छी पैदावार लेने के लिए दोमट या बलुई दोमट मिट्टी सबसे उचित मानी जाती है. कद्दू की खेती करने से पहले खेतों की जुताई करने के बाद पाटा चलाकर मिट्टी को भुरभुरा और समतल करना चाहिए. उसके बाद बीज की बुवाई करनी चाहिए.
8. मिर्च: मिर्च की फसल अब लगभग पूरे साल उगाई जाने लगी है. वहीं, मिर्च की खेती में देखभाल बहुत जरूरी होती है. यदि आप बुवाई करना चाह रहे हैं तो बीज खरीद कर खुद अपने यहां मिर्च की नर्सरी तैयार कर सकते हैं. वहीं, इसकी बुवाई क्यारियां बनाकर दो-दो फीट की दूरी पर करनी चाहिए. दो मेंड़ों के बीच दो से 3 फीट की दूरी होनी चाहिए. ऐसे खेती करने पर मिर्च 9 से 10 महीने में फसल बिक्री के लिए तैयार हो जाएगी.
9. मक्का: मक्का को भारत के अधिकांश हिस्सों में खरीफ और रबी दोनों मौसमों में उगाया जा सकता है, जिससे यह लगभग साल भर उपलब्ध रहता है. वहीं, इसकी खेती के लिए 20-22 किलो बीज प्रति हेक्टेयर की जरूरत होती है. साथ ही इसकी बुवाई करते समय ध्यान रखें कि पंक्तियों के बीच 60 सेमी और पौधों के बीच 20-25 सेमी की दूरी पर करें.
10. गन्ना: गन्ना एक बारहमासी फसल है जिसे परिपक्व होने में लंबा समय लगता है और यह साल भर खेत में रहता है. गन्ने की खेती के लिए खेत की तैयारी, सही बुवाई का समय, उपयुक्त किस्म का चयन, बीज का उपचार, खाद और सिंचाई प्रबंधन महत्वपूर्ण हैं. अच्छी उपज के लिए, खेत में पर्याप्त नमी सुनिश्चित करें, मिट्टी को भुरभुरा बनाने के लिए गहरी जुताई करें और खेत तैयार करें.