Shahi Litchi: मुजफ्फरपुर की शाही लीची की पहली खेप दुबई के लिए रवाना, इस तकनीक के चलते मिला नया बाजार

Shahi Litchi: मुजफ्फरपुर की शाही लीची की पहली खेप दुबई के लिए रवाना, इस तकनीक के चलते मिला नया बाजार

Shahi Litchi Export: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की विश्वप्रसिद्ध शाही लीची अब दुबई के बाजारों में अपनी जगह बना रही है. पहली खेप को कोल्ड चेन ट्रक के माध्यम से लखनऊ एयरपोर्ट से हवाई मार्ग से दुबई भेजा जा रहा है. इस पहल से मुजफ्फरपुर के किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी लीची बेचने का अवसर मिलेगा, जिससे उन्हें बेहतर कीमत मिलेगी.

Shahi Litchi Cold chain TruckShahi Litchi Cold chain Truck
मणि भूषण शर्मा
  • Muzaffarpur,
  • May 30, 2025,
  • Updated May 30, 2025, 10:48 AM IST

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की विश्वप्रसिद्ध शाही लीची ने एक नया इतिहास रचते हुए पहली बार दुबई के बाजारों की ओर कदम बढ़ा दिए हैं. गुरुवार को जिले की पहली खेप को कोल्ड चेन ट्रक के माध्यम से लखनऊ एयरपोर्ट के लिए रवाना किया गया, जहां से यह खेप हवाई मार्ग से दुबई भेजी जाएगी. इस ऐतिहासिक मौके पर जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन खुद मौजूद रहे और हरी झंडी दिखाकर इस पहल का शुभारंभ किया. डीएम सुब्रत कुमार सेन ने आजतक से बातचीत में कहा कि यह पहल मुजफ्फरपुर के किसानों के लिए एक नए युग की शुरुआत है. इससे न केवल हमारी शाही लीची को अंतरराष्ट्रीय बाजार मिलेगा, बल्कि उत्पादकों को बेहतर कीमत भी मिलेगी.

लीची उत्पादक संघ ने लगाई प्रोसेस‍िंंग यूनिट

उन्‍होंने कहा कि कोल्ड चेन तकनीक के माध्यम से अब लीची सीधे बाजार तक सुरक्षित और ताजगी के साथ पहुंचेगी, जिससे बर्बादी रुकेगी और निर्यात की संभावनाएं भी बढ़ेंगी. इस पहल के तहत बंदरा प्रखंड के बरगांव स्थित उत्पादक संघ ने एक अत्याधुनिक प्रोसेसिंग यूनिट लगाई है, जहां लीची को नियत तापमान पर प्रोसेस कर उसकी क्‍वालिटी मेंटेन की जाती है. यह पहली बार है जब इस तरह की वैज्ञानिक प्रक्रिया अपनाकर शाही लीची का निर्यात हो रहा है.

शीत परिवहन प्रणाली की व्यवस्था की गई

पहले कोल्ड चेन की समुचित व्यवस्था के अभाव में लीची के निर्यात में अड़चनें आती थीं. लेकिन, इस बार सरकार और निजी क्षेत्र के समन्वित प्रयासों से कोल्ड स्टोरेज और शीत परिवहन प्रणाली की मजबूत व्यवस्था की गई है. प्रारंभ में हर दिन करीब छह क्विंटल लीची दुबई भेजने का लक्ष्य रखा गया है. लीची को तोड़ने के बाद तुरंत कोल्ड चेन प्रक्रिया के तहत स्‍टोर किया जा रहा है.

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आर्थ‍िक रूप से सशक्‍त होंगे किसान

डीएम सेन ने आगे कहा कि यह पहल न केवल मुजफ्फरपुर के किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी, बल्कि यह भारत की कृषि उपज को वैश्विक स्तर पर नई पहचान दिलाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है. किसानों, उद्यान विभाग और प्रशासन की यह संयुक्त कोशिश आने वाले समय में और भी बड़ी सफलताओं की ओर अग्रसर होगी.

शाही लीची को मिला है GI टैग

मुजफ्फरपुर की शाही लीची को जीआई टैग प्राप्त है और इसका स्वाद, सुगंध और मिठास विश्वभर में प्रसिद्ध है. इस ऐतिहासिक निर्यात के साथ बिहार की मिठास अब सीमाओं के पार भी अपनी छाप छोड़ेगी.

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