हरियाणा में खरीफ फसलों पर 'लाल बालों वाली इल्ली' का हमला, 1500 एकड़ रकबा प्रभावित, किसान ऐसे करें बचाव

हरियाणा में खरीफ फसलों पर 'लाल बालों वाली इल्ली' का हमला, 1500 एकड़ रकबा प्रभावित, किसान ऐसे करें बचाव

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि जब इल्ली नवजात अवस्था में होती है, तो वे एक साथ रहती हैं और पत्तियों की निचली सतह को नुकसान पहुंचाती हैं. वे पूरे पौधे पर घूमते हैं और पत्तियों को खाते हैं. उन्होंने कहा कि लाल बालों वाली इल्ली जुलाई के दूसरे पखवाड़े से लेकर अगस्त के अंत तक सक्रिय रहेगी.

फसलों पर कीटों का हमला. (सांकेतिक फोटो)फसलों पर कीटों का हमला. (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jul 28, 2024,
  • Updated Jul 28, 2024, 10:49 AM IST

पंजाब के बाद हरियाणा में भी फसलों पर कीटों के हमले शुरू हो गए हैं. इससे फसलों को नुकसान पहुंच रहा है. महेंद्रगढ़ जिले के अटेली और नांगल चौधरी क्षेत्र के कई गांवों में 1500 एकड़ लगी बाजरा, कपास और दाल कई सहित खरीफ की कई फसलें लाल बालों वाली इल्ली की चपेट में आ गई हैं. इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है. उनका कहना है कि अगर समय रहते कृषि विभाग इन कीटों से फसल को बचाने के लिए उपाय नहीं करता है, तो उत्पादन भी प्रभावित होगा.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, लाल बालों वाली इल्ली के अटैक की खबर तब सामने आई जब कृषि विभाग और क्षेत्रीय केंद्रीय एकीकृत कीट प्रबंधन केंद्र, फरीदाबाद के नारनौल कार्यालय की एक संयुक्त टीम ने दो दिन पहले जिले के प्रभावित गांवों का दौरा किया. इस दौरान, टीम ने अटेली के मिर्जापुर, बाछोद और भीलवाड़ा गांवों और नांगल चौधरी क्षेत्र के  जैनपुर, मौसमपुर, बिहारीपुर और नांगल कालिया गांवों का दौरा किया. नारनौल के सहायक पौध संरक्षण अधिकारी (एपीपीओ) हरपाल सिंह ने कहा कि हालांकि गांवों में फसलों को लाल बालों वाली इल्ली ने प्रभावित किया है, लेकिन नुकसान ज्यादा नहीं है, इसलिए किसानों को इसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है.

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इस तरह करें फसल का बचाव

उन्होंने कहा कि कुल 1,500 एकड़ में फैली खरीफ फसलों की पहचान की गई है, जो लाल बालों वाली इल्ली से प्रभावित हैं. किसानों को सलाह दी गई है कि वे खेतों के आसपास खरपतवार न होने दें और फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों से बचाने के लिए एक एकड़ के लिए 500 मिली क्विनलफॉस 25 ईसी को 250 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें. सिंह ने दावा किया कि पिछले 15 वर्षों में जिले में पहली बार लाल बालों वाली इल्ली देखी गई है.

क्या कहते हैं कृषि अधिकारी

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि जब इल्ली नवजात अवस्था में होती है, तो वे एक साथ रहती हैं और पत्तियों की निचली सतह को नुकसान पहुंचाती हैं. वे पूरे पौधे पर घूमते हैं और पत्तियों को खाते हैं. उन्होंने कहा कि लाल बालों वाली इल्ली जुलाई के दूसरे पखवाड़े से लेकर अगस्त के अंत तक सक्रिय रहेगी. यह पत्तियों को खाकर खरीफ फसलों को नुकसान पहुंचा रही है. लेकिन यह तो अभी शुरुआत है. इसलिए किसानों को इसे नियंत्रित करने के लिए इन तकनीकों को अपनाना चाहिए. खेतों के आसपास खरपतवार न उगने दें, क्योंकि ये इल्ली उन पर अंडे देती हैं और इन्हें वैकल्पिक मेजबान के रूप में इस्तेमाल करती हैं.

इल्लियों का बढ़ा प्रकोप

अधिकारी ने आगे कहा कि बालों वाली इल्लियों के वयस्क/पतंगे प्रकाश की ओर आकर्षित होते हैं. इसलिए लाइट ट्रैप का उपयोग करके इन पर नियंत्रण किया जा सकता है. अधिक प्रकोप होने पर नीम आधारित कीटनाशकों का उपयोग करके फसलों को बचाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि वयस्क इल्लियों से बचाव के लिए 500 मिली लीटर क्विनालफॉस 25 ईसी को 250 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़काव करना चाहिए.

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