Onion Price: नहीं रुक रहे किसानों के आंसू, नदी में फेंकने पड़ रहे प्याज

Onion Price: नहीं रुक रहे किसानों के आंसू, नदी में फेंकने पड़ रहे प्याज

राजस्थान के प्याज किसानों की मजबूरी बढ़ती जा रही है. मंडी में प्याज के कम दाम मिलने के कारण किसान अपनी फसल सड़क और नदी में फेंकने को मजबूर हैं. जानिए पूरी खबर और किसानों की समस्याओं के बारे में.

प्याज किसानों की दुर्दशाप्याज किसानों की दुर्दशा
क‍िसान तक
  • Alwar ,
  • Nov 06, 2025,
  • Updated Nov 06, 2025, 2:56 PM IST

राजस्थान के प्याज किसान इस समय बेहद मुश्किल हालातों का सामना कर रहे हैं. देश में नासिक के बाद अलवर प्याज की दूसरी सबसे बड़ी मंडी है, लेकिन इस बार किसानों को अपनी मेहनत की फसल के लिए उचित दाम नहीं मिल रहे हैं. बीते साल जहां प्याज के बेहतर दाम मिलते थे, इस बार किसान अपने प्याज के भाव देखकर आंसू रोक नहीं पा रहे.

मंडी में प्याज की आवक शुरू, लेकिन दाम कम

अलवर मंडी में प्याज की आवक शुरू हो चुकी है, लेकिन इस साल भाव बेहद कम हैं. राजगढ़ उपखंड क्षेत्र के किसान अपनी प्याज मंडी में लाते हैं, लेकिन आढ़ती केवल ढाई रुपए प्रति किलो के हिसाब से मूल्य तय कर रहे हैं. इस वजह से किसान मजबूरी में अपनी फसल सड़क या नदी में फेंकने को मजबूर हो रहे हैं.

राजगढ़ और चंदपुरा का दर्द

राजगढ़ क्षेत्र के चंदपुरा गांव में एक किसान ने रात के समय अपनी प्याज नदी में फेंक दी. स्थानीय निवासी सुरेश चंद मीना ने बताया कि किसान ने करीब दो ट्रॉली प्याज मंडी भाव न मिलने पर फेंकी. उन्होंने कहा कि इस साल प्याज की बंपर पैदावार है, लेकिन कोई उचित दाम नहीं दे रहा.

किसानों की लागत और परेशानी

एक बीघा में करीब 50,000 रुपए खर्च आता है, लेकिन इस साल किसान अपनी लागत भी नहीं निकाल पा रहे. एक कट्टे (40 किलो) प्याज का भाव केवल 100 रुपए है, यानी लगभग ढाई रुपए प्रति किलो. किसानों ने बताया कि वे ब्याज पर कर्जा लेकर फसल उगाते हैं और फसल बेचने के बाद घर के खर्च व बच्चों की शादी आदि के लिए पैसा निकालते हैं. इस बार उनकी मेहनत का पैसा भी वापस नहीं मिल रहा.

सरकार से मांग: निर्यात खोलें

किसानों का कहना है कि अगर सरकार निर्यात खोल दे, तो देश की प्याज पड़ोसी देशों में भी जा सकेगी. इससे किसानों को उचित दाम मिलेंगे और नुकसान से बचेंगे. फिलहाल, कई किसान मंडी में बेचने के बजाय सड़क किनारे अपनी प्याज फेंक रहे हैं, ताकि जरूरतमंद लोग वहां से प्याज उठा सकें और बाकी जानवर खा लें.

राजस्थान के प्याज किसान अपनी मेहनत और पैदावार के बावजूद उचित मूल्य न मिलने की वजह से बेहद परेशान हैं. उनकी मदद और सरकारी ध्यान इस समय अत्यंत जरूरी है. निर्यात खोलना और मंडी में उचित मूल्य सुनिश्चित करना ही किसानों की मुश्किलों का स्थायी समाधान हो सकता है.

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